रूस-यूक्रेन युद्ध से गौतमबुद्ध नगर के कारोबारियों ने जताई चिंता, इन चीजों पर पड़ेगा गहरा असर

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रूस-यूक्रेन युद्ध से गौतमबुद्ध नगर के कारोबारियों ने जताई चिंता, इन चीजों पर पड़ेगा गहरा असर

Google Image | नोएडा की मार्केट

Noida/Greater Noida : रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध छिड़ चुका है। ऐसे में जहां एक तरफ छात्र भारत में वापस लौटने के लिए परेशान है तो वहीं दूसरी ओर भारत के कारोबारी भी चिंता जाहिर कर रहे हैं। गौतमबुद्ध नगर के कारोबारियों का कहना है कि इन दोनों देशों की युद्ध के दौरान आर्थिक व्यवस्था एक बार फिर डगमगा गई है। रूस और यूक्रेन में भारत का काफी सामान आयात-निर्यात होता है। ऐसे में आर्थिक व्यवस्था खतरे में पड़ती नजर आ रही है। उद्योगपति और कारोबारियों को इसका हर्जाना भुगतना पड़ रहा है।



कारोबारियों ने जताई चिंता
नोएडा सेक्टर-18 मार्किट एसोसिएशन अध्यक्ष व संयोजक कैट दिल्ली एनसीआर सुशील कुमार जैन ने बताया कि रूस-यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध के कारण भारतीय व्यापार पर बहुत बुरा असर पड़ेगा। अर्थव्यवस्था पर भी बुरे प्रभाव देखने को मिलेंगे। सोने की कीमते आसमान छूने लगी है। स्टांक एक्सचेंज मे भारी उथल-पथल मची हुई है। खासतौर पर तब जब भारतीय बाजार कोविड महामारी से उभरने का प्रयास कर रहा था। युद्ध के कारण कच्चे तेल में अपेक्षित वृद्धि महंगाई को बढ़ावा देगा, वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि का कारण बनेगी। जबकि सोने की कीमतों में अपेक्षित वृद्धि भी घातक होगी। दूसरी ओर इस मौजूदा परिस्थितियों के परिदृश्य में रुपया कमजोर होने की उम्मीद है जो निश्चित रूप से भारत के व्यापार संतुलन को प्रभावित करेगा।

पेट्रोल और डीजल की कीमत में होगा उछाल
उन्होंने आगे कहा कि इस वर्ष में भारत का तेल आयात पहले ही बढ़ गया है, जिससे तेल की कीमतों में लगातार वृद्धि हुई। थोक मूल्य सूचकांक में कच्चे तेल और संबद्ध उत्पादों की हिस्सेदारी अच्छी खासी है। कच्चे तेल में वृद्धि से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में और मुद्रास्फीति बढ़ेगी, जिससे समग्र रूप से सभी वस्तुओं के दाम में वृद्धि होने की आशंका है ।माल की विनिर्माण और परिवहन लागत अधिक महंगी हो जाएगी। कच्चे तेल का इस्तेमाल, प्लास्टिक, फार्मास्यूटिकल्स, मशीनरी, पेंट और कई अन्य वस्तुओं आदि के निर्माण में किया जाता है जो कीमतों को और बढ़ाने का कारक बनेगा।

घरेलू बाजार और प्रभावित होगा
भारत के व्यापारी सामान्य तौर पर यूक्रेन के आपूर्तिकर्ताओं को अग्रिम भुगतान करते है, जो अब अनिश्चितकालीन के लिए फंसने की उम्मीद है।सोने की कीमतों में बढ़ोतरी घरेलू बाजार को और प्रभावित करेगी। यूक्रेन से आने वाले कंसाईनमेंट यदि फंस जाते हैं तो निश्चित रूप से इसका भारतीय व्यापारियों को नुकसान होगा। डॉलर की कीमतों में अपेक्षित वृद्धि अन्य देशों के साथ व्यापार पर प्रतिकूल प्रभाव डालेगी क्योंकि भारतीय व्यापारियों को कंसाईनमेंट के समय प्रचलित कीमत का भुगतान करने के लिए मजबूर किया जाएगा। भारत का समग्र व्यापार भविष्य में अस्थिर होने की उम्मीद है।

इन पर पड़ेगा सबसे ज्यादा असर
आपको बता दें कि भारत में कच्चा तेल, दवा, सूरजमुखी, जैविक रसायन, प्लास्टिक, लोहा और इस्पात आदि का यूक्रेन से आयात करता है। जबकि भारत फल, चाय, कॉफी, दवा उत्पाद, मसाले, तिलहन, मशीनरी और मशीनरी सामान आदि का निर्यात यूक्रेन में करता है। दूसरी ओर रूस भारत के साथ व्यापार में बहुत बड़ा भागीदार है। साफतौर पर इस युद्ध से भारतीयों पर गहरा असर पड़ेगा।

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