नोएडा की निशा शर्मा ब्लाइंड दीप योग करने वाली दुनिया की इकलौती लड़की, तीन भाई-बहन बना चुके कई वर्ल्ड रिकॉर्ड

International Yoga Day : नोएडा की निशा शर्मा ब्लाइंड दीप योग करने वाली दुनिया की इकलौती लड़की, तीन भाई-बहन बना चुके कई वर्ल्ड रिकॉर्ड

नोएडा की निशा शर्मा ब्लाइंड दीप योग करने वाली दुनिया की इकलौती लड़की, तीन भाई-बहन बना चुके कई वर्ल्ड रिकॉर्ड

Tricity Today | तीन भाई-बहन बना चुके कई वर्ल्ड रिकॉर्ड

  • निशा शर्मा ब्लाइंड फोल्ड दीप योग करने वाली पहली लड़की बनीं
  • सामान्य परिवार के तीन सगे भाई-बहन ने बनाया योग का विश्व रिकॉर्ड
  • निशा व अंकित ने एक-एक बार, वरुण ने एक साल में तीन विश्व रिकॉर्ड बनाए
  • योग ओलम्पिक्स में शामिल हुआ तो इंडिया के लिए गोल्ड लाने का सपना
Noida News : आज 21 जून 2022 को भारत समेत पूरा विश्व अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस मना रहा है, लेकिन आंखों पर पट्टी बांधकर माथे पर जलता हुआ दीपक रखकर अनोखे तरीके से योग करने वाली निशा शर्मा भारत ही नहीं पूरे विश्व की पहली ऐसी लड़की हैं, जो इस प्रकार का योग करती हैं। उन्हें 'फर्स्ट गर्ल ऑफ ब्लाइंड फ्लोड दीप योग' के नाम से जाना जाता है। निशा नोएडा सेक्टर-62 स्थित नवादा गांव की रहने वाली हैं। ऐसे योगासन में विश्व रिकॉर्ड बनाकर अपना नाम गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज करवाया है।

छोटे बहन-भाई भी निशा शर्मा से कुछ कम नहीं
निशा का छोटा भाई अंकित भी योग में वर्ल्ड रिकॉर्ड हासिल कर चुका है। जबकि इन दोनों से छोटे वरुण शर्मा ने तो एक ही साल में अपने नाम तीन वर्ल्ड रिकॉर्ड किए हैं। उन्होंने अपना नाम गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रेकॉर्ड में दर्ज करवाया है। इन तीनों सगे बहन-भाइयों ने 'ट्राईसिटी टुडे' से बात करते हुए बताया कि ये तीनों बचपन से योग कर रहे हैं। निशा शर्मा जब चार साल की थीं, तब से योगा कर रही हैं। जबकि अंकित और वरुण तब से योगा कर रहे हैं, जब ये योगा का मायने भी नहीं जानते थे। 

माथे पर जलता दीपक रख योग करने वालीं दुनिया की इकलौती लड़की
निशा बताती हैं, "मैं योगा में वर्ल्ड रिकॉर्ड होल्डर और इंटरनेशनल ब्रॉन्ज मेडलिस्ट हूं। मुझे बहुत सारे सेलिब्रिटी ने अब तक अवार्ड दिए हैं। मैं जब दूसरी क्लास की छात्रा थी, तबसे योगा कर रही हूं और 11 अगस्त 2019 को ब्लाइंड फोल्ड दीप योग (आंखों पर पट्टी बांधकर माथे पर दीप रखकर योग करना) करके वर्ल्ड रिकॉर्ड अपने नाम किया था।" अंकित का कहना है कि वो बचपन में मोटे थे तो वजन कम करने के लिए योगा की शुरू की। लेकिन आज योगा में इंटरनेशनल प्लेयर हैं और मेडलिस्ट भी हैं। वहीं, वरुण शर्मा का कहना कि वो पहली क्लास से योगा कर रहे हैं। एक ही साल में योग में तीन वर्ल्ड रेकॉर्ड हासिल करने के पीछे मेरी बचपन से लगातार चल रही लगन, मेहनत और प्रैक्टिस है। जिसके कारण मैंने ये वर्ल्ड रिकॉर्ड हासिल किये हैं। 

योगा की कहां से मिली प्रेरणा?
तीनों बहन-भाई बताते हैं कि उन्हें योगा की प्रेरणा नोएडा निवासी दिव्यांग तेजस्वी शर्मा से मिली। जिन्होंने योगासन में विश्व रिकॉर्ड और अन्य कई रिकॉर्ड अपने नाम किये हैं। उनके पेरेंट्स से मिलती थीं, जो योग के प्रति प्रेरित करते रहते हैं। निशा शर्मा विश्व योग रिकॉर्ड धारक हैं, उन्होंने गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करवाया है। पद्मासन में गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड हासिल किया। उन्होंने 1 घंटा 50 मिनट पद्मासन करके 11 अगस्त 2019 को वर्ल्ड रिकॉर्ड हासिल किया था।अंतरराष्ट्रीय योगासन चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतने के अलावा दर्जनों मेडल और अवार्ड हासिल किये हैं। 

पहले रिकॉर्ड बनाए फिर अपने ही रिकॉर्ड तोड़े
निशा के छोटे सबसे छोटे भाई वरुण शर्मा भी एक विश्व योग रिकॉर्ड धारक हैं। उन्होंने अपना नाम गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज करवाया है। वरुण ने 7 जुलाई 2019 को पश्चिमोत्तानासन सबसे लंबे समय 1 घण्टा 39 मिनट करके विश्व रिकॉर्ड हासिल किया। 2 अगस्त 2019 को बैठने लिए आगे की ओर 1 घण्टा 27 झुककर रहने का रिकॉर्ड इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज करवाया था। वरुण शर्मा ने 11 अगस्त 2019 को अपने ही दोनों रिकॉर्ड तोड़ दिए। उन्होंने 2 घंटे 5 मिनट तक पश्चिमोत्तानासन किया। अंकित ने 30 सेकेंड में 40 हनुमान पुशअप्स करके वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है। वह भी एक अंतरराष्ट्रीय योग खिलाड़ी हैं। उन्होंने दिल्ली में अंतरराष्ट्रीय योग चैंपियनशिप खेली, पतंजलि योग शिक्षक द्वारा योग का कोर्स किया है। कराटे में राष्ट्रीय स्तर पर दो स्वर्ण और कांस्य पदक हासिल किए हैं।कराटे में ब्लैक बेल्ट के साथ दर्जनों अवार्ड और मेडल उनके पास हैं।

योगा अगर ओलंपिक में शामिल होता है तो इंडिया के लिए जीतेंगे गोल्ड मेडल 
निशा शर्मा ने बताया कि ब्लाइंड फोल्ड दीप योग (BLIND FOLD DEEP YOG) करने वाली विश्व की पहली लड़की हैं। अब तक उन्हें और उनके भाइयों को शासन-प्रशासन से कोई मदद नहीं मिली है। वह योग जैसी कला और क्रिया से युवा पीढ़ी को दूर जाने की वजह पर कहती हैं, "हम जैसे इंटरनेशनल योग खिलाड़ियों की ओर सरकार का कोई ध्यान नहीं है। इसलिए सब इससे मुंह मोड़ते हैं। अगर बात हेल्थ की करें तो हमें हमारे शरीर और दिमाग को फिट रखने के लिए कम से कम 10 मिनट योगा करना चाहिए। मोबाइल टीवी देखने से स्ट्रैस बढ़ती है, जबकि योगा करने से हमें बहुत ज्यादा शांति महसूस होती है। हम चाहते हैं कि योगा को ओलंपिक में शामिल किया जाए। अगर ऐसा होता है तो मैं ओलंपिक में जीतकर इंडिया के लिए गोल्ड मेडल लाना चाहती हूं। अगर हमे योगा से अच्छी जगह हासिल नहीं होती है तो हम टीचिंग करेंगे। सभी को फ्री योगा सिखाएंगे। क्योंकि हमारे पेरेंट्स का सपना हेल्दी इंडिया है। जिसके लिए हम चाहते हैं कि सभी योगा करें और स्वस्थ्य रहें।" 

बाहर का खाना, मोबाइल और टीवी से रहते हैं तीनों बच्चे बहुत दूर: पेरेंट्स 
विश्व चैंपियंस के पिता राधेश्याम शर्मा का कहना है, "मैं नोएडा के सेक्टर-62 नवादा गांव में अपने परिवार के साथ रहता हूं। हम एक सामान्य परिवार की तरह जीवन यापन करते हैं। हमारे तीनों बच्चों की इस यात्रा का श्रेय हम लें तो ठीक नहीं होगा। जब तक बच्चे न चाहें तो कुछ भी नहीं हो सकता।" उनका कहना है कि उनके घर में बाहर की खाने-पीने की चीजें कब से हैं आई हैं, उन्हें खुद याद नहीं है। घर का बना ताजा भोजन करते हैं। मोबाइल हमारे घर में मेरे अलावा कोई और उपयोग नहीं करता है। अगर बात टीवी की करें तो शोपीस की तरह है। जब भी निशा, अंकित और वरुण को खाली समय मिलता है, योग करते हैं। स्थानीय नेताओं से हम बहुत मिले मदद मांगी, लेकिन सिवाय आश्वासन के कुछ हासिल नहीं हुआ।"
 

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