Noida News : लंबे समय तक गौतमबुद्ध नगर में बेहद शानदार पारी खेलने के बाद आईपीएस अधिकारी हरिश्चंद्र का तबादला हो गया। योगी सरकार ने उनको कानपुर नगर भेज दिया है। सबसे बड़ी बात यह है कि कमिश्नर सिस्टम लागू होने के पहले दिन से हरिश्चंद्र गौतमबुद्ध नगर में हैं। उन्होंने गौतमबुद्ध नगर के पूर्व पुलिस कमिश्नर आलोक सिंह के साथ कार्यभार संभाला। अब 4 साल बाद उनका ट्रांसफर हुआ है।
कौन हैं हरिश्चंद्र
हरिश्चंद्र मूल रूप से दिल्ली के रहने वाले हैं। वह उत्तर प्रदेश कैडर में बैच 2010 बैच के आईपीएस अफसर हैं। हरिश्चंद्र ने पॉलिटिकल साइंस में मास्टर्स किया। गौतमबुद्ध नगर में पुलिस कमिश्नरेट का गठन 13 जनवरी 2020 को किया गया था। तभी हरिश्चंद्र को गौतमबुद्ध नगर में बतौर डीसीपी की जिम्मेदारी मिली। वह पहले सेंट्रल नोएडा में डीसीपी थे और फिर उनको नोएडा जोन का डीसीपी बनाया गया।
विपरीत समय में जिम्मेदारी संभाली
हरिश्चंद्र बेदाग और साफ छवि के आईपीएस अफसर हैं। उन्होंने लंबे समय तक अहम जिम्मेदारियों पर काम किया। हरिश्चंद्र ने उस समय गौतमबुद्ध नगर में डीसीपी पद संभाला, जब जिले की कानून-व्यवस्था चरमराई हुई थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पहली बार गौतमबुद्ध नगर में कमिश्नर सिस्टम लागू किया था और हरिश्चंद्र जैसे बेहतरीन अफसरों की वजह से कमिश्नर सिस्टम कामयाब हुआ। हरिश्चंद्र के कार्यकाल में बड़े-बड़े गैंग का पर्दाफाश हुआ। इसके अलावा कई शातिर अपराधी सलाखों के पीछे पहुंचे।
विवादों और आरोपों से कोई रिश्ता नहीं
एक बड़ी बात यह भी है कि गौतमबुद्ध नगर में रहते समय हरिश्चंद्र किसी विवाद में नहीं घिरे। करीब 4 साल तक नोएडा जैसे हाईटेक शहर में डीसीपी पद पर काम करने के दौरान उनके ऊपर कोई आरोप नहीं लगे। असल में देखा जाता है कि जो अधिकारी नोएडा जैसे शहर में लंबे समय तक टिक जाता है, वह सवालों में घिर जाता है। लेकिन हरिश्चंद्र का नोएडा में रहते समय विवादों और आरोपों से दूर-दूर का कोई रिश्ता नहीं बना। इसलिए उनको बेदाग और साफ छवि का अफसर कहा जाता हैं।