कंपनी डिफॉल्टर हुई, 4,059 करोड़ रुपये का कर्ज नहीं चुकाया

जेपी समूह से बुरी खबर : कंपनी डिफॉल्टर हुई, 4,059 करोड़ रुपये का कर्ज नहीं चुकाया

कंपनी डिफॉल्टर हुई, 4,059 करोड़ रुपये का कर्ज नहीं चुकाया

Google Image | Jaypee Group

Mumbai/Noida : नोएडा और ग्रेटर नोएडा में महत्वपूर्ण विकास परियोजनाएं रखने वाले जेपी समूह (Jaypee Group) से अच्छी खबर नहीं है। इस उद्योग समूह की मुख्य कंपनी जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड (Jaiprakash Associates) ने भारी भरकम कर्ज का डिफॉल्ट किया है। कंपनी की ओर से चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही की क्लोजिंग में यह जानकारी शेयर बाजार को दी गई है। इस डिफॉल्ट में बैंकों के अलावा दूसरे कर कर्ज भी शामिल हैं। इस समूह की एक और दूसरी कंपनी जेपी इंफ्राटेक लिमिटेड के खिलाफ पहले ही दिवालिया प्रक्रिया चल रही है।

जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड हुई डिफॉल्टर
जेपी समूह की प्रमुख कंपनी जयप्रकाश एसोसिएट्स ने 4,059 करोड़ रुपये का कर्ज नहीं चुकाया है। इस राशि में मूलधन और ब्याज दोनों
शामिल हैं। जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड ने शेयर बाजार को बताया कि कंपनी ने 31 दिसंबर को प्रिंसिपल अमाउंट 1,713 करोड़ रुपये और ब्याज के 2,346 करोड़ रुपये के भुगतान में चूक की है। यह कर्ज विभिन्न बैंकों से लिया गया था। इस ऑब्लिगेशन में वर्किंग कैपिटल, गैर फंड आधारित वर्किंग कैपिटल, टर्म लोन और FCCB (फॉरेन करेंसी कनवर्टिबल
बॉन्ड) जैसी देनदारियां शामिल हैं।

आईसीआईसीआई और एसबीआई कंपनी के खिलाफ
सितंबर 2018 में आईसीआईसीआई बैंक ने जयप्रकाश एसोसिएट्स के खिलाफ दिवालिया याचिका दायर की थी लेकिन मामला अभी भी नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल की इलाहाबाद बेंच के समक्ष लंबित है। देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने भी इस साल सितंबर में जयप्रकाश एसोसिएट्स के खिलाफ एनसीएलटी का रुख किया था। जिसमें 15 सितंबर, 2022 तक कुल 6,893.15 करोड़ रुपये के डिफॉल्ट का दावा किया गया। कुल मिलाकर पिछले कई वर्षों से इस उद्योग समूह की हालत खस्ता है। आपको बता दें कि जेपी समूह के पास नोएडा, ग्रेटर नोएडा और आगरा में बड़ा लैंड बैंक है। यमुना एक्सप्रेसवे और देश का पहला फॉर्मूला वन रेसिंग ट्रेक बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट भी इस समूह की संपत्तियों में शामिल हैं।

कर्ज खत्म करने के लिए लगातार एसेट्ज बेच रहा है समूह
पिछले महीने जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड और उसके समूह की फर्मों ने डालमिया भारत लिमिटेड के उसके पास बाकी बचे सीमेंट्स एसेट्स को 5,666 करोड़ रुपये की एंटरप्राइज वैल्यू पर बेचने और इस सेक्टर से बाहर निकलने का ऐलान किया था। कंपनी यह बिक्री अपने ऊपर लदे कर्ज को कम करने की रणनीति के तहत कर रही है। इससे पहले जयप्रकाश एसोसिएट्स ने अपने डेब्ट रिजॉल्यूशन प्लान के तहत साल 2014 से 2017 के बीच आदित्य बिड़ला समूह की फर्म अल्ट्राटेक सीमेंट को अपनी 2 करोड़ टन से अधिक सीमेंट क्षमता बेची थी। साल 2015 में जेपी ग्रुप ने अपनी 20 लाख टन से अधिक सीमेंट क्षमता की कंट्रोलिंग हिस्सेदारी डालमिया समूह को बेची थी।

यमुना अथॉरिटी के साथ भी चल रहा है विवाद
ग्रेटर नोएडा से आगरा तक 165 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेसवे बनाने के लिए जेपी समूह को उत्तर प्रदेश सरकार ने नोएडा, ग्रेटर नोएडा और आगरा में 3 बड़ी टाउनशिप बसाने के लिए जमीन दी थी। इसके अलावा ग्रेटर नोएडा में कंपनी ने यमुना एक्सप्रेसवे से स्पेशल डेवलपमेंट जोन के तहत स्पोर्ट सिटी प्रोजेक्ट के लिए जमीन हासिल की थी। जिसमें रियल स्टेट गतिविधियों के अलावा बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट और एक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम बनाया जाना था। इस जमीन के आवंटन की एवज में जेपी समूह यमुना अथॉरिटी को पैसा नहीं दे रहा है। जिसके चलते प्राधिकरण और कंपनी के बीच कई वर्षों से विवाद चल रहा है। पिछले दिनों यमुना अथॉरिटी ने भूमि आवंटन को रद्द करने की चेतावनी दी है।

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