हवाई जहाज उड़ाने और फ्लैट बनाने से लेकर कब्रगाह तक बेचने का कारोबार, 34 कम्पनियों के मालिक

सुपरटेक के मालिक आरके अरोड़ा का सफरनामा : हवाई जहाज उड़ाने और फ्लैट बनाने से लेकर कब्रगाह तक बेचने का कारोबार, 34 कम्पनियों के मालिक

हवाई जहाज उड़ाने और फ्लैट बनाने से लेकर कब्रगाह तक बेचने का कारोबार, 34 कम्पनियों के मालिक

Tricity Today | सुपरटेक के मालिक आरके अरोड़ा

Supertech Emeralds Court Crisis : नोएडा में सुपरटेक कम्पनी की एमरॉल्ड कोर्ट आवासीय परियोजना में ट्विन्स टावर्स को तोड़ने का आदेश सुप्रीम कोर्ट ने दे दिया है। इसके बाद सुपरटेक बिल्डर की मनमानी और कानून तोड़ने की आदतों पर ना केवल कोर्ट बल्कि सरकार की नजर भी गई है। दूसरी ओर विकास प्राधिकरण के भ्रष्ट अफसरों की कारगुजारी अब खुलकर सामने आ गई हैं। सुपरटेक लिमिटेड के संस्थापक और चेयरमैन आरके अरोड़ा का सफरनामा दिलचस्प है। आरके अरोड़ा अब तक 34 कंपनियां बना चुके हैं। जिनमें उनके बेटे, कुछ रिश्तेदार और बिजनेस पार्टनर शामिल हैं।

ट्राईसिटी टुडे ने इन कंपनियों से जुड़े तथ्यों की छानबीन की है। जिनमें कई दिलचस्प और चौकाने वाली बातें सामने आई हैं। मसलन, आरके अरोड़ा और उनके कारोबारी सहयोगी केवल घर बनाने और बेचने का कारोबार नहीं कर रहे थे। इन लोगों ने कई और कारोबार खड़े किए हैं। आरके अरोड़ा ने सिविल एविएशन, कंसलटेंसी, ब्रोकिंग, प्रिंटिंग, फिल्म्स, हाउसिंग फाइनेंस, कंस्ट्रक्शन, प्रीकास्ट कंस्ट्रक्शन और तो और कब्रगाह बनाने-बेचने के लिए भी कंपनियां बनाई हैं।

1995 में सुपरटेक लिमिटेड की नींव रखी
एमराल्ड कोर्ट में दो अवैध टावर बनाने वाली कंपनी सुपरटेक लिमिटेड से ही आरके अरोड़ा ने रियल स्टेट की दुनिया में पांव रखा था। कॉरपोरेट अफेयर मिनिस्ट्री की आधिकारिक वेबसाइट और डाटा के मुताबिक आरके अरोड़ा और उनके साथियों ने 7 दिसंबर 1995 को इस कंपनी की शुरुआत की थी। कंपनी ने अब तक मेरठ, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, यमुना प्राधिकरण क्षेत्र और दिल्ली-एनसीआर समेत देशभर के करीब 12 शहरों में रियल स्टेट प्रोजेक्ट लॉन्च किए हैं। इसके बाद आरके अरोड़ा ने एक-एक करके अलग-अलग कामों के लिए 34 कंपनियां बनाई हैं।

चार साल बाद पत्नी ने रखी दूसरी कम्पनी की नींव
आरके अरोड़ा की पत्नी संगीता अरोड़ा भी उनके कारोबार में हिस्सेदार हैं। वर्ष 1995 में आरके अरोड़ा ने अपनी पहली कंपनी सुपरटेक लिमिटेड की नींव रखी तो उनके ठीक 4 साल बाद 19 फरवरी 1999 को संगीता अरोड़ा ने दूसरी कंपनी सुपरटेक बिल्डर्स एंड प्रमोटर्स प्राइवेट लिमिटेड खड़ी की। हालांकि, कुछ महीने बाद 25 मई 1999 को आरके अरोड़ा इस कंपनी के निदेशक मंडल में शामिल हुए। अब संगीता अरोड़ा 9 कंपनियों में विभिन्न पदों पर काम कर रही हैं।

सिविल एविएशन, फिल्म्स और प्रिंटिंग में भी हाथ आजमाए
आरके अरोड़ा ने अपना कारोबार केवल रियल एस्टेट और कंस्ट्रक्शन तक सीमित नहीं रखा। उन्होंने मौजूदा दौर के लगभग हर छोटे-बड़े धंधे में हाथ आजमाया है। मतलब, एयर ट्रांसपोर्ट शुरू करने के लिए आरके अरोड़ा और उनके सहयोगियों ने 9 जनवरी 2013 को सुपरटेक एविएशन प्राइवेट लिमिटेड की शुरुआत की। इस कंपनी ने बाकायदा एक हवाई जहाज खरीदा। सुपरटेक एविएशन का मकसद सिविल एविएशन में लाइसेंस हासिल करना था। उस वक्त कंपनी की ओर से बताया गया था कि नोएडा-ग्रेटर नोएडा से उत्तर प्रदेश और दिल्ली एनसीआर के शहरों तक उड़ान शुरू करने की योजना है। हालांकि, बाद में यह प्रोजेक्ट खटाई में पड़ गया। सुपरटेक एविएशन को हवाई जहाज भी वापस लौटाना पड़ा था। इससे पहले 10 सितंबर 2009 को सुपरटेक फिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी आरके अरोड़ा बना चुके थे। इस कंपनी का मकसद फिल्म्स और प्रिंटिंग के क्षेत्र में काम करना था।

बेटे मोहित अरोड़ा के साथ पावर कम्पनी बनाई
आरके अरोड़ा यही नहीं रुके। उन्होंने अपने बेटे मोहित अरोड़ा के साथ मिलकर पावर जेनरेशन, डिस्ट्रीब्यूशन और बिलिंग सेक्टर में भी पांव रखा। इसके लिए सुपरटेक ऊर्जा एंड पावर प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी बनाई। 17 मार्च 2011 को बनी इस कंपनी में दोनों पिता-पुत्र ही डायरेक्टर हैं। बड़ी बात यह है कि आरके अरोड़ा 34 कंपनियों में डायरेक्टर हैं तो उनके बेटे मोहित अरोड़ा भी 19 कंपनियों के निदेशक मंडल में शामिल हैं।

अकेले साल 2006 में 19 कम्पनियां रजिस्टर्ड करवाईं
आरके अरोड़ा ने कंसलटेंसी, ब्रोकिंग, हाउसिंग फाइनेंस, प्रीकास्ट, पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन, रिकवरी और लैंड डेवलपमेंट के लिए कम्पनियां बनाई हैं। उनकी 34 कंपनियों में से 19 कंपनियों के रजिस्ट्रेशन वर्ष 2006 के दौरान करवाए गए हैं। इसके बाद वर्ष 2007, 2009, 2010, 2011 और 2013 में कंपनियां रजिस्टर्ड करवाई गई हैं। आरके अरोड़ा ने आखिरी कंपनी दामोदर बिल्डइंजीनियर्स प्राइवेट लिमिटेड का अधिग्रहण 8 जुलाई 2019 को करवाया था। आर के तिवारी किस कंपनी में 18 अक्टूबर 2016 से डायरेक्टर है।

कब्रिस्तान बनाने और बेचने के लिए भी कंपनी बनाई
आरके अरोड़ा और उनके साथियों की कारोबारी विविधता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इन लोगों ने कब्रिस्तान का विकास करने और आवंटन करने के लिए भी एक कंपनी का गठन किया है। 10 जनवरी 2006 को यह कंपनी बनाई गई थी। कंपनी में आरके अरोड़ा के अलावा अमित जैन, मुकेश अग्रवाल, अशोक चौधरी, संजीव श्रीवास्तव और अशोक कुमार गुप्ता डायरेक्टर हैं। इस कंपनी की पैड-अप कैपिटल और ऑथराइज्ड कैपिटल केवल एक-एक लाख रुपये है। मतलब, कंपनी का रजिस्ट्रेशन करवाने के बाद कारोबारी गतिविधियां लगभग नगण्य रही हैं। हालांकि, नियमित रूप से इस कंपनी के एनुअल जनरल मीटिंग हो रही हैं। कॉरपोरेट अफेयर मिनिस्ट्री को रिकॉर्ड भी भेजा जा रहा है।

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