Noida News : किशोर न्याय बोर्ड (जेजेबी) ने रविवार को एक चौंकाने वाले फैसले में 6 नाबालिगों को जमानत दे दी और नोएडा पुलिस द्वारा उन पर लगाए गए कई गंभीर आरोपों को पूरी तरह से खारिज कर दिया। दरअसल, शुक्रवार (9 अगस्त 2024) की रात सेक्टर-126 थाने में स्थानीय निवासियों ने पुलिस को सूचना दी कि सुपरनोवा सोसायटी के फ्लैट नंबर-3401 में रेव पार्टी चल रही है, जहां छात्र शराब और ड्रग्स का सेवन कर रहे थे।
34 छात्रों में से 6 नाबालिग
पुलिस ने शनिवार तड़के छापे के दौरान 34 छात्रों को गिरफ्तार किया और इनमें से 6 नाबालिगों को हिरासत में लिया। हालांकि, पुलिस ने इस संबंध में किस मामले में मामला दर्ज किया गया, लेकिन इसका कोई स्पष्ट विवरण नहीं दिया। जांच अधिकारी और सहायक पुलिस आयुक्त प्रवीण सिंह द्वारा नाबालिगों को किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष पेश किया गया।
नाबालिगों के खिलाफ इन धाराओं में मुकदमा दर्ज
बोर्ड ने पाया कि पुलिस ने नाबालिगों के खिलाफ नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट (एनडीपीएस) की धारा 21/22, अनैतिक व्यापार निवारण अधिनियम की धारा 3 और 5, सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद (सीओटीपीए) अधिनियम की धारा 7, 8 और 22, यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम की धारा 21(1), किशोर न्याय (जेजे) अधिनियम की धारा 77 और भारतीय दंड संहिता की धारा 292 (सामुदायिक सेवा) के तहत आरोप लगाए थे। बोर्ड ने पाया कि इन आरोपों में कोई ठोस सबूत नहीं है और इन्हें पूरी तरह से खारिज कर दिया।
किशोर न्याय बोर्ड ने लगाई फटकार
जेजेबी की प्रिंसिपल मजिस्ट्रेट आकृति ने आदेश में कहा, "पुलिस ने जानबूझकर इन किशोरों पर गंभीर आरोप लगाए, जबकि कोई उचित जांच-पड़ताल नहीं की गई।" शुक्रवार को स्थानीय निवासियों ने शिकायत की थी कि चौथी मंजिल की बालकनी से पूल एरिया में वोदका की बोतल फेंकी गई थी। वहां 50 से अधिक छात्र तेज संगीत, शराब और ड्रग्स के साथ पार्टी कर रहे थे। हालांकि, बोर्ड ने कहा कि जांच अधिकारी रिकॉर्ड पर ऐसा कोई सबूत नहीं ला सके, जो साबित कर सके कि नाबालिगों ने किसी को मादक पदार्थ दिए थे या वे नशे में थे। बोर्ड के सदस्य मजिस्ट्रेट अरुण कुमार गुप्ता ने बताया, "पुलिस ने शराब की केवल 17 बोतलें जब्त की थीं, जिनमें से केवल दो खुली थीं और एक चिलम भी जब्त किया था। वे यह साबित करने में विफल रहे कि चिलम में ड्रग्स थे।"
30 छात्रों को जमानत पर रिहा किया
नोएडा के पुलिस उपायुक्त राम बदन सिंह ने कहा, "हमने जांच के आधार पर सभी धाराओं को शामिल किया था। अदालत ने अवलोकन के बाद उन्हें हटा दिया है।" उन्होंने यह भी बताया कि नाबालिगों के अलावा 4 वयस्कों को न्यायिक हिरासत में भेजा गया है, जबकि 30 अन्य को जमानत पर रिहा कर दिया गया है।