लिटरेसी इंडिया और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस ने स्किल डेवलपमेंट सेंटर बनाया, जानिए क्या फायदा होगा

नोएडा की महिलाओं के लिए बड़ी खबर: लिटरेसी इंडिया और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस ने स्किल डेवलपमेंट सेंटर बनाया, जानिए क्या फायदा होगा

लिटरेसी इंडिया और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस ने स्किल डेवलपमेंट सेंटर बनाया, जानिए क्या फायदा होगा

Tricity Today | नोएडा की महिलाओं के लिए बड़ी खबर

International Women's Day 2021: नोएडा की महिलाओं के लिए बड़ी खबर है। अंतरर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर लिटरेसी इंडिया (Litracy India) और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस (Oxford University Press) ने महिलाओं के लिए एक शिक्षा और कौशल विकास केन्द्र (Skill Development Center) शुरू किया है। जिसका उद्देश्य महिलाओं को कौशल प्रदान करके आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाना है। नोएडा के सेक्टर-93 में स्थित इस केन्द्र में सिलाई और टेलरिंग, ब्यूटी एण्ड वैलनैस, बेसिक कम्प्युटर शिक्षा और बेसिक इंग्लिश स्पीकिंग के पाठ्यक्रम संचालित किए जाएंगे।

कोविड लॉकडाउन में केंद्र की परिकल्पना तैयार की

मिली जानकारी के मुताबिक यह केन्द्र उन बच्चों के लिए भी रेमेडियल शिक्षा के अवसर पेश करेगा, जिन्हें डिजिटल लर्निंग सुलभ नहीं हो पाने के कारण एक साल की पढ़ाई छूट गई है। इस प्रयास के तहत लड़कियों की शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। लिटरेसी इंडिया और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस ने अक्टूबर 2020 में इस केन्द्र की अवधारणा तैयार की थी। कोविड-19 के चलते लॉकडाउन के प्रभावों को देखते हुए इस केन्द्र की स्थापना की गई। क्योंकि कई परिवार में इकलौते कमाने वाले पुरूषों की नौकरियां चली गई थीं। फैक्टरियों, कायार्लयों और अन्य कमर्शियल संस्थानों में काम करने वाले असंख्य लोगों को अपनी आजीविका से हाथ धोना पड़ा था। 

आज पहले बैच की महिलाओं को सर्टिफिकेट बांटे गए

कोविड-19 संबंधी प्रतिबंधों के चलते अक्टूबर 2020 से इस केन्द्र का संचालन पूरी तरह से नहीं हो पा रहा था, किंतु आने वाले महीनों में इसका पूर्ण संचालन शुरू कर दिया जाएगा। संस्था ने कहा, "उम्मीद की जा रही है कि इस केन्द्र में कौशल प्राप्त करने के बाद महिलाओं को रोज़गार मिलेगा और वे अपने उद्यम शुरू करके अपने परिवार को सहयोग प्रदान कर सकेंगी। सिलाई और टेलरिंग में महिलाओं का पहला बैच पाठ्यक्रम पूरा कर चुका है। उन्हें अन्तरार्ष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर प्रमाणपत्र दिए गए हैं। महिला लीडरों सहित ओयूपी कर्मचारी भी इस मौके पर मौजूद थे, जिन्होंने पाठ्यक्रम पूरा करने वाली महिलाओं का उत्साहवर्धन किया है।

कॉरोनाकाल में आर्थिक तंगी से उबरेगा यह प्रोजेक्ट

ऑक्सफोर्ड युनिवर्सिटी प्रेस इंडिया के प्रबंध निदेशक सिवारामकृष्णन वेंकटेश्वरन ने कहा, “ओयूपी में हमारा मानना है कि शिक्षा और लर्निंग में अपार क्षमता है। मुझे खुशी है कि लिटरेसी इंडिया के साथ अपने इन चैरिटेबल प्रयासों के माध्यम से हम प्रतिभाशाली महिलाओं को आगे बढ़ने और अपने सपने साकार करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।” लिटरेसी इंडिया की संस्थापक इंद्राणी सिंह ने कहा, “कोविड-19 के चलते कई क्षेत्र पीछे छूट गए हैं। खासतौर पर वंचित समुदायों के लोगों की शिक्षा में रूकावटें आई हैं। इसी के मद्देनज़र ऑक्सफोर्ड युनिवर्सिटी प्रेस ने सतत विकास लक्ष्य 2030 के अनुरूप वंचित समुदायों के बच्चों और महिलाओं के कौशल विकास, शिक्षा और डिजिटल सशक्तीकरण की दिशा में अपने प्रयास और तेज़ कर दिए हैं। हम ऑक्सफोर्ड युनिवर्सिटी प्रेस इंडिया के प्रति आभारी हैं, जो इस यात्रा में हमें सहयोग प्रदान कर रहे हैं।”

दिल्ली-एनसीआर और कोलकाता में केंद्र बनाए गए हैं

ओयूपी और लिटरेसी इंडिया ने पिछले पांच सालों में दिल्ली-एनसीआर और कोलकाता स्थित अपने केन्द्रों में कई शिक्षा एवं कौशल विकास परियोजनाओं को समर्थन दिया है। पिछले साल ओयूपी ने कोलकाता में कारीगरी प्रोग्राम की स्थापना के लिए लिटरेसी इंडिया को सहयोग प्रदान किया। यह परियोजना कौशल आधारित सेर्टिफिकेट कोर्स इन कम्प्यूटर ऐप्लीकेशन्स, कोर्स ऑन कम्प्यूटर कॉन्सेप्ट्स जैसे पाठ्यक्रम उपलब्ध कराती है। ये पाठ्यक्रम व्यस्कों के लिए विशेष रूप से मददगार हैं। ओयूपी इंडिया ने लिटरेसी इंडिया के साथ साझेदारी में महामारी के दौरान दो डिजिटल लर्निंग सेंटर भी स्थापित किए हैं। जब कोविड-19 के चलते स्कूल बंद थे तो इन केन्द्रों ने अध्यापकों को बच्चों के साथ जुड़े रहने में मदद की।

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