Noida News : नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों और कर्मचारियों तेजी से बढ़ रहे कोरोना संक्रमण की लपेट में आ गए हैं। प्राधिकरण के डेढ़ दर्जन से अधिक अधिकारी और कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं और काफी लोग बीमार हैं। साथ ही काफी संख्या में प्राधिकरण के कर्मचारियों की ड्यूटी चुनाव में लगनी शुरू हो गई है जिस वजह से प्राधिकरण का कामकाज प्रभावित हो रहा है।
प्राधिकरण में इन कार्यों के करवाने में होगी देरी
नोएडा प्राधिकरण में संबंधित संपत्ति की रजिस्ट्री कराने, टीएम, म्यूटेशन, एक्सटेंशन, मार्गेज, नक्शा पास कराने और बाकी सभी कामों में 15 से 20 दिन का समय या 1 महीने भी लग सकता है जब इन कामों में तकरीबन 1 हफ्ते का समय लगता है लेकिन अधिकतर अधिकारी और कर्मचारियों के कोरोनावायरस और बीमार और साथ ही कर्मचारियों की इलेक्शन में ड्यूटी लगने शुरु होने की वजह से कामा में देरी होगी।
प्राधिकरण की सभी तरह की संपत्तियां , (अवसीय भवन, औद्योगिक, संस्थागत, भूखंड, ग्रुप हाउसिंग) लीज पर आवंटित है। इन सभी संबंधित कार्य के लिए जो भी प्रक्रिया होनी होती है, वे सभी नोएडा प्राधिकरण में होती हैं। यही नहीं अगर किसी को मकान बनाना होता है तो नक्शा पास कराने के लिए प्राधिकरण में नियोजक विभाग है। ऐसे संबंधित कामकाज के लिए रोजाना 700 से 800 लोग सेक्टर-6 के कार्यालय में जाते हैं और बाकी ऑनलाइन आवेदन करते हैं।
डेढ़ दर्जन अधिकारी और कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव
प्राधिकरण के ओएसडी, तहसीलदार, प्रबंधक के साथ डेढ़ दर्जन से अधिक और कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव हो गए हैं। वही, 40 से 50 अधिकारी और कर्मचारी बीमार हैं। गौरतलब यह है कि इसी बीच जिले में विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो गई है। मंगलवार और बुधवार को नोएडा-ग्रेटर नोएडा के अलग-अलग मतदान केंद्रों पर प्राधिकरण के 100 से अधिकारियों गए और वहां की व्यवस्था देखी।
प्राधिकरण के ओएसडी अवनीश त्रिपाठी ने बताया कि कोरोना की गाइडलाइन को देखते हुए कार्यालय में 50 प्रतिशत स्टाफ के काम करने की व्यवस्था समेत अन्य नियम लागू है। प्राधिकरण के अधिकारी कर्मचारी कोरोना संक्रमित हो रहे हैं। लेकिन पूर्ण कोशिश है कि जल्द से जल्द लोगों के प्राधिकरण से संबंधित कार्य पूरे किए जाएं।
किसान आंदोलन की वजह से भी हुई थी दिक्कते
किसानों ने 16 नवंबर से प्राधिकरण के सेक्टर-6 स्थित दफ्तर के बाहर दिन रात डेरा डाल दिया था। किसानों ने स्वागत कक्ष सहित कई गेट बंद कर करजा कर लिया था। दिसंबर के अंत में करीब दो सप्ताह ऐसे रहे जब किसानों ने एक भी अधिकारी-कर्मचारी व आम लोगों को प्राधिकरण में प्रवेश नहीं करने दिया। प्राधिकरण से संबंधित कोई कामकाज नहीं हो सका। ऐसे में करीब डेढ़ महीने तक प्राधिकरण का कामकाज पूरी तरह प्रभावित रहा था।