एमिटी विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस का आयोजन, कहा- वायु प्रदूषण एक साइलेंट किलर

नोएडा : एमिटी विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस का आयोजन, कहा- वायु प्रदूषण एक साइलेंट किलर

एमिटी विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस का आयोजन, कहा- वायु प्रदूषण एक साइलेंट किलर

Google Image | एमिटी विश्वविद्यालय

Noida : नोएडा-एनसीआर में वर्तमान में प्रदूषण एक बहुत बड़ी वैश्विक समस्या बना हुआ है। बच्चे और बुजुर्ग हर कोई प्रदूषण से प्रभावित है। एमिटी विश्वविद्यालय द्वारा "राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस" पर ऑनलाइन वेबिनार का आयोजन किया गया। जिसमें उड़ीसा के स्टेट पॉल्युशन कंट्रोल बोर्ड के पर्यावरण इंजीनियर डॉ. शुभादर्शीनी दास शामिल हुए कार्यक्रम में एमिटी लॉ स्कूल के चेयरमैन डॉ. डीके बंद्योपाध्याय ने अतिथियों का स्वागत किया।

डॉ. शुभादर्शीनी दास ने इस दौरान कहा, "2 दिसंबर 1984 को हुए भोपाल गैस कांड इतिहास का सबसे बड़ी दुर्घटना थी, जिसे कभी भी ना दोहराने से बचना आवश्यक है। वायु प्रदूषण केवल मानव के लिए बल्कि प्रकृति और पशु-पक्षियों आदि सभी के लिए नुकसान दायक है। मंत्रालय द्वारा उद्योगों और अन्य प्रदूषणों को रोकने के लिए कई मानक लागू किए गए है। जिसके अंर्तगत विभिन्न 12 पैरामीटर बनाया गया है। स्टेट पॉल्युशन कंट्रोल बोर्ड और केन्द्रीय पॉल्युशन कंट्रोल बोर्ड द्वारा उन नियमों का अनुपालन कराया जाता है। स्वच्छ पर्यावरण हम सभी की जिम्मेदारी बनती है, इसके लिए मिलकर प्रयास करना होगा।"

दिल्ली विश्वविद्यालय में एनवांयरमेंटल विभाग की प्रो। चिरागश्री घोष ने बताया कि वायु प्रदूषण कोविड के बराबर ही खतरनाक है। सबसे अहम हमें वायु प्रदूषण के जोखिम प्रबंधन और हवा की स्वास्थय गुणवत्ता का निरिक्षण करना होगा। हालांकि हमने वैश्विक स्तर पर वायु प्रदूषण को रोकने में मानको को हासिल किया है लेकिन हम घरेलू क्षेत्र की बड़ी जनसंख्या को प्रबंधन में नाकाम रहे।

उन्होंने आगे कहा कि वायु प्रदूषण एक साइलेंट किलर है, जो हमें घर के बाहर और घर के अंदर भी नुकसान पहुंचा सकता है। एक मिथक है कि वायु प्रदूषण केवल घर के बाहर है लेकिन ऐसा नही है। इंडोर एयर क्वालिटी के अंर्तगत उस क्षेत्र के वायु की प्रकृति को मापा जाता है, जहां हम कार्य करते है, रहते है या फिर जहां हम सबसे सांस लेते है। 

एमिटी लॉ स्कूल के चेयरमैन डॉ. बंद्योपाध्याय ने कहा कि आज का दिन उत्सव मनाने का नही बल्कि स्वंय को याद दिलाने है कि हमने पृथ्वी का कितना नुकसान किया है। प्राकृतिक संसाधनों का सीमित उपयोग आवश्यकता के लिए करना उचित है। अधिक लालच के लिए उसका दोहन करना समस्त मानवजाती के लिए खतरनाक है। जलवायु परिवर्तन का मुख्य कारण प्रदूषण है। आज हमें इस संर्दभ मे विचार करना है कि इस समस्या से निजात पाने के लिए कार्य किया जाए। एमिटी में हम छात्रों को इस प्रकार के वेबिनारों द्वारा प्रदूषण को नियंत्रण करने के लिए शोध हेतु प्रेरित करते है।

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