Tricity Today | भगवान की महिमा सुनने पहुंचे नवाब सिंह नागर
Noida News : सेक्टर-12 स्थित कलरिया मंदिर में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के छठवें दिन कथा व्यास ने रुक्मणी विवाह का प्रसंग सुनाया। इस दौरान श्रद्धालुओं ने झांकियां पर फूल बरसाए। इस अवसर पर मुख्य अतिथि पूर्व मंत्री नवाब सिंह नगर रहे। यह जानकारी गौरी शंकर वैदिक धर्मार्थ ट्रस्ट के राष्ट्रीय महासचिव भानु प्रताप लवानिया ने दी।
16 हजार कन्याओं के साथ विवाह
कथा व्यास राजेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि महारास लीला द्वारा ही जीवात्मा का परमात्मा से मिलन हुआ है। भगवान कृष्ण ने 16 हजार कन्याओं से विवाह कर उनके साथ सुखमय जीवन बिताया। जो भक्त प्रेमी कृष्ण और रुक्मणी के विवाह उत्सव में शामिल होते हैं, उनकी वैवाहिक समस्या हमेशा के लिए समाप्त हो जाती है।
रुक्मणी विवाह महोत्सव
कथा वाचक ने कहा कि जीव परमात्मा का अंश है। इसलिए जीव के अंदर अपार शक्ति रहती है। यदि कोई कमी रहती है, वह मात्र संकल्प की होती है। संकल्प और कपट रहित होने से मनुष्य का जीवन सफल होता है। उन्होंने उद्धव चरित्र, कृष्ण मथुरा गमन और रुक्मणी विवाह महोत्सव का प्रसंग सुनाया। रुक्मणी के भाई ने उनका विवाह शिशुपाल के साथ सुनिश्चित किया था, लेकिन रुक्मणी ने संकल्प लिया था कि वह शिशुपाल को नहीं केवल नंद के लाला अर्थात कृष्ण को ही पति के रूप में वरण करेंगी।
विवाह प्रसंग
कथा व्यास ने कहा कि शिशुपाल असत्य मार्गी था। द्वारिकाधीश भगवान कृष्ण सत्य मार्गी हैं। इसलिए वो असत्य को नहीं सत्य को
अपनाएगी। अंत में भगवान द्वारकाधीश ने रुक्मणी के सत्य संकल्प को पूर्ण किया। उन्हें भार्या के रूप में वरण करके प्रधान पटरानी का स्थान दिया। कथावाचक ने कहा इस प्रसंग को श्रद्धा के साथ श्रवण करने से कन्याओं को अच्छे घर और वर की प्राप्ति होती है और दांपत्य जीवन सुखद रहता है। जैसे स्नान नित्य करने से तन शुद्ध होता है, वैसे ही नित्य ध्यान करने से चित्त शुद्ध होता है।