गौतमबुद्ध नगर और बुलंदशहर के 80 गांवों में बहेगी विकास की गंगा, बोर्ड ने लगाई मुहर

नए नोएडा को मिली मंजूरी : गौतमबुद्ध नगर और बुलंदशहर के 80 गांवों में बहेगी विकास की गंगा, बोर्ड ने लगाई मुहर

गौतमबुद्ध नगर और बुलंदशहर के 80 गांवों में बहेगी विकास की गंगा, बोर्ड ने लगाई मुहर

Tricity Today | Board Meeting

Noida News : नोएडा और दिल्ली-एनसीआर के लिए बड़ी खबर है। नोएडा ऑथोरिटी के बोर्ड ने 'न्यू नोएडा' को मंजूरी दे दी है। रविवार को चेयरमैन मनोज कुमार सिंह की अध्यक्षता में बोर्ड बैठक हुई। जिसमें 'नए नोएडा' का मास्टरप्लान पेश किया गया। जिसे मंजूरी दे दी गई है। यह मंजूरी मिलने के तुरंत बाद अब 'न्यू नोएडा' के लिए भूमि अधिग्रहण शुरू हो जाएगा। योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली उत्तर प्रदेश सरकार 'न्यू नोएडा' की स्थापना आर्थिक और औद्योगिक शहर के रूप में कर रही है।

गौतमबुद्ध नगर के 20 और बुलंदशहर के 60 गांव शामिल
नोएडा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी लोकेश एम ने बताया कि मास्टर प्लान 2041 के तहत गौतमबुद्ध नगर के 20 और बुलंदशहर के 60 गांवों में दादरी-नोएडा-गाजियाबाद निवेश क्षेत्र (डीएनजीआईआर) विकसित किया जाएगा। इसे 'न्यू नोएडा' कहा जा रहा है। इस शहर में औद्योगिक भू-उपयोग 40 प्रतिशत रहेगा। आवासीय प्रयोजन के लिए 13 प्रतिशत और हरित क्षेत्र के लिए लगभग 18 प्रतिशत भूमि का प्रावधान किया गया है। नोएडा प्राधिकरण ने गौतमबुद्ध नगर और बुलंदशहर जिलों के 80 गांवों में 21 हजार हेक्टेयर कृषि भूमि की पहचान की है। इस जमीन पर नए शहर को विकसित करने की योजना तैयार की गई है। नोएडा प्राधिकरण ने इस साल के अपने बजट में पैसा आवंटित किया है। 'न्यू नोएडा' में भूमि अधिग्रहण और आंतरिक विकास के लिए 1,000 करोड़ रुपये दिए गए हैं। इस नए शहर से लगभग 6,00,000 लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है। नए नोएडा में लॉजिस्टिक्स हब, नॉलेज सेंटर, एकीकृत टाउनशिप और कौशल विकास केंद्र विकसित किए जाएंगे।

न्यू नोएडा की जरूरत क्यों
सीईओ ने बताया कि न्यू नोएडा का मास्टरप्लान दिल्ली स्कूल ऑफ आर्किटेक्चर ने तैयार किया है। करीब एक साल से स्कूल के विशेषज्ञ और नोएडा अथॉरिटी इस काम में जुटे हैं। सरकारी फाइलों में इसे दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के दादरी-नोएडा-गाजियाबाद निवेश क्षेत्र (डीएनजीआईआर) के नाम से जाना जाता है। यह प्रोजेक्ट अंतिम चरण में है और अब धरातल पर उतरने लगेगा। दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल रेलवे कॉरिडोर और अमृतसर-कोलकता रेलवे कॉरिडोर इस इलाके में एक-दूसरे को काटेंगे। लिहाजा, यह पॉइंट देश का सबसे बड़ा कार्गो हब बन जाएगा। यहां उद्योग लगेंगे। करीब छह लाख लोग यहां काम करेंगे। इस आबादी, उद्योगों और वाणिज्यिक परियोजनाओं को एक मुकम्मल शहर की जरूरत होगी। इस इलाके में काम करने वाले लोग दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, फरीदाबाद, गुड़गांव और ग्रेटर नोएडा से रोजाना यहां काम करने नहीं आ सकते हैं।

आखिर न्यू नोएडा में क्या-क्या होगा
नए नोएडा उद्योगों, कार्यालयों, विश्वविद्यालयों और आवासीय उद्देश्यों के लिए समर्पित क्षेत्र बनेगा। नोएडा अथॉरिटी के अधिकारियों ने बताया कि इस शहर में 8,100 हेक्टेयर से अधिक भूमि उद्योगों के लिए रहेगी। मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के लिए 1,600 हेक्टेयर भूमि निर्धारित की जाएगी। इसके अलावा 2,000 हेक्टेयर से अधिक भूमि आवासीय परियोजनाओं के लिए आरक्षित की जाएगी। 

यह है 'न्यू नोएडा' का डेवलपमेंट मॉडल
नोएडा प्राधिकरण न्यू नोएडा के लिए तीन डेवलपमेंट मॉडल तैयार कर रहा है। इसमें लाइसेंस मॉडल शामिल है, जैसा हरियणा के गुरुग्राम में अपनाया गया था। नोएडा और ग्रेटर नोएडा का मॉडल है। जिसमें किसान से जमीन लेकर कीमत का भुगतान किया जाता है। इसके बाद अथॉरिटी भूखंड आवंटन करती है। तीसरा मिश्रित मॉडल है। जिसे लैंड पूलिंग कहा जाता है। इस नए शहर का मास्टरप्लान स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर (एसपीए) ने तैयार किया है। इसमें कृषि, खाद्य प्रसंस्करण और एफएमसीजी क्षेत्रों की औद्योगिक इकाइयों के लिए विशेष आर्थिक क्षेत्र शामिल होंगे। इस शहर के मास्टर प्लान का एक महत्वपूर्ण पहलू उपग्रह आधारित भौगोलिक सूचना प्रणाली (जीआईएस) का कार्यान्वयन है, जो इसके विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। न्यू नोएडा लगातार बढ़ती आबादी की जरूरतों को पूरा करेगा।

Copyright © 2023 - 2024 Tricity. All Rights Reserved.