पूछा- नोएडा में हिंडन नदी को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए क्या कर रहे?

एनजीटी ने यूपी सरकार के मुख्य सचिव को भेजा नोटिस : पूछा- नोएडा में हिंडन नदी को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए क्या कर रहे?

पूछा- नोएडा में हिंडन नदी को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए क्या कर रहे?

Tricity Today | यूपी सरकार के मुख्य सचिव

Noida News : नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव को हिंडन नदी के प्रदूषण मुक्त करने के मुद्दे पर नोटिस जारी किया है। एनजीटी ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा 2023 में बनाई गई विस्तृत कार्ययोजना पर कोई ठोस कार्रवाई न होने पर चिंता जताई है। सीपीसीबी ने एक साल पहले हिंडन नदी को प्रदूषण मुक्त करने के लिए 200 पन्नों की विस्तृत कार्ययोजना मुख्य सचिव को भेजी थी। इसमें बताया गया था कि किन उद्योगों द्वारा नदी को प्रदूषित किया जा रहा है, किन स्थानों पर एसटीपी (सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट) लगाने की जरूरत है और किन स्थानों पर सौंदर्यीकरण की आवश्यकता है। इस कार्ययोजना में यह भी शामिल किया गया था कि कहां-कहां से कूड़ा हटाया जाना चाहिए। हाल में यहां पर काले और बदबूदार पानी से लोगों को सांस लेने में बेहद तकलीफ हुई थी। प्रदूषण की आसपास के लोग बार-बार शिकायत कर रहे थे।

किनारों पर कूड़ा डंप किया जा रहा
एनजीटी में पर्यावरण कार्यकर्ता अभिष्ट कुसुम गुप्ता की याचिका पर सुनवाई के दौरान सीपीसीबी ने यह जानकारी दी। एनजीटी के चेयरमैन जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव, न्यायिक सदस्य जस्टिस अरुण कुमार त्यागी और विशेषज्ञ सदस्य डॉ.ए सेंथिल वेल ने अपने संयुक्त आदेश में कहा कि हिंडन नदी के किनारे कूड़ा डंप किया जा रहा है, इसकी स्थिति सुधारने के लिए सीपीसीबी और यूपीपीसीबी की रिपोर्ट में करीब 200 टन कचरे का उल्लेख किया गया है।

कैसे खत्म होगा हिंडन से प्रदूषण
याचिकाकर्ता अभिष्ट कुसुम गुप्ता ने कहा कि सीपीसीबी की योजना अगर सही तरीके से लागू की जाए तो हिंडन में प्रदूषण को खत्म किया जा सकता है। लेकिन इस पर अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। एनजीटी ने आदेश में यह भी कहा है कि स्थानीय निकायों को हिंडन नदी के प्रदूषण को कम करने के लिए सक्रियता से काम करना होगा। इसके लिए स्थानीय निकायों को अपने एक्शन प्लान और उनके निष्पादन की जानकारी देनी होगी। 

मुख्य सचिव को 14 अक्टूबर तक देना होगा जवाब
हिंडन नदी सहारनपुर से शुरू होती है और मेरठ व गाजियाबाद होते हुए गौतमबुद्ध नगर में यमुना नदी में मिल जाती है। नदी में उद्योगों का कचरा और नगर निकायों की गंदगी डंप किए जाने के कारण यह पूरी तरह से प्रदूषित हो चुकी है। लगभग 52 नालों से 156 एमएलडी (मिलियन लीटर प्रति दिन) सीवर नदी में गिरता है, जिसमें से 31 नाले औद्योगिक कचरा वाले हैं। एनजीटी ने मुख्य सचिव से पूछा है कि इस कार्ययोजना पर अब तक क्या कार्रवाई हुई है और कब तक इसे पूरा किया जाएगा। मुख्य सचिव को 14 अक्टूबर को होने वाली अगली सुनवाई से एक सप्ताह पहले इस पर जवाब देना होगा।

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