यमुना प्रदूषित होने पर NGT ने लिया एक्शन, नोएडा प्राधिकरण पर लगाया 100 करोड रुपए का जुर्माना

बड़ी खबर : यमुना प्रदूषित होने पर NGT ने लिया एक्शन, नोएडा प्राधिकरण पर लगाया 100 करोड रुपए का जुर्माना

यमुना प्रदूषित होने पर NGT ने लिया एक्शन, नोएडा प्राधिकरण पर लगाया 100 करोड रुपए का जुर्माना

Tricity Today | प्रतीकात्मक फोटो

Noida : राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (National Green Tribunal) ने नोएडा प्राधिकरण (Noida Authority) सहित दिल्ली जल बोर्ड पर करोड़ों का जुर्माना लगाया है। यह जुर्माना पर्यावरण क्षतिपूर्ति के लिए है। एनजीटी ने दिल्ली और उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिवों को संबंधित एजेंसियों की भूमिका की जांच कर कार्रवाई रिपोर्ट भी तलब की है। यमुना में बह रहे नालों को 2 महीने के भीतर रोकने की जिम्मेदारी दी गई है। यह जुर्माना नोएडा के अभिष्ट कुसुम गुप्ता की एक याचिका पर लगाया गया है।

रकम का इस्तेमाल
हरि दर्शन चौकी से सेक्टर-137 तक बहने वाली कुंडली ट्रेन से शहर और यमुना में होने वाले प्रदूषण को दूर करने के लिए नोएडा प्राधिकरण के जल विभाग की कवायद जमीन पर नहीं दिखी। सारे इंतजाम और व्यवस्था फाइलों तक सिमटी रही। शहर के लोग गंदे नाले और नदी में होने वाले प्रदूषण में रहने पर मजबूर है। ऐसे में नहरों और यमुना नदी में दूषित पानी का बहाव रोकने के लिए दाखिल अर्जी पर राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण ( NGT) ने नोएडा विकास प्राधिकरण पर 100 करोड़ यानी एक अरब रुपये और दिल्ली जल बोर्ड पर 50 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है। रकम का इस्तेमाल पर्यावरण और जन स्वास्थ्य को हुए नुकसान की भरपाई पर खर्च किया जाएगा।

सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर
एनजीटी ने कहा कि नोएडा और शहादरा ड्रेन के जरिए यमुना के साथ-साथ गंगा नदी भी प्रदूषित हो रही है। अभिष्ट कुसुम ने नाले की सफाई के मामले को लेकर एक अक्टूबर 2018 को उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। वहां सुनवाई के दौरान एनजीटी जाने के लिए कहा गया। एनजीटी ने 2018 में अभिष्ट कुसुम गुप्ता की ओर से दाखिल याचिका पर यह फैसला दिया है। उन्होंने आरोप लगाया था कि दिल्ली नगर निगम, जल बोर्ड और नोएडा प्राधिकरण की लापरवाही के चलते कोंडली और नोएडा ड्रेन के जरिए यमुना को प्रदूषित किया जा रहा है। साथ ही बिना शोधन के ही नाले में सीवेज का पानी बहाया जा रहा है।

उद्योगों से दूषित जल
एनजीटी ने अपने आदेश में कहा है कि रिपोर्ट से साफ है कि नोएडा की 95 बहुमंजिला हाउसिंग सोसाइटियों में से सिर्फ 76 में एसटीपी हैं और इनमें से भी अधिकांश तय मानकों के अनुसार काम नहीं कर रहे हैं। इसके अलावा उद्योगों से भी दूषित जल निकल रहा है। इसी तरह दिल्ली जल बोर्ड द्वारा संचालित एसटीपी भी तय मानक के अनुसार काम नहीं कर रहा है।

Copyright © 2023 - 2024 Tricity. All Rights Reserved.