10 हजार करोड़ का निवेश करने को तैयार बैठी हैं रियल एस्टेट कम्पनियां, इस वजह से फंसा है पेंच

नोएडा : 10 हजार करोड़ का निवेश करने को तैयार बैठी हैं रियल एस्टेट कम्पनियां, इस वजह से फंसा है पेंच

10 हजार करोड़ का निवेश करने को तैयार बैठी हैं रियल एस्टेट कम्पनियां, इस वजह से फंसा है पेंच

Tricity Today | नोएडा

Noida News : ड्रीम प्रोजेक्ट साउथ नोएडा में देश और दुनिया की तमाम रियल एस्टेट कम्पनियां करीब 10 हजार करोड़ रुपये का निवेश करने के लिए तैयार हैं। नोएडा ऑथोरिटी (Noida Authority) इस हिस्से को साऊथ दिल्ली, लंदन और न्यूयॉर्क की तरह विकसित करना चाहती है। इस इलाके में सेक्टर-150 है। जिसमें देश के चुनिंदा बिल्डर स्पोर्ट्स सिटी प्रोजेक्ट (Noida Sports City Project) विकसित कर रहे हैं। अब यह सारे बिल्डर परेशान हैं। इनमें टाटा, बिड़ला, गोदरेज, रशियन ग्रुप, लॉटस और ऐस ग्रुप शामिल हैं। इससे करीब 10 हजार करोड़ रुपये का निवेश अटका पड़ा है।अफसरों का कहना है कि सीएजी ऑडिट की आपत्तियों के कारण यह प्रोजेक्ट अटक गया है।

मंजूरी पर पाबंदी लगाई और जांच समिति बनाई
इन बिल्डरों का कहना है, नोएडा प्राधिकरण ने 18 जनवरी 2021 को अपनी 201वीं बोर्ड बैठक में निर्णय लिया था कि अगली बोर्ड बैठक तक नोएडा में स्पोर्ट्स सिटी के अंतर्गत आने वाली विभिन्न परियोजनाओं की भवन योजनाएं स्वीकृति नहीं की जाएगी। अन्य कोई अनुमोदन प्रदान नहीं किया जाएगा। इसके बाद डेवलपर्स के साथ एक बैठक हुई। नोएडा प्राधिकरण ने डेवलपर्स को आश्वासन दिया था कि मामले को अगली बोर्ड बैठक से पहले हल किया जाएगा। प्राधिकरण ने नोएडा में विकसित की जा रही विभिन्न स्पोर्ट्स सिटी परियोजनाओं की प्रगति की जांच और समीक्षा करने के लिए नोएडा के एसीईओ की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया।

कंपनियों के खर्च हो चुके हैं 1,000 करोड़ रुपये
लोटस ग्रीन्स स्पोर्ट्स सिटी के प्रोमोटर्स का कहना है, "हमने अपने प्रोजेक्ट में खेल सुविधाएं और अन्य बुनियादी सुविधाओं का विकास कर लिया है। समिति को आवश्यक विवरण दिया है। समिति के सदस्यों (एसीईओ सहित) ने लोटस ग्रीन्स स्पोर्ट्स सिटी प्रोजेक्ट का निरीक्षण किया है। बुनियादी ढांचे और खेल सुविधाओं के विकास और निर्माण की प्रगति से संतुष्ट हुए हैं। प्राधिकरण को भविष्य की योजनाओं के साथ एक विस्तृत प्रगति रिपोर्ट दी है। हम लगभग 100 करोड़ रुपये खर्च कर चुके हैं। आंतरिक सड़कें, सीवेज सिस्टम, ड्रेनेज सिस्टम, पानी का काम, स्ट्रीट लाइटिंग और वृक्षारोपण 100% हो चुका है। सारे बिल्डर करीब 1,000 करोड़ रुपये का निवेश कर चुके हैं।"

खेल सुविधाओं का विकास 75% तक हो चुका
इन लोगों का आगे कहना है, "इसी तरह गोल्फ कोर्स का विकास 75% तक पूरा हो चुका है। गोल्फ साइट की शेपिंग, लेक वर्क, सर्विस लेडाउन का काम, इलेक्ट्रिकल, प्लंबिंग और सिंचाई का काम पूरा कर लिया गया है। हमने गोल्फ कोर्स का विकास करने लिए मेसर्स गोल्फिंग ग्रीन्स को नियुक्त किया है, जिसे भारत में गोल्फ कोर्स के विकास और रखरखाव का व्यापक अनुभव है। गोल्फ कोर्स का शेष 25% कार्य अगले 6 महीने के भीतर पूरा किया जाएगा।"

नक्शों को मंजूरी नहीं दे रही नोएडा अथॉरिटी
मिली जानकारी के मुताबिक ऐस ग्रुप, गोदरेज, अर्थम ग्रुप गोल्फ कोर्स और दूसरी सुविधाएं विकसित कर चुके हैं। इनके प्रोजेक्ट्स में जिमनास्टिक, टेबल टेनिस, स्क्वैश, बास्केट बॉल, वॉलीबॉल, बैडमिंटन, रॉक क्लाइंबिंग और ओलंपिक साइज स्विमिंग सेंटर सहित इनडोर बहु-उद्देश्यीय हॉल (स्पोर्ट्स क्लब) बन चुके हैं। कंपनियां प्राधिकरण के पास सारे दस्तावेज जमा कर चुकी हैं। प्राधिकरण मंजूरी नहीं दे रहा है।

इन प्रोजेक्ट में करीब 10 हजार आवंटी फंसे
अर्थम ग्रुप के निदेशक मनीष श्रीवास्तव का कहना है, "नोएडा सेक्टर-150 में टाटा वैल्यू होम्स, गोदरेज प्रॉपर्टीज, एटीएस, एल्डेको, प्रतीक और समृद्धि जैसे डेवलपर्स स्पोर्ट्स सिटी, आवासीय और वाणिज्यिक परियोजनाएं विकसित कर रहे हैं। इन परियोजनाओं में लगभग 8,000-10,000 हजार आवंटी हैं। आवंटी नोएडा प्राधिकरण के रवैये के कारण तनाव में हैं। लोगों को लग रहा है कि स्पोर्ट सिटी परियोजनाओं को अब मंजूरी नहीं मिलेगी। लोगों का विश्वास टूट रहा है और निवेश को लेकर दहशत में हैं। बुकिंग रद्द करने और पैसे की वापसी के लिए डेवलपर्स पर दबाव बना रहे हैं।"

10 हजार करोड़ का निवेश अटका पड़ा है
कई और डेवलपर्स जैसे प्रेस्टीज एस्टेट्स, पीआईके ग्रुप ऑफ रशिया, बिड़ला ग्रुप, एटीएस ग्रुप और गृह प्रवेश ग्रुप ने अपनी आवासीय और वाणिज्यिक परियोजनाओं की लॉन्चिंग रोक दी है। पीआईके ग्रुप ऑफ रशिया के प्रवक्ता अमित श्रीवास्तव ने कहा, "सेक्टर-150 की इन परियोजनाओं में 10,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश किया जा जाना है। प्रेस्टीज ग्रुप और अर्थम ग्रुप तो नोएडा अथॉरिटी में बिल्डिंग प्लान जमा कर चुके हैं, लेकिन मंजूरी नहीं दी गई हैं। जिससे कंपनियों और आवंटियों को बहुत कठिनाई हो रही है। हमारी कम्पनी का काम इसी चक्कर में अटका पड़ा है। इससे नोएडा की छवि विदेशी कंपनियों के बीच खराब हो रही है।"

शासन तक अफसर सुनने के लिए तैयार नहीं
सिविटेक ग्रुप के सीएमडी सिद्धार्थ गोयल ने कहा, "मुख्य सचिव ने 6 मार्च 2021 को नोएडा प्राधिकरण में कम्पनी प्रतिनिधियों के साथ मुलाकात की थी। उस दिन मुख्य सचिव ने इस मसले का समाधान करने के लिए नोएडा की सीईओ को आदेश दिया था। इसके बाद हमारी कंपनियों का एक प्रतिनिधिमंडल लखनऊ गया। हम लोगों ने औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना और विभाग के अपर मुख्य सचिव एके सिंह से मुलाकात की। इसके बावजूद समाधान नहीं निकल रहा है। अब मजबूर होकर परियोजनाओं से हाथ खींचने के सिवाय कोई समाधान नहीं बचा है।

दूसरी ओर प्राधिकरण के अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी प्रवीण कुमार मिश्रा का कहना है कि सेक्टर-150 में स्पोर्ट्स सिटी प्रोजेक्ट को लेकर सीएजी की ऑडिट रिपोर्ट में कई आपत्तियां हैं। जिन पर प्रधिकरण और शासन स्तर पर विचार किया जा रहा है।

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