नोएडा में कोरोना पीरियड के दौरान 380 लोगों ने की आत्महत्या, इस साल का आंकड़ा आना बाकी

भयावह: नोएडा में कोरोना पीरियड के दौरान 380 लोगों ने की आत्महत्या, इस साल का आंकड़ा आना बाकी

नोएडा में कोरोना पीरियड के दौरान 380 लोगों ने की आत्महत्या, इस साल का आंकड़ा आना बाकी

Tricity Today | कोरोना पीरियड के दौरान 380 लोगों ने की आत्महत्या

  • साल 2020 में जिले में कुल 380 लोगों ने सुसाइड किया
  • इनमें से करीब एक तिहाई, 126 महिलाओं ने आत्महत्या की
  • 18 साल से कम उम्र के 24 किशोरों और बच्चों ने भी अपनी जान ले ली
  • गत वर्ष अक्टूबर महीने में 53 लोगों ने आत्महत्या की
पिछले साल से गौतमबुद्ध नगर में आत्महत्या के बढ़ते मामले विशेषज्ञों के लिए भी हैरानी का सबब बने हुए हैं। साल 2020 में जिले में कुल 380 लोगों ने सुसाइड किया। इनमें से करीब एक तिहाई, 126 महिलाओं ने आत्महत्या की। जबकि 18 साल से कम उम्र के 24 किशोरों और बच्चों ने भी अपनी जान ले ली। साल 2021 में यह आंकड़ा और भयावह होता जा रहा है। पिछले महीने होली त्योहार के दिन ही जिले में आत्महत्या के 7 मामले सामने आए थे। जबकि इस महीने एक आईआरएस ऑफिसर की पत्नी ने अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली।

कोरोना महामारी ने छिना पारिवारिक सुख-चैन
विशेषज्ञों का कहना है कि पिछले साल कोरोना महामारी की वजह से पूरी दुनिया ने तबाही का मंजर देखा। लॉकडाउन की वजह से लोगों की नौकरियां चली गईं। रोजगार छिन गए। आय का जरिया बंद हो गया। लोग घरों में कैद हो गए। आत्महत्या के ज्दातार मामलों मे आर्थिक तंगी बेहद अहम होती है। खासकर मध्यमवर्गीय परिवारों की खुशहाल जिंदगी में आय सबसे जरूरी बिंदु होता है। साथ ही पारिवारिक और व्यक्तिगत उलझनों ने भी महत्वपूर्ण भूमिका अदा की। सैकड़ों मामलों में पारिवारिक कलह और निजी जिंदगी में हस्तक्षेप ने लोगों को आत्महत्या के लिए मजबूर किया। इसके अलावा टूटे रिश्ते, खराब स्वास्थ्य और डिप्रेशन जैसी वजहों ने भी लोगों को आत्महत्या के लिए उकसाया।

जनवरी से मार्च तक संख्या कम रही
आंकड़ों पर गौर करें, तो जनवरी 2020 में गौतमबुद्ध नगर में सुसाइड के 26 मामले सामने आए थे। फरवरी में यह आंकड़ा 17 था। मार्च, 2020 में जनपद में 22 लोगों ने अपनी जान दी। इसके बाद कोरोना वायरस की वजह से लॉकडाउन लागू किया गया था। आंकड़े बताते हैं कि लॉकडाउन के बाद से धीरे-धीरे सुसाइड के मामलों में वृद्धि होती गई। अप्रैल 2020 में 27 लोगों ने अपनी जान दी। जबकि मई में 31 लोगों ने सुसाइड किया। 

लॉकडाउन के बाद बदले हालात
देशव्यापी बंदी के चलते जैसे-जैसे हालात मुश्किल होते गए, गौतमबुद्ध नगर में आत्महत्या के केस में भी इताफा होता गया। पिछले साल जून में जिले में 35 लोगों ने अपनी जीवन लीला समाप्त की। जुलाई में यह आंकड़ा 42 तक पहुंच गया था। गत वर्ष अगस्त में 35 और सितंबर में 45 लोगों ने मौत को गले लगाया। नोएडा में सुसाइड के लिहाज से अक्टूबर 2020 सबसे खराब महीना रहा। गत वर्ष अक्टूबर में 53 लोगों ने आत्महत्या की। नवंबर और दिसंबर में क्रमशः 35 और 11 लोगों ने सुसाइड किया।

व्यवहार में आया बदलाव
साइकोलॉजिस्ट और मानव व्यवहार का अध्ययन करने वाले विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना संक्रमण की वैश्विक आपदा से इंसानों का जीवन कठिन हो गया। चलती हुई जिंदगी अचानक ठहर गई। लोग घरों में रहने को मजबूर हो गए। अचानक बदली परिस्थितियों से लोगों के व्यवहार में बदलाव आया। फिर पारिवारिक और सामुदायिक माहौल के मुताबिक लोगों ने फैसले लिए। 

लॉकडाउन के चलते ज्यादा प्रताड़ना झेलनी पड़ी
गत वर्ष जिले में 126 महिलाओं ने आत्महत्या की। यह कुल मामलों का एक तिहाई है। इससे एक बड़ा सवाल यह भी उठता है कि ज्यादातर केस में महिलाओं को ही क्यों आत्महत्या करनी पड़ती है। विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना संक्रमण की वजह से लोग घरों में रहने को मजबूर हो गए। इस वजह से महिलाओं पर घरेलू अत्याचार ज्यादा हुआ। उन्हें सेक्सुअल और मानसिक प्रताड़ना का सामना करना पड़ा। लॉकडाउन के दौरान महिलाओं को तमाम तरह की तकलीफें सहनी पड़ीं। हालांकि केंद्रीय सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण मंत्रालय ने महिलाओं के लिए 18005990019 हेल्पलाइन नंबर जारी किया है। 

नोएडा पुलिस सक्रिय है
इसके अलावा गौतमबुद्ध नगर पुलिस कमिश्नरेट ने भी महिला सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए अलग से एक हेल्पलाइन नंबर जारी किया है। नोएडा पुलिस में महिला सुरक्षा डीसीपी वृंदा शुक्ला ने इस बारे में कहा कि, “महिलाओं की सुरक्षा के लिए गौतमबुद्ध नगर पुलिस पूरी तरह सक्रिय है। जिले में आत्महत्या के मामलों में महिलाओं की ज्यादा संख्या बेहद चिंताजनक है। हम इसे रोकने की दिशा में काम कर रहे हैं। इसके लिए समाज को बदलना होगा। शहर की सभी आरडब्लूए और एनजीओ को अपना योगदान देना होगा। तब कहीं इस सामाजिक समस्या से छुटकारा पाया जा सकेगा।”

साल 2020 में गौतमबुद्ध नगर में आत्महत्या के आंकड़ें

महीना        कुल मामले        पुरुष        महिला    बच्चे/किशोर
जनवरी         26                   17            9                 0
फरवरी        17                     8             9                0
मार्च            22                   15             6               1
अप्रैल          27                    10            16             1
मई             31                    17            12             2
जून            35                     21            9              5
जुलाई         42                    32             10
अगस्त        33                    20             11            2
सितंबर        47                   27             17            3
अक्टूबर       53                   35            13             5
नवबंर         35                   18             13             4
दिसंबर        11                   7               3              1

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