Noida News : नोएडा के सेक्टर-21 में स्थित जलवायु विहार हाउसिंग सोसायटी की दीवार गिरने से 4 श्रमिकों की मौत हो गई है। इस दीवार की बराबर में नोएडा अथॉरिटी नाला निर्माण करवा रही थी। अब इस मामले में मुख्य कार्यपालक अधिकारी ऋतु महेश्वरी ने जांच का आदेश दिया है। अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी मानवेंद्र सिंह इस मामले की जांच करके 15 दिनों में रिपोर्ट सौंपेंगे। उन्हें पता लगाना है कि दीवार क्यों गिरी और इसके लिए कौन लोग जिम्मेदार हैं? दूसरी तरफ नाले का निर्माण कर रही कंपनी एमडी प्रोजेक्ट के खिलाफ गौतमबुद्ध नगर पुलिस ने थाना सेक्टर-20 में एफआईआर दर्ज की है। कंपनी के एक अफसर गुल मोहम्मद को गिरफ्तार कर लिया गया है।
प्राधिकरण ने कहा- 25-30 साल पुरानी दीवार अपने आप गिर गई
इस हादसे को लेकर नोएडा अथॉरिटी की ओर से एक प्रेस बयान जारी किया गया है। जिसमें बताया गया है कि दीवार गिरने के तुरंत बाहर प्राधिकरण की मुख्य कार्यपालक अधिकारी ऋतु महेश्वरी, प्रधान महाप्रबंधक राजीव त्यागी और अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी मौके पर पहुंचे। तत्काल 5-6 जेसीबी मशीन और 50-60 व्यक्तियों को दीवार का मलबा हटाने के लिए लगा दिया गया था। इस चारदीवारी का निर्माण सेक्टर-21 की आरडब्लूए जलवायु विहार सहकारी आवास समिति ने कराया था और लगभग 25 साल पुरानी थी। चारदीवारी पर ग्रिट वॉश और तार फेंसिंग का काम भी आरडब्लूए नहीं करवाया था। इसकी देखभाल की जिम्मेदारी भी जलवायु विहार सहकारी आवास समिति के पास है। चारदीवारी के साथ बनी नाली का मेंटेनेंस जलवायु विहार की आरडब्ल्यूए के अनुरोध पर किया जा रहा था। इसके लिए नोएडा अथॉरिटी ने 17 अगस्त 2022 को एमडी प्रोजेक्ट एंड कंस्ट्रक्शन कंपनी को 92.18 लाख रुपये का टेंडर दिया था। नाली का काम चल रहा था। इसी दौरान दीवार खुद गिर गई।
मानवेन्द्र सिंह समिति जांच करेगी, मृतक आश्रितों को 5-5 लाख मिलेंगे
प्रेस बयान में बताया गया है कि हादसे के वक्त 13 व्यक्ति काम कर रहे थे। इनमें से 4 की मौके पर मृत्यु हो गई। एक को मामूली चोट आई है। उसे अस्पताल में भर्ती किया गया है। 8 लोग सुरक्षित हैं। इस पूरे मामले की जांच करने की जिम्मेदारी अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी मानवेंद्र सिंह की अध्यक्षता में एक समिति को दी गई है। इस समिति में अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी प्रवीण मिश्रा और प्लानिंग डिपार्टमेंट के महाप्रबंधक इश्तियाक अहमद सदस्य हैं। यह समिति जांच करके अपनी रिपोर्ट 15 दिनों में मुख्य कार्यपालक अधिकारी को सौंप देगी। समिति को जांच करने में तकनीकी मदद देने के लिए फोर्ट्रेस इंफ्राकॉन लिमिटेड को बतौर सहयोगी नियुक्त किया गया है। नोएडा प्राधिकरण से यह टेंडर लेकर काम करने वाली कंपनी मृतक आश्रितों को पांच-पांच लाख रुपये मुआवजा देगी।