25 किलोमीटर के लिए एंबुलेंस चालक ने लिए 42 हजार रुपये, पुलिस ने पकड़ा तो कहा- गलती हो गई

नोएडा : 25 किलोमीटर के लिए एंबुलेंस चालक ने लिए 42 हजार रुपये, पुलिस ने पकड़ा तो कहा- गलती हो गई

25 किलोमीटर के लिए एंबुलेंस चालक ने लिए 42 हजार रुपये, पुलिस ने पकड़ा तो कहा- गलती हो गई

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  • - एम्बुलेंस चालक ने 25 किलोमीटर के 44 हजार रुपये मांगे
  • - बड़े भाई को लेकर दर-दर भटका छोटा भाई
  • - पुलिस ने की शिकायत तो बोला- गलती हो गई 
कोरोना महामारी के समय कुछ लोग अपना घिनौना चेहरा दुनिया के सामने दिखा रहे हैं। जिन लोगों की जरूरत है। वह ऐसे विपरीत समय में लोगों को लूटने का काम कर रहे हैं। ऐसा ही एक मामला नोएडा से आया है। जहां एक एंबुलेंस चालक ने कोरोना संक्रमित मरीज को अस्पताल पहुंचाने के लिए 42 हजार रुपये लिए है। लेकिन कोरोना संक्रमित मरीज के परिजनों की हालत इस तरह नहीं थी कि वह एंबुलेंस चालक से बहस भी कर सकें। हालांकि परिजनों ने कोरोना संक्रमित मरीज को अस्पताल में एडमिट करवाने के बाद इस घटना की जानकारी पुलिस को दी है।

एक ही परिवार के कई लोग संक्रमित
मिली जानकारी के अनुसार असित नाम का एक व्यक्ति कोरोना संक्रमण का शिकार हो गया। वह दिल्ली हाइकोर्ट में वकील है, असित के अलावा उनके परिवार में काफी लोग कोरोना संक्रमित है। इसकी वजह से उनका छोटा भाई विष्णु अपने परिवार की देखभाल करने के लिए नोएडा सेक्टर-50 अपने परिवार के पास आया हुआ है।



असित के छोटे भाई विष्णु का कहना है कि उनके बड़े भाई की तबीयत सोमवार को अचानक ज्यादा खराब हो गई। उनको सांस लेने में समस्या हो रही थी। बिना देरी किए उन्होंने कुछ प्राइवेट एंबुलेंस नंबर पर कॉल की। थोड़ी देर बाद एक प्राइवेट एंबुलेंस उनके घर के पास आ गई। वह अपने बड़े भाई को एंबुलेंस में लेटाकर ग्रेटर नोएडा में स्थित शारदा अस्पताल की तरफ लेकर जाने लगे। लेकिन पता चला कि शायद अस्पताल में खाली बैठ नहीं है तो वह सेक्टर 137 से वापस मुड़कर प्रकाश हॉस्पिटल की तरफ जाने लगे। वहां पर भी खाली बेड नहीं मिलने की जानकारी हुई तो वह ग्रेटर नोएडा वेस्ट में स्थित यथार्थ अस्पताल चले गए।

25 किलोमीटर के 44 हजार रुपये मांगे
विष्णु ने बताया कि एंबुलेंस ने उनके भाई को अस्पताल में छोड़ने के लिए 44 हजार रुपये की मांग की। लेकिन उन्होंने जब कहा कि यह तो बहुत ज्यादा है तो एंबुलेंस चालक ने कुल 2000 रुपये ही कम किए। वह एंबुलेंस चालक से बहस करने के मूड में नहीं थे। क्योंकि उनके भाई की तबीयत लगातार खराब हो रही थी। विष्णु ने कुल 25 किलोमीटर के लिए एंबुलेंस चालक को 40 हजार रुपये PAYTM और 2 हजार रुपये कैश दिए। इस घटना की जानकारी विष्णु ने पुलिस को दी है। 

पुलिस ने पकड़ा तो कहा- गलती हो गई
इस घटना की जानकारी मिलने के बाद गौतमबुद्ध नगर के ट्रैफिक डीसीपी गणेश शाहा का कहना है कि पुलिस ने एंबुलेंस का नंबर ट्रक करके एंबुलेंस का पता लगा लिया है। एंबुलेंस चालक ने अपनी गलती मान ली है। वह विष्णु को वापस रुपये देगा और पुलिस एंबुलेंस चालक के खिलाफ कार्रवाई भी करेगी।

 

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