सफाई में लापरवाही मिलने पर सीईओ ने लिया एक्शन, डीजीएम एसपी सिंह को...

ऐसे कैसे बनेगा नोएडा नंबर वन? सफाई में लापरवाही मिलने पर सीईओ ने लिया एक्शन, डीजीएम एसपी सिंह को...

सफाई में लापरवाही मिलने पर सीईओ ने लिया एक्शन, डीजीएम एसपी सिंह को...

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Noida News : स्वच्छता सर्वेक्षण-2024 में नोएडा प्राधिकरण के सीईओ लोकेश एम. शहर को पहले पायदान पर खड़ा करने के प्रयास में जुटे हुए हैं। सीईओ लगातार जन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे हैं। शहर की साफ-सफाई का जायजा ले रहे हैं। लेकिन इन सारी कोशिशों के बावजूद शहर की हालत सुधारने का नाम नहीं ले रही है। सेक्टरों और ग्रामीण क्षेत्रों में गंदगी का अंबार लगना शुरू हो गया है। शहर के निवासी सोशल मीडिया से लेकर प्राधिकरण दफ्तर जाकर शिकायत कर रहे हैं। जिसको देखते हुए सीईओ लोकेश एम. ने सोमवार को अलग-अलग सेक्टरों में जाकर साफ-सफाई का जायजा लिया। सीईओ ने लापरवाही मिलने पर डीजीएम (जन स्वास्थ्य) एसपी सिंह को कड़ी फटकार लगाई है।

सीईओ ने 20 सेक्टरों का लिया जायजा, सफाई कर्मी नजर नहीं आए
सीईओ ने शहर के निरीक्षण के दौरान सेक्टर-6 होते हुए सेक्टर-3, हरौला लेबर चौक, टी-सीरीज चौराहा, सेक्टर-19 से होते हुए डीएससी रोड, सेक्टर-29, सेक्टर-37, ग्राम अगाहपुर, सेक्टर-49 चौराहे से सेक्टर-41, सेक्टर-49, सेक्टर-50, सेक्टर-51, मेट्रो स्टेशन, सेक्टर-62 , खोड़ा रोड, सेक्टर-57, सेक्टर-22, सेक्टर-55 सेक्टर-8, और सेक्टर-11 का जायजा लिया। निरीक्षण के दौरान कहीं भी कोई सफाई कर्मचारी सड़क पर या अन्य किसी स्थान पर काम करता हुआ दिखाई नहीं दिया। डिवाइडर और फूटपाथ पर डस्ट पड़ी थी। इस डस्ट को न तो मैकेनिकल स्वीपिंग के संविदाकार ने साफ किया और न ही उस क्षेत्र के सफाई कर्मियों की तरफ से साफ किया जा रहा है। इसके लिए उप महाप्रबंधक को कार्यवाही के निर्देश दिए।
एसपी सिंह को कारण बताओ नोटिस जारी, फटकार भी लगी
सेक्टर-18 में साफ-सफाई नहीं मिलने पर सुपरवाइजर की सेवाएं समाप्त कर दी हैं। जन स्वास्थ्य विभाग के डीजीएम एसपी सिंह को कारण बताओ नोटिस जारी किया। डीजीएम से पूछा गया है कि क्यों न आपके खिलाफ शासन को संदर्भित किया जाए। सीईओ ने डीजीएम को सख्त चेतावनी देते हुए कहा कि बार-बार समीक्षा बैठक और निरीक्षण के बाद भी शहर में साफ-सफाई सही तरीके से नहीं हो रही है। शहर से लगातार साफ-सफाई को लेकर शिकायत आ रही हैं। सड़कों पर सफाई कर्मचारी नदारद हैं। उन्होंने आगे कहा कि अधीनस्थ अधिकारियों और कर्मचारियों के कार्यों का समुचित ढंग से सुपरवीजन नहीं किया है। डीजीएम शासकीय पदीय दायित्वों को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। इसका जवाब दिया जाए।

सुधरने का नाम नहीं ले रहा जन स्वास्थ्य विभाग का सिस्टम
नोएडा की देश के स्वच्छता सर्वेक्षण-2023 में ओवरऑल सभी शहरों में रैंकिंग निराशाजनक आई थी। नेशनल रैंकिंग में नोएडा 14वें स्थान पर रहा। साफ-सफाई के लिए 949 करोड़ रुपए खर्च करने के बावजूद शहर की रैंकिंग तीन पायदान गिर गई है। चार निजी कंपनियों पर सफाई की जिम्मेदारी है। कहने को शहर में 5,600 सफाई कर्मी हैं, लेकिन जानकारी मिली है कि धरातल पर ठेकेदारों ने इनके आधे कर्मचारी भी काम पर नहीं लगा रखे हैं। बाकी का पैसा बंदरबांट किया जा रहा है। सफाई कर्मियों की डयूटी केवल रजिस्टर पर दर्शायी जाती है। हकीकत में चार सफाई कर्मियों का काम एक से लिया जा रहा है। इससे गुणवत्ता प्रभावित हो रही है। नोएडा प्राधिकरण को हर महीने करोड़ों रुपये का चूना लगाया जा रहा हैं। कुल मिलकर सीईओ के सपनों पर जन स्वास्थ्य विभाग पानी फेर रहा है। अब सीईओ ने स्वच्छ सर्वेक्षण में बेहतर रैंकिंग में के लिए खुद मॉनिटरिंग करनी शुरू कर दी है।

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