Noida News : 'बीरबल की खिचड़ी' बन गए भंगेल एलिवेटेड रोड (Bhangel Elevated Road) का काम 75 प्रतिशत कंप्लीट हो गया है। ऐसा दावा अथॉरिटी के अफसरों ने किया है। अधिकारियों ने यह भी दावा किया है कि मार्च-2024 तक एलिवेटेड रोड की एक लेन को खोल दिया जाएगा। छलेरा से सेक्टर-82 तक बन रहे भंगेल एलिवेटेड रोड का काम जुलाई अगस्त 2024 तक पूरा होने की संभावना जताई जा रही है। इसका काम कोविड काल से ही शुरू था, लेकिन बीच में तमाम विवादों के चलते इसका काम बंद हो गया था। अक्टूबर में काम दोबारा से शुरू हुआ है। अथॉरिटी से बजट पास होने के बाद अधिकारी और कर्मचारी दिन रात एलिवेटेड रोड को बनाने में जुटे हैं। दिनभर काम चल रहा है, जिसकी वजह से भंगेल और सलारपुर में दिन में बिजली कटौती की जा रही है।
आठ जून 2020 को शुरू हुआ था काम
एलिवेटेड रोड की लागत को लेकर उपजे विवाद के कारण इसका काम सात महीने तक बंद पड़ा था। अधिकारियों का दावा है कि अब इसका काम तेजी से चल रहा है। अभी पिलर नंबर-60, 122 और 145 पर पियर कैप बनाने का काम चल रहा है। पूरे ट्रैक पर करीब 12 पियर कैप होने बाकी रह गए हैं। कुल 145 बनने हैं। एलिवेटेड रोड के बनने से भंगेल-सलारपुर का जाम खत्म हो जाएगा। आपको बता दें कि इस एलिवेटेड रोड का निर्माण आठ जून 2020 को शुरू हुआ था। प्रस्तावित प्लान के तहत एलिवेटेड रोड का काम सात दिसंबर 2022 तक पूरा कर लिया जाना चाहिए था। लेकिन, तय तारीख के पूरे होने के एक साल बाद भी एलिवेटेड रोड का काम 25 प्रतिशत काम अधूरा है।
लोगों की मांग पर दो और लूप बने
एलिवेटेड रोड का काम शुरू होते समय दो लूप बनने ही प्रस्तावित थे, लेकिन बाद में सेवन एक्स के लोगों की मांग पर दो अतिरिक्त लूप बनाने का निर्णय नोएडा प्राधिकरण ने लिया। अब सेक्टर-49 हनुमान मूर्ति और सेक्टर-107 की ओर भी लूप बनाया जाएगा। इनको बनाने में करीब 30 करोड़ रुपए का खर्चा आएगा। लूप बनाने के लिए जल्द टेंडर जारी किया जाएगा। यह खर्चा तय की गई नई लागत 607 करोड़ रुपए से अलग होगा। ऐसे में एलिवेटेड रोड को बनाने में करीब 637 करोड़ रुपए तक का खर्चा आएगा।
समय के साथ-साथ बढ़ती चली गयी लागत
छलेरा से सेक्टर-82 तक जाम को खत्म करने के लिए भंगेल एलिवेटेड रोड का निर्माण कार्य शुरू किया था। इसका निर्माण उत्तर प्रदेश राज्य सेतु निगम करवा रहा है। नोएडा प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में एलिवेटेड रोड की लागत बढ़ाए जाने पर सहमति दी गई थी। इसको देखते हुए प्राधिकरण स्तर पर एक समिति गठित कर नए सिरे से लागत तय करने के निर्देश दिए गए। जिसके बाद सेतु निगम और प्राधिकरण अधिकारियों की बैठक हुई। इसमें लागत पर सहमति नहीं बन सकी। ऐसे में प्राधिकरण के सीईओ ने बजट को लेकर नए सिरे से प्रस्तुतीकरण रिपोर्ट देने को कहा था। नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों ने बताया कि एलिवेटेड रोड के काम के लिए किए गए कॉन्ट्रैक्ट के अनुसार, स्टील की कीमत 77 करोड़ रुपए बढ़ रही है। इसके अलावा 20 करोड़ रुपए सीमेंट और दूसरी सामग्री की बढ़ी है। सामान की मात्रा बढ़ने पर इसकी लागत 97 करोड़ 30 लाख रुपए बढ़ गई है। हलांकि इसके बाद अब सेतु निगम इसको बनाने में लगा हुआ है। पिलर बनाये जा चुके हैं, वहीं सेतु निगम एलिवेटेड रोड को जल्द बनाने में भी जुटे हुए हैं।