जब पूरी दुनिया पेड़ लगा रही थी, तब नोएडा अथॉरिटी ने काट दिए नीम के 30 जवान पेड़, शहर के लोग खफा

दुःखद : जब पूरी दुनिया पेड़ लगा रही थी, तब नोएडा अथॉरिटी ने काट दिए नीम के 30 जवान पेड़, शहर के लोग खफा

जब पूरी दुनिया पेड़ लगा रही थी, तब नोएडा अथॉरिटी ने काट दिए नीम के 30 जवान पेड़, शहर के लोग खफा

Tricity Today | नोएडा अथॉरिटी ने पेड़ काट दिए

Noida News : रविवार को एक तरफ पूरी दुनिया पर्यावरण दिवस मना रही थी, दूसरी तरफ नोएडा प्राधिकरण ने विश्व पर्यावरण दिवस पर नोएडा-ग्रेटर नोएडा लिंक रोड के किनारे कम से कम 30 पूर्ण विकसित नीम के पेड़ काट दिए। जिससे शहर के निवासियों को गुस्सा है। लोगों का आरोप है कि प्राधिकरण ने पेड़ों को काटने से पहले उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया है। मामले में प्राधिकरण के खिलाफ नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल का दरवाजा खटखटाने की तैयारी शहर के लोग कर रहे हैं। इस मसले पर नोएडा प्राधिकरण के उद्यान विभाग ने कहा कि फ्लाईओवर के निर्माण के लिए यह जरूरी था। रास्ता बनाने के लिए पेड़ों को काटने और बाद में उन्हें ट्रांसप्लांट करने की अनुमति ली गई है।

क्या है पूरा मामला
नोएडा प्राधिकरण नोएडा और ग्रेटर नोएडा वेस्ट लिंक रोड पर पर्थला चौराहे पर एक फ्लाईओवर का निर्माण करवा रहा है। अधिकारियों ने कहा कि पेड़ ठीक वहीं खड़े थे, जहां प्राधिकरण डिवाइडर बनाने की योजना बना रहा है। पर्यावरणविद विक्रांत तोगड़ ने कहा, "प्राधिकरण का दावा है कि पेड़ों को फिर से लगाएंगे। लेकिन उन्होंने इन 30 फीट ऊंचे पेड़ों को जड़ से काट दिया है। अगर दोबारा लगाया गया तो ये पेड़ कैसे जीवित रहेंगे। विश्व पर्यावरण दिवस पर किया गया यह नासमझ भरा कार्य दिखाता है कि अथॉरिटी पारिस्थितिकी की रक्षा के बारे में कितनी गंभीर हैं।"

पर्यावरणविदों ने नाराजगी जाहिर की
प्रगतिशील फाउंडेशन के अमित गुप्ता ने कहा, "अगर कोई तात्कालिकता होती तो पिछले साल जुलाई में इन पेड़ों को ट्रांसप्लांट कर लेते, नहीं अब जुलाई तक पेड़ों की कटाई में देरी कर सकते थे। जब बारिश होती तो तब इन पूर्ण विकसित पेड़ों को स्थानांतरित करना आसान होता। यह पेड़ आसानी से पुनर्जीवित हो सकते थे। पर्यावरणविद् आकाश वशिष्ठ के अनुसार पेड़ों के प्रत्यारोपण के लिए अपनाई गई पद्धति दोषपूर्ण है और वे जीवित नहीं रहेंगे। आकाश वशिष्ठ ने आगे कहा, "भविष्य में ऐसी प्रक्रियाओं की देखरेख के लिए एक विशेषज्ञ समिति काम करे। उत्तर प्रदेश में वृक्ष प्रत्यारोपण नीति होनी चाहिए। हम मांग करते रहे हैं कि आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करके वृक्षों का प्रत्यारोपण किया जाए। जिससे पेड़ों का अस्तित्व सुनिश्चित किया जाए। पेड़ों को अनियोजित तरीके से स्थानांतरित करना सिर्फ उन्हें मारता है।"

प्राधिकरण ने दी यह सफाई
इस मुद्दे पर प्राधिकरण ने कहा कि वह पास के ग्रीन बेल्ट में पेड़ों को ट्रांसप्लांट करेगा। अथॉरिटी के विशेष कार्याधिकारी इंदु प्रकाश ने कहा, "हमने पेड़ों को ट्रांसप्लांट करने की प्रक्रिया के लिए वन विभाग से अनुमति प्राप्त की है। अगर कोई पेड़ मर जाता है तो हम मुआवजे के रूप में नए पेड़ लगाएंगे।" गौतमबुद्ध के डीएफओ पीके श्रीवास्तव ने कहा, "हमने इस शर्त पर अनुमति दी थी कि प्राधिकरण इन पेड़ों को बचाएगा। प्रत्यारोपण के मामलों में उत्तर जीविता कम है।"

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