Noida News : भंगेल-सालारपुर रोड पर जाम को खत्म करने के लिए नोएडा प्राधिकरण (Noida Authority) ने भंगेल एलिवेटेड रोड (Bhangel elevated road) के निर्माण करा रहा है। मंगलवार को नोएडा प्राधिकरण के एसीईओ संजय खत्री ने परियोजना का जायजा लिया। इस दौरान सेतु निगम की लापरवाही सामने आयी है, जो लक्ष्य पिछले दिनों सेतु निगम को दिया गया था उसकी तुलना में मौके पर प्रगति बहुत ही कम पाई गई। एसीईओ ने मौके पर प्रॉजेक्ट की समीक्षा कर जरूरी दिशा निर्देश दिए है। निरीक्षण के दौरान डीजीएम सिविल विजय रावल व वर्क सर्कल-8 के सीनियर मैनेजर समेत अन्य मौजूद रहे।
समय के साथ-साथ बढ़ती चली गयी लागत
छलेरा से सेक्टर-82 तक जाम को खत्म करने के लिए भंगेल एलिवेटेड रोड का निर्माण कार्य शुरू किया था। इसका निर्माण उत्तर प्रदेश राज्य सेतु निगम करवा रहा है। नोएडा प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में एलिवेटेड रोड की लागत बढ़ाए जाने पर सहमति दी गई थी। इसको देखते हुए प्राधिकरण स्तर पर एक समिति गठित कर नए सिरे से लागत तय करने के निर्देश दिए गए। उसके बाद सेतु निगम और प्राधिकरण अधिकारियों की बैठक हुई। इसमें लागत पर सहमति नहीं बन सकी। ऐसे में प्राधिकरण के सीईओ ने बजट को लेकर नए सिरे से प्रस्तुतीकरण रिपोर्ट देने को कहा था।
नई लागत 607 करोड़ 62 लाख रुपए
नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों ने बताया कि एलिवेटेड रोड के काम के लिए किए गए कॉन्ट्रैक्ट के अनुसार, स्टील की कीमत 77 करोड़ रुपए बढ़ रही है। इसके अलावा 20 करोड़ रुपए सीमेंट और दूसरी सामग्री की बढ़ी है। सामान की मात्रा बढ़ने पर इसकी लागत 97 करोड़ 30 लाख रुपए बढ़ गई है। हलांकि इसके बाद अब सेतु निगम इसको बनाने में लगा हुआ है। पिलर बनाये जा चुके हैं। सेतु निगम एलिवेटेड रोड के निर्माण को जल्द से जल्द पूरा करने में जुटा हुआ है। आपसी सहमति से अतिरिक्त 139 करोड़ रुपए लागत तय हुई है। इसके अलावा 30 करोड़ रुपए का भुगतान दो लूप बनाने के लिए किया जाएगा। पिछले साल तक एलिवेटेड सड़क की कुल लागत 468 करोड़ रुपए थी। इसके बाद रुका काम शुरू हुआ था। अब इस एलिवेटेड रोड की नई लागत 607 करोड़ 62 लाख रुपए तय की गई है।
दो कंसलटेंट एजेंसी रखेंगी ध्यान
भंगेल एलिवेटेड रोड का काम जून 2020 में नोएडा प्राधिकरण ने शुरू किया था। इसमें 468 करोड़ रुपए खर्च होने थे। अब तक 70 फीसदी ही कम पूरा हुआ है, लेकिन उसके बीच कई समस्याएं सामने आईं हैं। सेंट लाइन आना, सिविल लाइन की शिफ्टिंग ना होना, कुछ बिल्डिंग बीच में आ जाना और पैसे की तंगी आदि। अब इन समस्याओं को नोएडा अथॉरिटी ने दूर करने के लिए दो कंसलटेंट एजेंसियों को तैनात किया है। ये एजेंसियां इस परियोजना में आने वाली सारी समस्याओं का समाधान करके अथॉरिटी को वगत कराएंगी।