Noida News : सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट सेक्टर-93 ए में ढहाए गए अवैध ट्विन टावर का मलबा उठाने में देरी पर अथॉरिटी ने अब सुपरटेक बिल्डर को कड़ी चेतावनी दी है। बिल्डर को किसी भी कीमत पर 15 अप्रैल तक ट्विन टावर का मलवा हटाना होगा। अथॉरिटी ने स्पष्ट कर दिया है कि मलवा हटाने के लिए बिल्डर को और अधिक समय नहीं दिया जाएगा। साथ ही काम में देरी और शिकायतों पर नाराजगी जताई। यदि कोई और देरी की सूचना मिली तो वह मौजूदा स्थिति के बारे में उच्चतम न्यायालय को अवगत कराएगा।
मानक सीमा से 10 डीबी अधिक
यूपीपीसीबी द्वारा दूसरे दौर के सर्वेक्षण के दौरान ध्वनि स्तर मानक सीमा से 10 डीबी अधिक पाया गया है। प्राधिकरण ने डेवलपर सुपरटेक और डिमोलिशन कंपनी एडिफिस इंजीनियरिंग को सुबह 6 बजे से 3 बजे के बीच काम करने का निर्देश दिया है। शोर के स्तर को कम करने के लिए उपयुक्त उपाय करते हुए रात 10 बजे तक काम कर सकते है। एडिफिस को नोएडा प्राधिकरण और यूपीपीसीबी को समय समय पर ध्वनि स्तर पर एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का भी निर्देश दिया गया था।
मलबे का नियमानुसार निस्तारण
यूपीपीसीबी द्वारा दिए गए निर्देश के अनुसार 16 अप्रैल तक क्षेत्र से शेष मलबे का नियमानुसार निस्तारण कर दिया जाए। इसके बाद मलबे के निस्तारण के लिए निर्धारित समय के बाद कोई अतिरिक्त समय नहीं दिया जाएगा। अगर इस काम में देरी होती है, तो स्थिति के बारे में सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया जाएगा।
वायु प्रदूषण पर अंकुश
नोएडा अथॉरिटी के एक अधिकारी ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सुपर टेक के ट्विन टावर को 28 अगस्त को गिरा दिया गया था और उसके बाद तीन महीने का समय मलबा हटाने के लिए दिया गया था। हालांकि, काम पूरा नहीं हो सका, पहले वायु प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए ध्वनि प्रदूषण की शिकायत के बाद रोक लगा दिया गया। इसके अलावा, प्राधिकरण ने डेवलपर को यह सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया कि 15 मार्च तक ट्विन टावर विध्वंस के दौरान टूटे हुए नौ मीटर के रास्ते से मलबा हटा दिया जाए। डेवलपर को 5 अप्रैल तक 310 मीटर पाथ वे का निर्माण पूरा करना होगा।
ट्विन टावर 28 अगस्त 2022
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ट्विन टावर 28 अगस्त 2022 को ढहाए गए थे। टावर एडिफिस एजेंसी ने ही ढहाए थे। एजेंसी को तीन महीने में मलबा हटाना था, लेकिन अब भी पूरा मलबा नहीं उठ पाया है। यहां पर मलबे से एजेंसी तोड़फोड़ कर सरिया निकाल रही थी। शोर ज्यादा होने की बात कहकर आस-पड़ोस की सोसायटी वालों ने अथॉरिटी में शिकायत की थी। करीब एक महीने से मौके पर काम बंद रहा।