नोएडा प्राधिकरण बनाएगा स्काईवॉक, एक्वा से ब्लू लाइन स्टेशन पहुंचना होगा आसान, एयर कंडीशनर होगा...

खुशखबरी : नोएडा प्राधिकरण बनाएगा स्काईवॉक, एक्वा से ब्लू लाइन स्टेशन पहुंचना होगा आसान, एयर कंडीशनर होगा...

नोएडा प्राधिकरण बनाएगा स्काईवॉक, एक्वा से ब्लू लाइन स्टेशन पहुंचना होगा आसान, एयर कंडीशनर होगा...

Google Image | प्रतीकात्मक फोटो

Noida : नोएडा मेट्रो लगातार यात्रियों को सुखद यात्रा करवाने के लिए धरातल पर काम कर रही है। ब्लू लाइन से एक्वा लाइन मेट्रो को पकड़ने वाले यात्रियों की संख्या में इजाफा हुआ है। अब ब्लू लाइन के सेक्टर-52 और एक्वा लाइन के सेक्टर-51 मेट्रो स्टेशन तक यात्रियों के लिए और अधिक सुविधाएं देने जा रही है। दोनों मेट्रो लाइन के बीच नोएडा अथॉरिटी एयर कंडीशनर स्काईवॉक बनाने जा रही है। सोमवार को अधिकारियों की हुई बैठक में स्काईवॉक बनाने को लेकर मुहर लगा दी गई है। स्काईवॉक बनाने में करीब 25 करोड़ रुपये की लागत आएगी। हर दिन करीब 50 हजार यात्री एक्वा लाइन में सफर कर रहे हैं।

अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होगा स्काईवॉक
अब यात्रियों को स्टेशन बदलने के लिए ई-रिक्शा या पैदल का सहारा नहीं लेना पड़ेगा। दो मेट्रो स्टेशनों के बीच स्काईवॉक बनने के बाद आसानी से लोग अपने स्टेशन तक पहुंच सकेंगे। यह स्काईवॉक अब तक नोएडा में बने सभी एफओबी की तुलना में अत्याधुनिक सुविधाओं वाला होगा। इस पर एयरपोर्ट की तरह स्वचलित रैंप (ट्रेवलेटर) भी लगाया जाएगा। इसके बन जाने के बाद यात्रियों की संख्या में और अधिक इजाफा होगा साथ ही सेक्टर-52 और एक्वा लाइन के सेक्टर-51 मेट्रो में आने-जाने में कोई दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ेगा। नोएडा अथॉरिटी ने प्रॉजेक्ट की डीपीआर नए सिरे से तैयार करवाकर यह टेंडर जारी कर दिया है। कंपनी के चयन के बाद स्काईवॉक का निर्माण होना शुरू हो जाएगा। इसको बनने में लगभग 5 महीने का वक्त लगेगा।

नोएडा प्राधिकरण ने उठाया जिम्मा
स्काईवॉक की मांग लंबे समय से मेट्रो यात्रियों के साथ आसपास के लोगों की तरफ से की जा रही थी। यात्रियों की समस्या को देखते हुए यह प्रॉजेक्ट खुद प्राधिकरण ने पूरा करवाने का निर्णय लिया है। इसकी मंजूरी भी बोर्ड से अथॉरिटी ले चुकी है। इस स्काईवॉक की लंबाई करीब 480 मीटर की होगी। इस पर लगने वाले ट्रेवलेटर की स्पीड .5 मीटर प्रति सेकंड की होगी। डीपीआर जिस पर टेंडर जारी हुआ है। इसकी डिजाइन ओरिएन आर्किटेक्टस ने तैयार की है। फिलहाल यात्री मेट्रो बदलने के लिए पैदल और ई-रिक्शा का सहारा लेते हैं। यह ई-रिक्शा मेट्रो के तरफ से ही उपलब्ध करवाए गए हैं। मेट्रो के तरफ से जो पैदल का पथ बनाया गया है उसी के ऊपर स्काईवॉक बनाया जाएगा।

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