Tricity Today | Noida City Center की जमीन पर प्राधिकरण का कब्जा
Noida News: बुधवार को नोएडा अथॉरिटी (Noida Authority) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए वेव ग्रुप (Wave Group) से नोएडा सिटी सेंटर (Noida City Center) की जमीन वापस ले ली है। इस कार्रवाई की बदौलत शहर को 4,500 करोड़ रुपए का फायदा मिलेगा। अगर प्राधिकरण सख्ती करके वेव ग्रुप से पैसा वसूलता तो केवल 2,500 करोड़ रुपए मिलते। अब जो जमीन कंपनी से वापस ली गई है, उसे बाजार में बेचकर करीब 7,000 करोड़ रुपए मिलेंगे। इस तरह शहर को प्राधिकरण की इस कार्यवाही से करीब 4,500 करोड़ रुपए का बड़ा फायदा होने वाला है।
मेट्रो स्टेशन से पड़ा प्रोजेक्ट का नाम सिटी सेंटर
नोएडा अथॉरिटी ने मार्च 2011 में शहर की सबसे प्राइम लोकेशन पर जमीन बेचने के लिए स्कीम लॉन्च की थी। तब राज्य में बहुजन समाज पार्टी की सरकार थी। तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती और वेव ग्रुप के मुखिया पोंटी चड्ढा के अच्छे रिश्ते थे। प्राधिकरण ने वेब बिल्डर को 6,14,000 वर्ग मीटर जमीन का आवंटन किया। इस प्रोजेक्ट नोएडा सिटी सेंटर का नाम दिया गया। यह प्रोजेक्ट रातोंरात सुपरहिट हो गया। यहीं नोएडा-दिल्ली मेट्रो का स्टेशन बना। जिसे सिटी सेंटर नाम दिया गया। सिटी सेंटर से ही 6 जनवरी 2010 को मायावती ने मेट्रो प्रोजेक्ट को हरी झंडी दिखाई थी।
सरकार बदली और पोंटी चड्ढा की भी हत्या हुई
वेव बिल्डर इस जमीन को कमर्शियल हब के रूप में विकसित कर रहा था। लेकिन 17 नवंबर 2012 को वेव ग्रुप के प्रवर्तक पोंटी चड्ढा की हत्या कर दी गई। तब तक उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार और अखिलेश यादव मुख्यमंत्री बन चुके थे। उन्होंने वेव समूह के खिलाफ चीनी मीलों के सौदे में जांच का आदेश दे दिया। इसके बाद रियल एस्टेट सेक्टर में मंदी ने दस्तक दे दी। अंततः 2016 आते-आते वेव बिल्डर की माली हालत बिगड़ गई और प्रोजेक्ट सेटेलमेंट पॉलिसी के तहत यह जमीन प्राधिकरण को वापस सौंपने की अर्जी दे दी। कुछ अड़चनों की वजह से प्रॉपर्टी वापस लेने से जुड़ी कार्रवाई पूरी नहीं हो सकी। बाद में बिल्डर ने फिर से 4.5 लाख वर्ग मीटर जमीन वापस देने के लिए आवेदन दिया।
योगी सरकार ने डिफाल्टर बिल्डरों पर सख्ती की
वर्ष 2017 में राज्य में भारतीय जनता पार्टी ने सरकार बनाई और योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बन गए। इसके बाद बिल्डरों के दबाव में काम करने वाले प्राधिकरण उबरे और डिफाल्टर बिल्डरों पर सख्ती शुरू हो गई। लिहाजा, नोएडा अथॉरिटी ने लैंड वापस लेने संबंधी कार्रवाई पूरी करते हुए जमीन को अपने कब्जे में ले लिया। अब करीब तीन महीने पहले वेव बिल्डर और प्राधिकरण के बीच सरेंडर डीड हो गई थी।
अब छोटे प्लॉट्स बनाकर बेचेगी नोएडा अथॉरिटी
अब नोएडा अथॉरिटी की योजना इस जमीन को छोटे-छोटे टुकड़ों में बेचने की है। प्राधिकरण के अधिकारियों का कहना है कि एकसाथ 4.5 लाख वर्ग मीटर कमर्शियल लैंड को बेच पाना बहुत मुश्किल होगा। इसलिए प्राधिकरण इस पूरी जमीन को 9 प्लॉट्स में बंटेगा। इससे जमीन की कीमत बढ़ जाएगी। निवेशकों को जमीन खरीदने के लिए कम पैसा लगाना पड़ेगा और लैंड बिकने की संभावना ज्यादा रहेगी। अगर प्राधिकरण की योजना सफल होती है, तो प्राधिकरण को 7000 करोड़ से भी ज्यादा का राजस्व मिलेगा। फिलहाल लैंड का साइज बहुत बड़ा है। इस वजह से इसे बेचने में मुश्किल आ रही है।
निवेशकों को आकर्षित करने की योजना
नोएडा प्राधिकरण हर स्तर से इस जमीन को बेचने की कोशिश में है। लैंड का आकार छोटा होने के बाद निवेशक इस जमीन की खरीदारी के लिए आगे आ सकते हैं। प्राधिकरण का नियोजन विभाग इसके लिए तैयारियां शुरू कर चुका है। जमीन के कितने हिस्से किए जाएंगे और उसका नक्शा कैसे बनाया जाएगा, विभाग इससे संबंधित प्रक्रियाएं पूरी कर रहा है। प्राधिकरण जमीन के टुकड़े करने से पहले वहां बुनियादी सुविधाएं विकसित करने के पक्ष में हैं। प्राधिकरण के अधिकारियों का मानना है कि वहां सड़क, बिजली, पानी सहित अन्य बुनियादी सुविधाओं का विकास करना होगा। तभी प्राधिकरण निवेशकों को आकर्षित कर पाएगा।
वेव पर 2,500 करोड़ से ज्यादा बाकी थे
इस बीच नोएडा प्राधिकरण ने वेव मेगा सिटी सेंटर प्राइवेट लिमिटेड को एक नोटिस भेजा था। इसमें प्राधिकरण ने 2,500 करोड़ रुपये से ज्यादा की बकाए की राशि जल्दी जमा करने के लिए कहा था। वेव बिल्डर के कब्जे में एक लाख वर्ग मीटर से ज्यादा की जमीन थी, जिसका प्रीमियम और ब्याज मिलकर 2,500 करोड़ रुपये से ज्यादा हो गया था। प्राधिकरण ने बिल्डर को यथाशीघ्र बकाया राशि जमा करने के लिए कहा था। अगर बिल्डर बकाया राशि जमा करने में विफल रहता है, तो प्राधिकरण प्लॉट के रजिस्ट्रेशन को निरस्त करके जमा धनराशि जब्त कर लेगा। प्राधिकरण ने एक चिट्ठी के जरिए वेव बिल्डर को सूचित किया कि 4.5 लाख वर्ग मीटर जमीन अब प्राधिकरण के कब्जे में है। प्राधिकरण इस जमीन को अपनी सुविधानुसार बेचने के लिए स्वतंत्र है। वेव बिल्डर इस पर अब कोई दावा नहीं कर सकता। इस जमीन पर बुधवार को प्राधिकरण ने कब्जा ले लिया है।
नोएडा को 4,500 करोड रुपए का फायदा मिलेगा
कुल मिलाकर करीब पांच साल लम्बी कार्रवाई के बाद बुधवार को नोएडा अथॉरिटी ने बड़ी कार्रवाई करते हुए वेव ग्रुप से नोएडा सिटी सेंटर की जमीन वापस ले ली है। प्राधिकरण अफसरों का कहना है कि इस कार्रवाई की बदौलत शहर को 4,500 करोड़ रुपए का फायदा मिलेगा। अगर प्राधिकरण सख्ती करके वेव ग्रुप से पैसा वसूलता तो केवल 2,500 करोड़ रुपए मिलते। अब जो जमीन कंपनी से वापस ली गई है, उसे बाजार में बेचकर करीब 7,000 करोड़ रुपए मिलेंगे। इस तरह शहर को प्राधिकरण की इस कार्यवाही से करीब 4,500 करोड़ रुपए का बड़ा फायदा होने वाला है।