- Noida Authority ने City Center की जमीन पर कब्जा लिया
- छोटे प्लॉट्स बनाकर बेचेगा प्राधिकरण
- वेव पर 2,500 करोड़ से ज्यादा बाकी थे
Noida News: नोएडा अथॉरिटी (Noida Authority) ने बुधवार को बड़ी कार्रवाई की है। वह ग्रुप के नोएडा सिटी सेंटर (Noida City Centre) से बड़ी जमीन वापस ले ली गई है। बुधवार की दोपहर प्राधिकरण अधिकारियों का दल Wave City Centre पहुंचा और जमीन पर कब्जा लिया है। दरअसल Wave Group ग्रुप प्राधिकरण का बकाया भुगतान नहीं कर रहा था। डिफॉल्टर होने से बचने के लिए कंपनी ने प्राधिकरण को जमीन वापस लौटा दी थी। करीब 6 महीने से चल रही प्रक्रिया के बाद बुधवार को प्राधिकरण ने वापस ली गई जमीन पर कब्जा हासिल कर लिया है। अब इस जमीन पर प्राधिकरण कमर्शियल, होटल, रेजिडेंशियल और मिनी मॉल की स्कीम लेकर आएगा।
आपको बता दें कि मार्च 2011 में प्राधिकरण ने वेब बिल्डर को 6,14,000 वर्ग मीटर जमीन का आवंटन किया था। पहले वेव बिल्डर इस जमीन को कमर्शियल हब के रूप में विकसित करने की तैयारी में था, लेकिन 2016 में वेव बिल्डर ने प्रोजेक्ट सेटेलमेंट पॉलिसी के तहत यह जमीन प्राधिकरण को वापस सौंपने की अर्जी दे दी। हालांकि, कुछ अड़चनों की वजह से प्रॉपर्टी वापस लेने से जुड़ी कार्रवाई पूरी नहीं हो सकी। बाद में प्रोजेक्ट सेटेलमेंट पॉलिसी के तहत बिल्डर ने फिर से 4.5 लाख वर्ग मीटर जमीन वापस देने के लिए आवेदन दिया। तब प्राधिकरण ने लैंड वापस लेने संबंधी कार्रवाई पूरी करते हुए जमीन को अपने कब्जे में ले लिया। करीब तीन महीने पहले वेव बिल्डर और प्राधिकरण के बीच सरेंडर डीड हो गई थी।
छोटे प्लॉट्स बनाकर बेचेगा प्राधिकरण
प्राधिकरण की योजना इस जमीन को छोटे-छोटे टुकड़ों में बेचने की है। प्राधिकरण के अधिकारियों का कहना है कि एकसाथ 4.5 लाख वर्ग मीटर कमर्शियल लैंड को बेच पाना बहुत मुश्किल होगा। इसलिए प्राधिकरण इस पूरी जमीन को 9 प्लॉट्स में बंटेगा। इससे जमीन की कीमत बढ़ जाएगी। निवेशकों को जमीन खरीदने के लिए कम पैसा लगाना पड़ेगा और लैंड बिकने की संभावना ज्यादा रहेगी। अगर प्राधिकरण की योजना सफल होती है, तो प्राधिकरण को 7000 करोड़ से भी ज्यादा का राजस्व मिलेगा। फिलहाल लैंड का साइज बहुत बड़ा है। इस वजह से इसे बेचने में मुश्किल आ रही है।
निवेशकों को आकर्षित करने की योजना
नोएडा प्राधिकरण हर स्तर से इस जमीन को बेचने की कोशिश में है। लैंड का आकार छोटा होने के बाद निवेशक इस जमीन की खरीदारी के लिए आगे आ सकते हैं। प्राधिकरण का नियोजन विभाग इसके लिए तैयारियां शुरू कर चुका है। जमीन के कितने हिस्से किए जाएंगे और उसका नक्शा कैसे बनाया जाएगा, विभाग इससे संबंधित प्रक्रियाएं पूरी कर रहा है। प्राधिकरण जमीन के टुकड़े करने से पहले वहां बुनियादी सुविधाएं विकसित करने के पक्ष में हैं। प्राधिकरण के अधिकारियों का मानना है कि वहां सड़क, बिजली, पानी सहित अन्य बुनियादी सुविधाओं का विकास करना होगा। तभी प्राधिकरण निवेशकों को आकर्षित कर पाएगा।
वेव पर 2,500 करोड़ से ज्यादा बाकी थे
इस बीच नोएडा प्राधिकरण ने वेव मेगा सिटी सेंटर प्राइवेट लिमिटेड को एक नोटिस भेजा था। इसमें प्राधिकरण ने 2,500 करोड़ रुपये से ज्यादा की बकाए की राशि जल्दी जमा करने के लिए कहा था। वेव बिल्डर के कब्जे में एक लाख वर्ग मीटर से ज्यादा की जमीन थी, जिसका प्रीमियम और ब्याज मिलकर 2,500 करोड़ रुपये से ज्यादा हो गया था। प्राधिकरण ने बिल्डर को यथाशीघ्र बकाया राशि जमा करने के लिए कहा था। अगर बिल्डर बकाया राशि जमा करने में विफल रहता है, तो प्राधिकरण प्लॉट के रजिस्ट्रेशन को निरस्त करके जमा धनराशि जब्त कर लेगा। प्राधिकरण ने एक चिट्ठी के जरिए वेव बिल्डर को सूचित किया कि 4.5 लाख वर्ग मीटर जमीन अब प्राधिकरण के कब्जे में है। प्राधिकरण इस जमीन को अपनी सुविधानुसार बेचने के लिए स्वतंत्र है। वेव बिल्डर इस पर अब कोई दावा नहीं कर सकता। इस जमीन पर बुधवार को प्राधिकरण ने कब्जा ले लिया है।