नोएडा के ब्रांड एम्बेसडर राम सुतार ने संयुक्त राष्ट्र संघ के लिए बनाई महात्मा गांधी की प्रतिमा, 14 दिसंबर को होगा अनावरण

शहर की शान : नोएडा के ब्रांड एम्बेसडर राम सुतार ने संयुक्त राष्ट्र संघ के लिए बनाई महात्मा गांधी की प्रतिमा, 14 दिसंबर को होगा अनावरण

नोएडा के ब्रांड एम्बेसडर राम सुतार ने संयुक्त राष्ट्र संघ के लिए बनाई महात्मा गांधी की प्रतिमा, 14 दिसंबर को होगा अनावरण

Tricity Today | राम सुतार ने संयुक्त राष्ट्र संघ के लिए बनाई महात्मा गांधी की प्रतिमा

Noida : संयुक्त राष्ट्र संघ के द्वारा आगामी 14 दिसंबर को भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा का अनावरण किया जाएगा आपको जानकर खुशी होगी कि इस प्रतिमा को नोएडा के ब्रांड एंबेसडर और गौतमबुद्ध नगर की शान राम सुतार ने बनाया है। जिसका अनावरण 15 देशों की सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता करने वाले देश भारत के नेतृत्व में किया जाएगा। 

भारत संभालेगा अध्यक्षता
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की एक-एक महीने के लिए क्रमवार मिलने वाली अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी भारत ने बृहस्पतिवार को संभाली। भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के एक निर्वाचित सदस्य के रूप में अपने दो साल के कार्यकाल के दौरान अगस्त 2021 के बाद दूसरी बार परिषद का अध्यक्ष पद संभाल रहा है।

ऐसा पहली बार होगा
महात्मा गांधी की प्रतिमा संयुक्त राष्ट्र भवन के "प्रतिष्ठित" उत्तरी लॉन में स्थापित की जाएगी। ऐसा पहली बार होगा कि जब यहां संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में महात्मा की प्रतिमा स्थापित की जाएगी। साधारण समारोह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) सदस्यों की उपस्थिति में होगा। इनमें पांच नए परिषद सदस्य इक्वाडोर, जापान, माल्टा, मोजाम्बिक और स्विट्जरलैंड शामिल होंगे।

राम सुतार ने बनाई महात्मा गांधी की प्रतिमा
महात्मा गांधी की यह प्रतिमा पद्मश्री से सम्मानित जानेमाने भारतीय मूर्तिकार राम सुतार द्वारा बनाई गई है। जिन्होंने 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' को भी डिजाइन किया है। गांधी की यह प्रतिमा भारत की ओर से एक उपहार होगी। परिषद में भारत का 2021-2022 का कार्यकाल 31 दिसंबर को समाप्त हो रहा है। इसमें न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र में भारत की पहली महिला स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज और दिसंबर महीने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का अध्यक्ष पद संभाल रही हैं।

देश-विदेश में लगी हैं राम सुतार की बनाई मूर्तियां
करीब 50 वर्षों से राम सुतार बतौर मूर्तिकार काम कर रहे हैं। वह पहले भारत सरकार के लिए भी काम कर चुके हैं। राम सुतार को चंबल नदी पर बने बांध की आईकॉनिक प्रतिमा बनाने के लिए पहली बार प्रसिद्धि मिली थी। इसके बाद राम सुतार ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की कई माइलस्टोन प्रतिमाएं बनाईं। इनमें से एक प्रतिमा भारतीय संसद के परिसर में भी लगी हुई है। जिसमें राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ध्यान मग्न मुद्रा में बैठे हुए हैं। हाल फिलहाल के वर्षों में राम सुतार को सर्वाधिक लोकप्रियता स्टैचू ऑफ यूनिटी के लिए मिली है। यह दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमाओं में से एक है। गुजरात के नर्मदा बांध के पास नदी के डेल्टा में एक द्वीप पर बनाई गई है।

96 वर्ष के राम सुतार को मिल चुके बड़े सम्मान
दिग्गज मूर्तिकार राम सुतार का जन्म महाराष्ट्र राज्य के धुले जिले में एक छोटे से गांव गोंडुर में हुआ था। विश्वकर्मा परिवार में 19 फरवरी 1925 को जन्मे राम सुतार अब करीब 96 वर्ष के बुजुर्ग हैं। इसके बावजूद वह निरंतर काम करते हैं। पिछले दिनों उनकी बनाई गई एक मूर्ति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विदेश यात्रा के दौरान भेंट की थी।राम सुतार को 1999 में भारत सरकार से पद्म श्री और बाद में 2016 में पद्म भूषण से सुशोभित किया था। अक्टूबर 2018 में सुतार को सांस्कृतिक सद्भाव के लिए टैगोर पुरस्कार मिला। भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय ने राष्ट्रीय शिल्पी अवार्ड से भी सम्मानित किया है।

14 और 15 दिसंबर को भारत करेगा अध्यक्षता
भारत की अध्यक्षता और मासिक कार्य को लेकर यहां पत्रकारों को संबोधित करते हुए कंबोज ने कहा, ‘‘भारत की अध्यक्षता के दौरान 14 और 15 दिसंबर को परिषद में जयशंकर की अध्यक्षता में सुधार बहुपक्षवाद और आतंकवाद रोध संबंधी दो कार्यक्रमों के अलावा दो अन्य कार्यक्रम भी आयोजित होंगे। पहला कार्यक्रम संयुक्त राष्ट्र में महात्मा गांधी के आगमन को चिह्नित करेगा।’’

इंदिरा गांधी ने उपहार दी थी 'सूर्य' की मूर्ति
आपको बता दें कि संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में प्रदर्शन के लिए भारत की ओर से एकमात्र अन्य उपहार सूर्य देवता की 11वीं सदी की काले पत्थर की एक 'सूर्य' की मूर्ति है, जिसे 26 जुलाई 1982 को उपहार स्वरूप दिया गया था। इसे तत्कालीन प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी ने संयुक्त राष्ट्र को उपहार के तौर पर दिया था।

अब पांच नए सदस्य शामिल होंगे
पांच नए सदस्यों का परिषद में दो साल का कार्यकाल 1 जनवरी 2023 से शुरू होगा। ये देश भारत, आयरलैंड, केन्या, मैक्सिको और नॉर्वे की जगह लेंगे। संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में कला की उल्लेखनीय कृतियों में जर्मनी द्वारा दान की गई बर्लिन की दीवार का एक हिस्सा, सोवियत मूर्तिकला 'लेट अस बीट स्वॉर्ड्स इनटू प्लॉशर', दक्षिण अफ्रीका द्वारा उपहार में दी गई नेल्सन मंडेला की आदमकद कांस्य प्रतिमा आदि शामिल हैं।

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