बहुत हुई लापरवाही, अब दो 5500 रुपये का जुर्माना, आधी रात से शर्तें लागू

गौतमबुद्ध नगर: बहुत हुई लापरवाही, अब दो 5500 रुपये का जुर्माना, आधी रात से शर्तें लागू

बहुत हुई लापरवाही, अब दो 5500 रुपये का जुर्माना, आधी रात से शर्तें लागू

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जिन लोगों ने अपने वाहनों पर हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट (HSRP) नहीं लगवाई है। लोगों को जुर्माना देना होगा। सरकार ने हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट लगाने की अंतिम तिथि 15 अप्रैल कर दी थी। लेकिन गौतमबुद्ध नगर में सिर्फ 50 प्रतिशत वाहनों पर ही हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट लगाई गई। अब आज रात यानी गुरुवार की रात 12 बजे के बाद जिन लोगों के वाहनों पर हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट नहीं लगी मिली, उन लोगों का चालान काटा जायेगा। जिन वाहनों पर हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट नहीं होगी, उन वाहनों का  5500 रुपये का चालान काटा जाएगा।

आंकड़ों के मुताबिक गौतमबुद्ध नगर (Gautam Budhh Nagar) जिले में अभी भी 50 फीसदी वाहनों में हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट (High Security Registration Plates) नहीं लगी है। नोएडा में करीब 7.5 लाख वाहन पंजीकृत हैं। दूसरे जिलों और राज्यों में रजिस्टर्ड करीब 2.5 लाख वाहन गौतमबुद्ध नगर की सड़कों पर दौड़ रहे हैं। इन सबको मिलाकर नोएडा की सड़कों पर तकरीबन 10 लाख गाड़ियां फर्राटा भरती हैं। जबकि करीब 3.7 लाख वाहनों में यह नंबर प्लेट लगा है।

पुराने वाहन मालिक ढिलाई बरत रहे हैं
एचएसआरपी लगवाने के मामले में गौतमबुद्ध नगर का रिकॉर्ड बेहद खराब है। रिकॉर्ड के मुताबिक फिलहाल जिले में 378319 वाहनों पर ही एचएसआरपी लगी है। इनमें 133795 वाहन पुराने हैं। 244524 नए वाहन मालिकों ने नंबर प्लेट लगवाया है। आंकडों के मुताबिक पुरानों वाहनों में एचएसआरपी लगवाने की रफ्तार बेहद धीमी है। गौतमबुद्ध नगर में करीब 7.5 लाख पंजीकृत वाहन घुम रहे हैं। हालांकि इसमें बाइक और स्कूटर की संख्या ज्यादा है। आंकड़ों के मुताबिक जिले में 4.70 लाख दो पहिया वाहन हैं। 2.20 लाख के करीब प्राइवेट कार रजिस्टर्ड हैं। 

करीब 10 लाख वाहन जिले में हैं
जनपद में 2210 दो पहिया कमर्शियल वाहन फर्राटा भर रहे हैं। मालवाहक वाहनों की संख्या 17720 हैं। जिले में 18393 ऑटो रिक्शा हैं और 5045 ई-रिक्शा हैं। 3206 प्राइवेट बसें गौतमबुद्ध नगर में पंजीकृत हैं। 1332 स्कूल बस रजिस्टर्ड हैं। इन वाहनों के साथ-साथ एंबुलेंस, ट्रैक्टर और दूसरी कैटगरी की गाड़िया पंजीकृत हैं। अधिकारियों का कहना है कि दूसरे जिलों और राज्यों में पंजीकृत हजारों वाहन यहां की सड़कों पर देखे जाते हैं। इन सभी को मिलाकर गौतमबुद्ध नगर में करीब 10 लाख वाहन हैं। 

ऑनलाइन बुकिंग बिगाड़ रही मिजाज
एचएसआरपी में एक बड़ी बाधा ऑनलाइन बुकिंग की है। जनपद में हजारों की संख्या में ऐसे वाहन मालिक हैं, जिन्होंने ऑनलाइन बुकिंग की है। लेकिन उन्हें दो से तीन महीने का इंतजार करना होगा। हालांकि उन्हें इसका फायदा मिलेगा। वाहन चलाते वक्त ये सभी लोग ऑनलाइन रिसिप्ट को साथ रख सकते हैं। इस पर्ची को दिखाकर वे चालान से बच सकते हैं।

एचएसआरपी लगाने की रफ्तार धीमी है
नए नंबर प्लेट के लगवाने की धीमी रफ्तार की एक वजह इसे लगाने वाले डीलरों की कम रूचि है। रोजमार्टा कंपनी से जुड़े करीब 80 जिले में हाई सिक्यॉरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट लगा रहे हैं। ये सभी डीलर मिलकर 3700 हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगा रहे हैं। करीब 3 हजार नंबर प्लेट सीधे ऑनलाइन बुकिंग के जरिए मंगाई जा रही हैं। कई दूसरी एजेंसी भी एचएसआरपी लगा रही हैं। लेकिन सबको मिलाकर भी अब तक सिर्फ 50 फीसदी वाहनों पर नए नंबर प्लेट लगे हैं। 

क्यों और किन वाहनों के लिए जरूरी है
हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट एक होलोग्राम स्टिकर होता है। इस पर गाड़ी का इंजन और चेसिस नंबर लिखा होता है। सुरक्षा के लिहाज से वाहनों पर इसे लगाना जरूरी किया गया है। एचएसआरपी 2012 से पहले के सभी वाहनों में लगाना जरूरी है। इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट ने भी अहम आदेश दिया था। जिसके बाद परिवहन विभाग ने एचएसआरपी और ईंधन के मुताबिक रंगीन स्टिकर लगाने का निर्देश दिया है। 15 दिसंबर 2020 से एचएसआरपी लगवाने को लेकर खास अभियान भी चलाया जा रहा है। हालांकि पूरे देश में अब तक अपेक्षित सफलता नहीं मिली है।

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