नोएडा चाइल्ड पीजीआई कोरोना मरीजों के लिए खुला, ट्राईसिटी टुडे ने प्रमुखता से उठाया था मामला

BIG BREAKING: नोएडा चाइल्ड पीजीआई कोरोना मरीजों के लिए खुला, ट्राईसिटी टुडे ने प्रमुखता से उठाया था मामला

नोएडा चाइल्ड पीजीआई कोरोना मरीजों के लिए खुला, ट्राईसिटी टुडे ने प्रमुखता से उठाया था मामला

Tricity Today | नोएडा चाइल्ड पीजीआई

नोएडा के सुपर स्पेशलिटी चाइल्ड पीजीआई हॉस्पिटल को कोरोनावायरस से संक्रमित बीमारों के लिए खोल दिया गया है। राज्य सरकार के आदेश पर यह फैसला हुआ है। अब कोरोना संक्रमण के गंभीर रूप से बीमार मरीजों का इलाज यह संस्थान करेगा। चाइल्ड पीजीआई में वेंटिलेटर समेत तमाम अत्याधुनिक चिकित्सा उपकरण उपलब्ध हैं। शहर के प्रमुख सामाजिक संगठन राष्ट्रीय लोक अधिकार मंच ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर बताया था कि तमाम सुविधाएं उपलब्ध होने के बावजूद यह अस्पताल कोरोनावायरस का उपचार नहीं कर रहा है। इस मामले को ट्राईसिटी टुडे ने प्रमुखता से उठाया था।

ट्राईसिटी टुडे ने 17 अप्रैल को "कोरोना से हाहाकार और नोएडा पीजीआई पड़ा बेकार, शहर के बड़े सामाजिक संगठन ने सीएम को लिखा पत्र" शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया था। बताया था कि नोएडा शहर के एक बड़े सामाजिक संगठन ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) को पत्र लिखकर नोएडा चाइल्ड पीजीआई (Noida Child PGI) से जुड़ी कुछ जानकारियां भेजी हैं। सामाजिक संगठन के सचिव की ओर से कई गंभीर सवाल खड़े किए गए हैं। संगठन का आरोप है कि इस वक्त शहर में कोरोनावायरस संक्रमण के कारण हाहाकार मचा हुआ है। दूसरी ओर 1,200 करोड रुपए की लागत से बना चाइल्ड पीजीआई अस्पताल हाथ पर हाथ धरकर बैठा हुआ है। बड़ी बात यह है कि इस अस्पताल में 250 से ज्यादा बेड उपलब्ध हैं। जिन पर तमाम अत्याधुनिक सुविधाएं मौजूद हैं। इसके बावजूद लोग सड़कों पर धक्के खा रहे हैं। 

मामले में जिला प्रशासन और शासन में संज्ञान लिया
राष्ट्रीय लोक अधिकार संगठन के सचिव अंकित अरोड़ा ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को जानकारी दी। इस संगठन के अध्यक्ष श्रवण कुमार शर्मा हैं। श्रवण कुमार शर्मा सेवानिवृत्त आईएएस अफसर हैं। वह गौतमबुद्ध नगर के जिला अधिकारी रह चुके हैं। मेरठ और आगरा मंडलों के आयुक्त भी रहे हैं। अंकित अरोड़ा ने मुख्यमंत्री को बताया है कि नोएडा चाइल्ड पीजीआई में 250 से ज्यादा बेड उपलब्ध हैं। सभी पर ऑक्सीजन की पाइप लाइन है। अस्पताल में 34 फंक्शनल हाई एंड वेंटिलेटर ताले में बंद पड़े हैं। 20 एचएफएनसी हैं। बबल पॉप भी उपलब्ध हैं। इस शिकायत पर गौतमबुद्ध नगर जिला प्रशासन और उत्तर प्रदेश सरकार ने संज्ञान लिया। अस्पताल प्रबंधन को कोरोनावायरस से ग्रसित मरीजों का इलाज करने का आदेश दिया है।

अस्पताल के पास स्टाफ और संसाधनों की कमी नहीं
इस अस्पताल में 40 से अधिक डॉक्टर हैं। 250 नर्स और 26 टेक्नीशियन हैं। लोक अधिकार संगठन के सचिव ने कहा कि सरकार कोविड-19 सुविधाएं विकसित करने के लिए पैसा देना चाहती है। उपकरण देना चाहती है, लेकिन यहां उपलब्ध संसाधनों को इस संकट के समय में भी उपयोग में नहीं लाया जा रहा है। इस अस्पताल के पास स्टाफ और उपकरणों की कोई कमी नहीं है। इस वक्त यह संस्थान लोगों की जान बचाने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकता है। राष्ट्रीय लोक अधिकार संगठन का कहना है कि करीब 1,200 करोड रुपए में अस्पताल बनाया गया है। इस पर 100 करोड़ रुपए सालाना खर्च किए जा रहे हैं। अस्पताल लगभग बंद पड़ा हुआ है। अंकित अरोड़ा ने अपने पत्र में नोएडा पीजीआई अस्पताल के डायरेक्टर डीके गुप्ता और मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डीके सिंह पर भी गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि संकटकाल में शासन को सही तथ्यों से यह दोनों अफसर अवगत नहीं करवा रहे हैं। यह जांच का विषय है। पब्लिक सड़क पर मर रही है। लोगों को बेड नहीं मिल रहे हैं। वेंटिलेटर नहीं मिल रहा है। इस अस्पताल में डॉक्टर, नर्स, स्टाफ खाली बैठे हुए हैं। एचएसएनसी सीपैक और वेंटिलेटर तालों में बंद हैं।

अब चाइल्ड हॉस्पिटल में गंभीर मरीजों का इलाज होगा
नोएडा चाइल्ड पीजीआई की रजिस्ट्रार डॉ पूनम मोतियानी ने बताया कि 50 बेड पर मरीजों को भर्ती करने का काम शुरू कर दिया गया है। फिलहाल कई मरीजों का इलाज संस्थान में किया जा रहा है। अगले 2 या 3 दिनों में बिस्तरों की संख्या और बढ़ाई जाएगी। संस्थान में अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध हैं, जिनका पूरा उपयोग कोरोनावायरस का इलाज करने के लिए किया जाएगा।
 

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