गौतमबुद्ध नगर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ दीपक ओहरी ने पूरे मामले की जांच के लिए एक मेडिकल बोर्ड का गठन किया है
यह बोर्ड 12 अप्रैल को प्रयाग हॉस्पिटल, इलाज करने वाले डॉक्टर और अनंत के पिता शिव नारायण चौबे का पक्ष सुनेगा
सीएमओ ने अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी और एनस्थैटिस्ट को इस बोर्ड का सदस्य नामित किया है
पिता ने उनके बेटे की मौत के लिए प्रयाग हॉस्पिटल और वहां के डॉक्टरों को कसूरवार ठहराया है
13 वर्ष के अनंत को खेलते वक्त 22 मार्च, 2021 को ऐड़ी में चोट लग गई थी
डॉक्टरों की लापरवाही से मामूली चोट जानलेवा बन गई और 26 मार्च, 2021 की सुबह अनंत की मौत हो गई
निजी अस्पतालों की लालच और डॉक्टरों की लापरवाही की वजह से 13 साल के अनंत की मौत हो गई थी। गौतमबुद्ध नगर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ दीपक ओहरी ने पूरे मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय मेडिकल बोर्ड का गठन किया है। यह बोर्ड 12 अप्रैल को प्रयाग हॉस्पिटल, इलाज करने वाले डॉक्टर और अनंत के पिता शिव नारायण चौबे का पक्ष सुनेगा। सीएमओ ने अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (जनरल सर्जन) डॉ संजिव मांगलिक, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (अस्थि रोग विशेषज्ञ) डॉ भारत भूषण और एनस्थैटिस्ट डॉ चंदन को इस बोर्ड का सदस्य नामित किया है।
प्रयाग हॉस्पिटल पर लगे आरोप
डॉ दीपक ओहरी ने तीनों बोर्ड मेंबर को मामले की शीघ्र जांच कर रिपोर्ट देने का आदेश दिया है। मृतक अनंत के पिता शिव नारायण चौबे ने उनके बेटे की मौत के लिए नोएडा सेक्टर- 41 स्थित प्रयाग हॉस्पिटल और वहां के डॉक्टरों को कसूरवार ठहराया है। प्रयाग हॉस्पिटल के डायरेक्टर/सुपरिन्टेंडेंट को इस बावत अवगत करा दिया गया है और उनसे 12 अप्रैल को दिन में 12:00 बजे सीएमओ कार्यालय में उपस्थित होकर अपना पक्ष रखने के लिए आदेशित किया गया है।
संबंधित डॉक्टरों को पेश होने का आदेश
डॉ दीपक ओहरी ने मामले से जुड़े डॉक्टरों को भी उक्त तिथि और वक्त पर पेश होने का आदेश दिया है। प्रयाग हॉस्पिटल प्रबंधन से कहा गया है कि वे अनंत के इलाज से जुड़े सारे रिकॉर्ड, रिपोर्ट और दस्तावेजों के साथ सीएमओ कार्यालय आएं। शिकायतकर्ता शिव नारायण चौबे को भी बोर्ड के समक्ष पेश होकर अपना पक्ष रखना होगा। ट्राइसिटी टुडे ने पीड़ित पिता की पीड़ा को समझते हुए प्रमुखता से यह खबर प्रकाशित की थी। बताते चलें कि 13 वर्ष के अनंत को खेलते वक्त 22 मार्च, 2021 को ऐड़ी में चोट लग गई थी। पिता ने पहले उसे त्रिपाठी हॉस्पिटल में दिखाया। वहां की दवाई से सुधार नहीं होने पर वह अनंत को लेकर प्रयाग हॉस्पिटल गए। वहां के डॉक्टरों की लापरवाही से मामूली चोट नासूर बन गई और 26 मार्च, 2021 की सुबह अनंत की मौत हो गई।
यह है पूरा मामला
शिव नारायण चौबे पुत्र स्वर्गीय गिरिजा प्रसाद चौबे नोएडा के सेक्टर-53 में स्थित घिझौड़ गांव के राइजिंग होम सोसाइटी में रहते हैं। सीएमओ को दिए शिकायती पत्र में उन्होंने लिखा है कि, “22 मार्च को दोपहर में करीब 2:00 बजे खेलते वक्त उनके 13 साल के पुत्र अनंत चौबे को एड़ी में चोट लग गई। उन्होंने अनंत को सेक्टर-119 में स्थित त्रिपाठी हॉस्पिटल में दिखाया। उस वक्त हॉस्पिटल में मौजूद डॉक्टर समीर ने अनंत का एक्सरे कराया और 5 दिनों की दवा देकर उन्हें वापस भेज दिया। डॉक्टर ने कहा कि आप कल एक बार और डॉ बीके त्रिपाठी से अनंत का एक्सरे दिखा लेना। क्योंकि मैं फ्रैक्चर की पुष्टि नहीं कर पा रहा हूं। अगले दिन 23 मार्च को अनंत और शिव नारायण चौबे फिर त्रिपाठी हॉस्पिटल पहुंचे। एक्सरे देखने के बाद डॉक्टर बीके त्रिपाठी ने कहा कि पैर में फ्रैक्चर नहीं है। उन्होंने भी 5 दिनों की दवा देकर अनंत को वापस भेज दिया। लेकिन दोनों डॉक्टरों की सुझाई दवा से सिर्फ 2 से 3 घंटे ही दर्द से राहत मिलती थी।”
बेटे के दर्द को देखते हुए हॉस्पिटल बदला
“इससे परेशान पिता शिव नारायण चौबे ने हॉस्पिटल और डॉक्टर बदलने का फैसला लिया। चिट्ठी में आगे लिखा है, “ वह 24 मार्च को अनंत को लेकर शहर के सेक्टर-41 में स्थित प्रयाग हॉस्पिटल गए। जहां डॉक्टर वीपी सिंह ने उनके पुत्र के साथ अभद्र व्यवहार किया। उन्होंने एक्सरे रिपोर्ट को पूरी तरह बिना देखे ही अनंत के ऐड़ी से लेकर घुटने के ऊपर तक प्लास्टर लगा दिया। 7 दिनों की दवा देकर उन्होंने अनंत को घर भेज दिया।” शिकायत में कहा गया है कि, “उस दवा को खाने से अनंत बेचैन रहता था। यहां तक कि सुबह 7:00 बजे दूसरी खुराक देने के बाद वह नशे की हालत में आ गया। उसके चेहरे से पसीना छूट रहा था और उसके हाथ-पैर ठंडे पड़ रहे थे। इससे घबराकर अनंत के पिता ने 25 मार्च की सुबह प्रयाग हॉस्पिटल में कॉल किया।”
डॉक्टर ने दिलाया झूठा भरोसा
“अस्पताल के इमरजेंसी में डॉक्टर सचिन से उनकी बात हुई। उन्होंने सचिन को पूरी स्थिति से अवगत कराया। डॉक्टर सचिन ने कहा कि अभी अनंत की उम्र सिर्फ 13 साल है। इसलिए उसका ब्लड प्रेशर कम होने का सवाल ही नहीं उठता। उन्होंने भरोसा दिलाया कि दवा और प्लॉस्टर से कोई परेशानी नहीं है। वह बेफिक्र हो कर रहें। उन्हें हॉस्पिटल आने की जरूरत नहीं है। उन्होंने आश्वस्त किया कि अनंत 7 दिनों में ठीक हो जाएगा। मगर अनंत की हालत लगातार बिगड़ती गई। कॉल के कुछ घंटे बाद ही दोपहर 3:00 बजे शिव नारायण चौबे अपने बेटे अनंत को लेकर फिर प्रयाग हॉस्पिटल पहुंचे। करीब साढ़े तीन घंटे के इंतजार के बाद शाम 6:30 बजे डॉ सचिन हॉस्पिटल पहुंचे।”
गलती समझ में आने पर दूसरे अस्पताल भेजा
“अनंत की हालत को देखते ही उन्हें पूरा माजरा समझ में आ गया। अन्हें अपनी गलती का एहसास हुआ और उन्होंने अनंत के पैर पर लगे प्लॉस्टर को हटाना शुरू करा दिया। इससे अनंत के पैर में भी कई जगह जख्म हो गए। प्रयाग हॉस्पिटल के डॉक्टर सचिन ने कहा कि दवा रिएक्शन कर चुकी है। डॉक्टर वीपी सिंह कॉल का जवाब नहीं दे रहे हैं। इसलिए अपने बेटे को किसी बड़े अस्पताल में ले जाएं और उसकी जान बचाएं। उन्होंने अनंत को सेक्टर-27 स्थित कैलाश हॉस्पिटल में रेफर कर दिया। 25 मार्च की देर शाम करीब 8:00 बजे अनंत को कैलाश हॉस्पिटल में भर्ती कर लिया गया। वहां रात 10:00 बजे सीटी स्कैन करते हुए डॉक्टरों ने बताया कि अनंत की सांस रुक गई है। उसे वेंटिलेटर पर रखा गया है। अगले दिन, 26 मार्च की सुबह 8:47 बजे कैलाश हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने अनंत को मृत घोषित कर दिया।”