Noida : नोएडा विधानसभा सीट से कांग्रेस की हाईप्रोफाइल उम्मीदवार और पार्टी के लिए उत्तर प्रदेश में स्टार कैंपेनर रहीं पंखुड़ी पाठक का प्रदर्शन बेहद खराब है। अब तक नोएडा विधानसभा सीट के लिए 21 राउंड की मतगणना पूरी हो चुकी है। पंखुड़ी पाठक को केवल 8,989 वोट मिली हैं। वह चौथे नम्बर पर चल रही हैं। पंखुड़ी पाठक की जमानत जब्त हो सकती है। आपको बता दें कि पंखुड़ी पाठक पिछले एक साल से नोएडा में सक्रिय थीं। वह खासतौर से सेक्टरों और हाउसिंग सोसाइटीज में काम कर रही थीं। दूसरी तरफ उनके पति अनिल यादव नोएडा के ग्रामीण इलाकों और कच्ची कॉलोनियों में सक्रिय थे। खास बात यह है कि मौजूदा विधायक पंकज सिंह को घेरने के लिए पिछले एक साल में पंखुड़ी पाठक ने कई बार सड़क पर उतरकर आंदोलन किया था।
कई दिग्गज नेताओं ने पंखुड़ी के लिए प्रचार किया
नोएडा विधानसभा सीट पर पंखुड़ी पाठक की चुनौती को मजबूत करने के लिए कांग्रेस के नेताओं ने कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ी थी। अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उनका प्रचार करने के लिए छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, कांग्रेस के थिंकटैंक और पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर, खुद कांग्रेस की महामंत्री प्रियंका गांधी व राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट प्रचार करने आए थे। प्रियंका गांधी और भूपेश बघेल ने तो नोएडा की सड़कों पर रोड शो करके वोट मांगे थे। सचिन पायलट ने घर-घर जाकर पंखुड़ी पाठक के लिए वोट मांगे थे।
यूपी में पंखुड़ी को कांग्रेस ने स्टार कैंपेनर बनाया
नोएडा में अपना चुनाव लड़ने के बाद पंखुड़ी पाठक उत्तर प्रदेश की दूसरी विधानसभा सीटों पर उम्मीदवारों के लिए प्रचार करने गई थीं। उन्हें कांग्रेस ने राज्य में स्टार कैंपेनर की लिस्ट में शामिल किया था। पंखुड़ी पाठक ने एक दर्जन से ज्यादा विधानसभा सीटों पर प्रचार किया था। अब नोएडा में उनके चुनावी प्रदर्शन से कांग्रेस के संगठन में मायूसी छा गई है। दरअसल, पंखुड़ी पाठक और उनके रणनीतिकारों को भरोसा था कि वह कम से कम दूसरे स्थान पर आएंगी। पंखुड़ी पाठक को महिला और पढ़ा-लिखा चेहरा माना जा रहा था। उन्हें उम्मीद थी कि शहरी वोटर पसंद करेगा।
कौन है पंखुड़ी पाठक
पंखुड़ी पाठक मूल रूप से उत्तराखंड की रहने वाली हैं। उनका जन्म दिल्ली में हुआ है। द्वारका के दिल्ली पब्लिक स्कूल से पढ़ाई करने के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी के हंसराज कॉलेज से बीए ऑनर्स किया है। पंखुड़ी पाठक ने वर्ष 2010 में निर्दलीय छात्र संघ का चुनाव लड़कर कॉलेज में सचिव पद पर जीत हासिल की थी। इसके बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी की लॉ फैकल्टी से एलएलबी किया है। मूलरूप से उत्तराखंड के अलमोड़ा शहर की रहने वाली हैं। माता-पिता दोनों डॉक्टर हैं। दिल्ली में प्राइवेट प्रैक्टिस करते हैं। पंखुड़ी पाठक का एक छोटा भाई है। जिसने जर्नलिज्म और मास कम्युनिकेशन किया है।