Noida News : जेपी इन्फ्राटेक लिमिटेड (JIL) वर्ष 2017 से दिवालिया प्रक्रिया (Insolvency) में चल रही थी। उसका अधिग्रहण 24 मई 2024 को मुंबई की सुरक्षा कंपनी द्वारा किया गया। अधिग्रहण के बाद कंपनी के तत्कालीन सीईओ आलोक चंपक दवे ने जून 2024 में ठेकेदारों से वादा किया था कि वर्ष 2017 से मई 2024 तक लंबित सभी बकाया राशि का भुगतान किया जाएगा। इसके अतिरिक्त आगे के निर्माण कार्यों के लिए पुराने वर्क ऑर्डर उन्हीं शर्तों और दरों पर जारी किए जाएंगे।
लेकिन वादा पूरा नहीं हुआ
सीईओ आलोक चंपक दवे के आश्वासन पर भरोसा करके ठेकेदारों ने जुलाई 2024 में अपने कार्यों को फिर से शुरू कर दिया, लेकिन नवंबर 2024 तक काम पूरा करने के बावजूद न तो उन्हें उनका बकाया भुगतान किया गया और न ही नए वर्क ऑर्डर जारी हुए। इस बीच सुरक्षा कंपनी ने आलोक चंपक दवे को उनके पद से हटा दिया और उनकी जगह अभिजीत गोहिल को नया सीईओ नियुक्त किया।
25 बैठकों के बावजूद कोई समाधान नहीं
ठेकेदारों और कंपनी के बीच पिछले कुछ महीनों में लगभग 25 बार बातचीत हो चुकी है, लेकिन किसी भी बैठक में ठेकेदारों की समस्याओं का समाधान नहीं हुआ। ठेकेदारों का कहना है कि न केवल उनका पुराना बकाया भुगतान लंबित है, बल्कि सुरक्षा कंपनी अब नए वर्क ऑर्डर पुराने दरों से कम दरों पर जारी करने की बात कर रही है। जिससे उनके अनुसार कंपनी की "नियत में खोट" साफ झलकती है।
कंपनी पर धोखाधड़ी का आरोप
ठेकेदारों ने आरोप लगाया है कि उन्हें सिर्फ झूठे वादे देकर काम शुरू कराया गया और अब उनके साथ धोखा किया जा रहा है। आज नए सीईओ अभिजीत गोहिल से भी ठेकेदारों ने मुलाकात की, लेकिन कोई ठोस हल नहीं निकला। कई ठेकेदारों का कहना है कि यदि जल्द ही उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो वे कानूनी कार्रवाई का सहारा लेंगे। वहीं, सुरक्षा कंपनी के प्रवक्ता ने इस मामले पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है।