नोएडा के ठेकेदारों और अस्पतालों पर लाखों का जुर्माना, यूपीपीसीबी ने प्रदूषण फैलाने पर लिया एक्शन

बड़ी खबर : नोएडा के ठेकेदारों और अस्पतालों पर लाखों का जुर्माना, यूपीपीसीबी ने प्रदूषण फैलाने पर लिया एक्शन

नोएडा के ठेकेदारों और अस्पतालों पर लाखों का जुर्माना, यूपीपीसीबी ने प्रदूषण फैलाने पर लिया एक्शन

Google Image | वायु प्रदूषण

Gautam Buddh Nagar : उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) ने वायु प्रदूषण की शिकायत मिलने पर नोएडा में 6 लाख रुपये और गाजियाबाद में 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। नियमों का उल्लघंन करने वाले ज्यादातर नोएडा में कंस्ट्रक्शन कॉन्ट्रैक्टर और गाजियाबाद में मॉल हैं। दोनों जिलों में 15 अक्टूबर से ग्रेप लागू है। बावजूद इसके ठेकेदार और मॉल प्रदूषण फैलाने की अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे। 

गाजियाबाद में जिला प्रशासन को जुर्माने की लिस्ट भेज दी गई है। नोएडा में नोएडा प्राधिकरण के वेंडर के खिलाफ जुर्माना विवरण वहां के अधिकारियों को भेज दिया गया है। बाकी को प्रशासन को भेज दिया गया है। यूपीपीसीबी ने नोएडा के सेक्टर-104, 76, 77, 79, 63, 52, 2 और सेक्टर 58 में फायर स्टेशन के पास निर्माण स्थलों पर धूल प्रदूषण फैलाने के लिए 8 नोएडा प्राधिकरण के वेंडर सहित कुल 12 पर जुर्माना लगाया गया है। सेक्टर-75 में एक मॉल, सेक्टर-50 में एक अस्पताल और सेक्टर-1 में दो निजी भूखंडों पर जुर्माना लगाया गया है। यूपीपीसीबी ने उल्लंघन करने वालों में से प्रत्येक के खिलाफ 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाने की सिफारिश की है। कुल राशि 6 लाख रुपये है।

गाजियाबाद में दो-दो मॉल पर पांच-पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। अधिकारियों ने कहा कि गाजियाबाद के मॉल पर ज्यादा जुर्माना लगाया गया है। क्योंकि इनसे ज्यादा प्रदूषण फैलता है। यूपीपीसीबी (नोएडा और गाजियाबाद) के क्षेत्रीय अधिकारी उत्सव शर्मा ने कहा, “हमें नोएडा और गाजियाबाद के निवासियों से शिकायतें मिल रही हैं। हम औचक निरीक्षण करते हैं। जहां कहीं आवश्यक हो जुर्माने की अनुशंसा करते हैं। आमतौर पर सर्दियों में हवा की गुणवत्ता खराब होती है। प्रदूषण के मानदंडों का पालन नहीं करने से ये प्रतिष्ठान खुद को और साथ ही आसपास के लोगों को भी नुकसान पहुंचाते हैं। हमें उम्मीद है कि जुर्माना लगाने के बाद अन्य लोग प्रदूषण गाइडलाइंस का पालन करेंगे।” 

उन्होंने कहा कि एक योजना के साथ ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण (जीएनआईडीए) शहर में प्रदूषण को काफी हद तक नियंत्रित करने में सक्षम है। वायु प्रदूषण की निगरानी और नियंत्रण के लिए शहर को 8 क्षेत्रों में विभाजित किया गया है। जिनमें से प्रत्येक में प्रदूषण पर नियंत्रण रखने के लिए एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है।

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