Noida : लंदन में करोड़ो रुपये की ज़मीन दिलाने के नाम पर साइबर ठगों ने एक IT इंजीनियर से 60 लाख रुपये ठग लिए। मामले की जांच कर रही नोएडा साइबर क्राइम थाना पुलिस ने शुक्रवार को तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है जिनके खाते में रुपये ट्रांसफर कराए गए थे। जांच के दौरान पुलिस को पता चला है कि यह लोग मोटी रकम लेकर साइबर ठगों को अपना बैंक खाता उपलब्ध कराते हैं। तीनों आरोपी बरेली के रहने वाले हैं। पुलिस को जानकारी मिली है कि इस गांव के कई लोग पैसे लेकर साइबर ठगों को अपना अकाउंट उपलब्ध करा रहे हैं।
पुलिस अधीक्षक साइबर क्राइम डॉ त्रिवेणी सिंह ने बताया कि तरुण बार्ष्णेय ने नोएडा सेक्टर 36 स्थित साइबर क्राइम थाने में शिकायत की थी कि कुछ लोगों ने उससे संपर्क कर ब्रिटेन के लंदन में उसे जमीन दिलाने के नाम पर बातचीत की थी। उन्होंने बताया कि आरोपियों ने उन्हें बताया कि उनके नाम का एक व्यक्ति ब्रिटेन में रहता था जिसकी मौत हो गई है। फोन करने वाले ठगों ने उन्हें भरोसा दिलाया कि मृतक की जितनी भी संपत्ति लंदन में है वह लोग वह सब उसके नाम करवा देंगे।
पीड़ित ने पुलिस को बताया कि साइबर ठगों ने उससे विभिन्न खातों में करीब 60 लाख रुपये ज़मीन दिलवाने के नाम पर डलवा लिए। बाद में पीड़ित तरुण को पता चला कि उनके साथ ठगी हुई है। तब उन्होंने कोतवाली बिसरख में इस मामले का मुकदमा दर्ज कराया था। बाद में मामले की जांच साइबर क्राइम थाने को मिली गयी। साइबर क्राइम थाने की प्रभारी निरीक्षक रीता यादव की टीम ने जांच के दौरान शुक्रवार को अकीलुद्दीन, अनीस अहमद तथा असलीम खान को गिरफ्तार कर लिया। तीनों जनपद बरेली के रहने वाले हैं। उन्होंने बताया कि साइबर ठगों ने रकम इन्हीं के खातों में तरुण से मंगवाई थी। पुलिस ने बताया कि पूछताछ के दौरान जानकारी मिली है कि गिरफ्तार आरोपी असलीम खान साइबर ठगों को खाता उपलब्ध करवाने का काम करता है। जांच के दौरान पुलिस को पता चला है कि बरेली के कैथल गांव के काफी लोग साइबर ठगों को रुपये लेकर अपने बैंक का खाता उपलब्ध करा रहे हैं।
गिरोह के सरगना की पुलिस को तलाश
पुलिस ने बताया की पूर्व में यह मामला कोतवाली बिसरख में दर्ज हुआ था लेकिन कार्यवाई न होने जांच साइबर थाने में ट्रांसफर हो गई थी। इस मामले में पुलिस 3 आरोपियों को पहले ही जेल भेज चुकी है जिसमें गुरुग्राम निवासी पति-पत्नी और एक अन्य आरोपी निवासी पंजाब शामिल है। अब तक इस मामले में कुल 6 आरोपी गिरफ्तार किये जा चुके हैं। पुलिस को आशंका है की इस मामले में विदेशी साइबर ठग भी शामिल हैं। फिलहाल पुलिस गिरोह के फरार अन्य आरोपियों के साथ ही गिरोह के सरगना की तलाश कर रही है।
कैसे हुई ठगी की घटना
तुषार वार्ष्णेय ने बताया कि वह ग्रेटर नोएडा वेस्ट की गौर सिटी फर्स्ट स्थित पार्क एवेन्यू सोसायटी में रहते हैं। 8 जनवरी 2019 को उन्हें एक मेल आई जिसमें मेल भेजने वाले ने खुद को ब्रिटेन का एडवोकेट ब्रूज ऐडी बताया। मेल में लिखा था कि लंदन में रहने वाले स्वर्गीय ब्रज वार्ष्णेय की वर्ष 2005 में हुई एक सड़क दुर्घटना में सपरिवार भर्ती हो चुकी है। उसका नॉमिनी बनने के लिए वार्ष्णेय गोत्र मिलने के कारण तुषार को प्रस्ताव दिया गया की मृतक के बैंक खाते में जमा 12.5 मिलियन पाउंड तरुण के खाते में ट्रांसफर कर दिया जाएगा।
इसके बदले में वकील ब्रूज एडी को 50% कमीशन देना होगा। इसके बाद ब्रिटेन के एटार्नी जनरल की तरफ से तुषार के पास मेल आया जिसमें कहा गया लंदन की नाटिसिक्स बैंक में जमा उक्त रकम को रिलीज कराने के लिए फंड रिलीज़ फॉर्म भरने को कहा गया जिसमें स्वर्गीय वार्ष्णेय का लॉकर है। इसके बाद नाटिसिक्स बैंक की मेल आईडी से मेल आया कि पूरा 12.5 मिलियन पाउंड RBI मुम्बई में जमा करा दिया गया है। इसके बाद RBI के विदेशी मुद्रा विनिमय विभाग देहरादून से मेल आने लगे। इनके निर्देश पर आरोपियों द्वारा रजिस्ट्री कराने के नाम पर, वारिसान परिवर्तन के नाम पर, विदेशी करेंसी को भारतीय करेंसी में बदलने के नाम पर, कस्टम ड्यूटी आदि के नाम पर करीब 25 बैंक खातों में करीब 60 लाख रुपये जमा करवा लिए।