बीमारी ने छीन लिया बचपन, इलाज में लगेंगे करोड़ों, मासूम के माता-पिता ने प्रधानमंत्री को भेजा मदद का खत, पूरी जानकारी

Noida News: बीमारी ने छीन लिया बचपन, इलाज में लगेंगे करोड़ों, मासूम के माता-पिता ने प्रधानमंत्री को भेजा मदद का खत, पूरी जानकारी

बीमारी ने छीन लिया बचपन, इलाज में लगेंगे करोड़ों, मासूम के माता-पिता ने प्रधानमंत्री को भेजा मदद का खत, पूरी जानकारी

Tricity Today | रुद्राक्ष के इलाज में करोड़ों रुपये खर्च होंगे

नोएडा के सेक्टर-49 स्थित बरौला गांव में एक तीन साल के मासूम के जान की कीमत करोड़ो रूपये बताई जा रही है। यह कोई किडनैपिंग या रंगदारी का मामला नहीं है, बल्कि यह एक 3 साल के मासूम रुद्राक्ष की बीमारी के इलाज के लिए लगने वाली दवाई की कीमत है। रुद्राक्ष बचपन से ही बैठ नहीं सकता। न ही किसी तरीके की कोई एक्टिविटी कर सकता है। रुद्राक्ष को स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी नाम की बेहद खतरनाक बीमारी है। अब मासूम रुद्राक्ष के परिजन अधिकारियों से मुलाकात कर रहे हैं। प्रधानमंत्री-मुख्यमंत्री से मदद की गुहार लगा रहे हैं। उनके पास इलाज के लिए इतने पैसे नहीं हैं। 

डॉक्टर ने बताया तो लगा झटका
रुद्राक्ष मध्यमवर्गीय परिवार से ताल्लुक रखता है। पिता कपिल बैसोया टैक्सी चलाते हैं। उन्होंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि उनका बेटा नहीं चल पाएगा। दूसरे बच्चों की तरह खेल नहीं सकेगा, स्कूल नहीं जा सकेगा। जब रुद्राक्ष के माता-पिता ने उसको डॉक्टर से दिखाया, तो उन पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा। डॉक्टर ने जब बीमारी का नाम और उसके इलाज का खर्च बताया, तो बेबस माता-पिता के पैरों तले की जमीन खिसक गई। मासूम के इलाज के लिए करोड़ो रूपये खर्च करने होंगे। इसके बाद रुद्राक्ष आम बच्चों की तरह खेल-कूद सकेगा। मगर इतने पैसे का इंतजाम उनके पास नहीं है। रुद्राक्ष के पिता टैक्सी चला कर जैसे-तैसे अपने घर का गुजारा करते हैं। अब करोड़ो की रकम वो कहां से लाएंगे। 

प्रधानमंत्री को लिखी चिट्ठी
रुद्राक्ष के पैरेंट्स तमाम बड़े नेताओं से सहायता के लिए मिल चुके हैं। अब उन्होंने प्रधानमंत्री और सरकार से मदद की गुहार लगाई है। मासूम के पिता ने साफ तौर पर यह कहा है कि अगर हमारे बच्चे के इलाज के लिए मदद नहीं दे सकते, तो पूरे परिवार सहित हमें इच्छा मृत्यु की अनुमति दी जाए। क्योंकि वे अपने बेटे को अपाहिज वाली जिंदगी नहीं जीने देंगे। उन्होंने कहा है कि उन्हें सरकार पर भरोसा है। राज्य और केंद्र सरकार की मदद से उनकी सहायता जरूर करेंगी। उनका बेटा आम लोगों की तरह जीवन जिएगा।

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