Tricity Today | डीएस सुहास एलवाई धरनारत वकीलों के बीच डेढ़ घंटे तक बैठे रहे
गौतमबुद्ध नगर कलेक्ट्रेट बार एसोसिएशन के वकील दो दिनों से जिला प्रशासन के खिलाफ धरना देकर बैठे हुए थे। दरअसल जिलाधिकारी ने एसडीएम सदर की अदालत को बढा तहसील में ट्रांसफर कर दिया था। कलेक्ट्रेट और तहसील के बीच की दूरी करीब 10 किलोमीटर है। ऐसे में वकील इस फैसले का विरोध कर रहे थे। गुरुवार को जिलाधिकारी सुहास एलवाई वकीलों के बीच धरने में जाकर बैठ गए। करीब डेढ़ घंटे तक वकीलों के बीच फर्श पर बैठे रहे। इस दौरान तमाम मुद्दों पर लंबा विचार-विमर्श हुआ। महज डेढ़ घंटे में धरने की तस्वीर बदल गई। डीएम के पहुंचने से पहले जहां वकील रह-रह कर उनके खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे, वहीं डीएम को अपने बीच पाकर और समस्याओं के समाधान होते ही तालियां बजाने लगे।
अधिवक्ताओं के बीच बैठे डीएम
डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष राजकुमार नागर ने इस बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि डीएम सुहास एलवाई ने गुरुवार को धरनारत अधिवक्ताओं से भेंट की। वह स्वयं अधिवक्ताओं के साथ उनके बीच डेढ़ घंटे तक बैठे। इस दौरान उन्होंने कई अन्य मुद्दों पर भी बातचीत की। उन्होंने अधिवक्ताओं ने मांगों का संज्ञान लिया। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने एसडीएम कोर्ट को वर्तमान स्थान पर क्रियान्वित रखने की मांग पर विचार करने का आश्वासन दिया।
डीएम ने दिया आश्वासन
डीएम ने कहा कि अधिवक्ताओं और आमजनों की परेशानियों को देखते हुए उप जिलाधिकारी कार्यालय को कलेक्ट्रेट परिसर में ही कार्यरत रखा जाएगा। जल्द ही इस बारे में जिलाधिकारी कार्यालय से सूचना जारी कर दी जाएगी। बार एसोसिएशन के सदस्य अतुल शर्मा ने बताया कि डीएम के आश्वासन के बाद अधिवक्ताओं ने अनिश्चितकालीन धरना समाप्त कर दिया है। शुक्रवार से जिले के सभी न्यायालयों में अधिवक्ता न्यायिक प्रक्रिया में भाग लेंगे। जिलाधिकारी कार्यालय से इस संबंध में सूचना निर्गत होने का इंतजार किया जाएगा।
फैसले से नाराज होकर लिया था फैसला
उपजिलाधिकारी न्यायालय को सदर तहसील शिफ्ट करने के डीएम के फैसले को लेकर बार एसोसिएशन की 27 फरवरी को बैठक हुई थी। इसमें डीएम के निर्णय के खिलाफ रणनीति बनाई गई थी। इसके मुताबिक अपनी मांग को लेकर जिला कलेक्ट्रेट के अधिवक्ता लगातार न्यायिक कार्य बहिष्कार कर रहे हैं। बार एसोसिएशन के अध्यक्ष राजकुमार नागर ने बताया कि हमने जिलाधिकारी महोदय से उनके फैसले को बदलने की कई बार अपील की थी।
यह हैं प्रमुख मांगें
वकीलों की मांग है कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में स्थित सब रजिस्ट्रार कार्यालय को तहसील सदर में स्थानांतरित किया जाए। साथ ही जिलाधिकारी सुहास एलवाई नोएडा स्थित आवास के बजाय ग्रेटर नोएडा के सरकारी आवास में निवास करें। यह मलकपुर गांव में स्थित है और कलेक्ट्रेट के बेहद निकट है। वकीलों की मांग है कि डीआईजी ऑफिस को नोएडा सेक्टर-34 से हटाकर कलेक्ट्रेट परिसर में स्थानांतरित किया जाए। ताकि, वकीलों और लोगों को राहत मिले। तहसील सदर जाने के लिए बस की सुविधा दी जाए। इससे वादी-प्रतिवादी और वकील आसानी से तहसील तक पहुंच सकेंगे।
सरकारी आवासों में निवास करें
वकीलों ने अधिकारियों के निवास को लेकर अहम मांगे रखीं। वकीलों की मांग है कि दादरी तहसील के उपजिलाधिकारी और तहसीलदार तहसील भवन में स्थित सरकारी आवास में निवास करें। इसी तरह जेवर तहसील के उप जिलाधिकारी और तहसीलदार जेवर तहसील के सरकारी आवास में निवास करें। साथ ही तहसील सदर के तहसीलदार, सदर में बने सरकारी आवास में निवास करें। इससे न्यायिक प्रक्रिया और अधिकारी तक लोगों की पहुंच सुलभ होगी।