जीवन बीमा पॉलिसी बेचने का फर्जी कॉल सेंटर पकड़ा गया, करोड़ों की ठगी करने वाले दो गिरफ्तार

Noida News: जीवन बीमा पॉलिसी बेचने का फर्जी कॉल सेंटर पकड़ा गया, करोड़ों की ठगी करने वाले दो गिरफ्तार

जीवन बीमा पॉलिसी बेचने का फर्जी कॉल सेंटर पकड़ा गया, करोड़ों की ठगी करने वाले दो गिरफ्तार

Tricity Today | पुलिस की गिरफ्त में आरोपी

  • अब तक सैकड़ों लोगों से कर चुके हैं करोड़ों रुपए की ठगी 
  • बड़ी रकम मिलने का लालच देकर प्रति व्यक्ति करीब 1 लाख रुपये अपने खाते में जमा करा देते थे
Noida: कोतवाली फेस 3 पुलिस ने जीवन बीमा पॉलिसी के नाम पर लोगों से ठगी करने वाले 2 आरोपियों को नोएडा के सेक्टर 63 से गिरफ्तार किया है। आरोपी   फर्जी कॉल सेंटर के माध्यम से विभिन्न कंपनियों की जीवन बीमा पॉलिसी का रिनुअल करने और उसकी मैच्यूरिटी को लेकर लोगों को बड़ी रकम मिलने का लालच देकर प्रति व्यक्ति करीब 1 लाख रुपये अपने खाते में जमा करा देते थे। पुलिस गिरोह के मुखिया छत्रपाल उर्फ सिद्धार्थ शर्मा की तलाश कर रही है।

एडीसीपी नोएडा जोन रणविजय सिंह ने बताया कि पीएनबी मेटलाइफ इंश्योरेंस कंपनी के  सीनियर मैनेजर संजीव ने कोतवाली फेज-3 पुलिस से शिकायत की थी कि कुछ लोग उनकी कंपनी की जीवन बीमा पॉलिसी के रिन्यूअल और मेच्योरिटी को लेकर लोगों के साथ ठगी कर कंपनी को बदनाम कर रहे हैं। इस पर पुलिस ने शुक्रवार को H-150, सेक्टर 63 में छापा मारा जहां Nimbuzz Solution नाम से कॉल सेंटर चलता मिला। पुलिस ने मौके से  शुभम राणा निवासी हापुड़ और सत्यम निवासी बिहार को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस के मुताबिक कॉल सेंटर चलाने वाला मुख्य आरोपी छत्रपाल उर्फ सिद्धार्थ शर्मा मौके से फरार हो गया है जिसकी तलाश की जा रही है।

पुलिस ने आरोपियों से 25 मोबाइल फोन, 11 बेसिक फोन, 9 सीपीयू, 11 सिम कार्ड, एक मोहर, 50 डायरी और विभिन्न बीमा कंपनियों से संबंधित दस्तावेज बरामद किए हैं। 


ऐसे करते थे ठगी
पुलिस के मुताबिक आरोपियों ने कॉल सेंटर में 30-32 लड़के- लड़कियों को नौकरी पे रखा हुआ था। आरोपी अपने कर्मचारियों को यह बताते थे कि जीवन बीमा पॉलिसी के रिन्यूअल और मैच्यूरिटी करने के लिए विभिन्न कंपनियों से उनका टाइ-अप है। इस पर युवक-युवतियां कॉल सेंटर मालिक द्वारा दिए गए डाटा के मुताबिक कस्टमर को कॉल करते थे और उन्हें बताते थे कि उनकी पॉलिसी 8 से 10 साल पहले प्रीमियम ना जमा करने के कारण बंद हो चुकी है। साथ ही ग्राहक का आधार कार्ड नंबर और अन्य जानकारी भी उसको बताते थे जिससे उसको भरोसा हो जाता था कि यह बीमा कंपनी के लोग ही हैं। 

ग्राहक से 99 हज़ार 999 रुपये कंपनी के खाते में डलवाने के 180 दिन बाद ग्राहक को 2 लाख 88 हज़ार रुपये मिलने का वादा वादा करते थे जिस पर लालच में आकर लोग खाते में रकम ट्रांसफर कर देते थे। इसके बाद यह लोग उस ग्राहक का नंबर ब्लॉक कर देते थे ताकि वो संपर्क ना कर सके।

इन बीमा कंपनियों के नाम पर करते थे ठगी
पुलिस के मुताबिक मुख्य आरोपी छत्रपाल उर्फ सिद्धार्थ शर्मा अपने साथी शुभम राणा और सत्यम के साथ मिलकर नोएडा के H-120, सेक्टर 63 के फर्स्ट फ्लोर पर फर्जी कॉल सेंटर चला रहा था। यह लोग पीएनबी मेटलाइफ, कैनरा बैंक, एचएसबीसी, ओबीसी लाइफ इंश्योरेंस और एचडीएफसी लाइफ इंश्योरेंस के ग्राहकों को उनकी जीवन बीमा पॉलिसी करीब 8-10 साल पहले प्रीमियम ना जमा कर पाने पर पॉलिसी बंद होने की बात बताते थे। यह लोग ग्राहकों से कहते थे कि यदि वह पॉलिसी रिन्यू करा लेंगे तो उन्हें करीब 1 लाख का ही प्रीमियम देना पड़ेगा और लेट फीस भी नहीं देनी पड़ेगी। साथ ही 6 माह में मैच्यूरिटी के तौर पर दोगुनी से अधिक रकम मिलने का भी लालच देते थे। इस झांसे में आकर ही लोग ठगी का शिकार हो जाते थे।

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