कोरोना वैक्सीन के नाम पर ठगी शुरू, फोन करके रजिस्ट्रेशन करने वालों से सावधान

काम की खबर : कोरोना वैक्सीन के नाम पर ठगी शुरू, फोन करके रजिस्ट्रेशन करने वालों से सावधान

कोरोना वैक्सीन के नाम पर ठगी शुरू, फोन करके रजिस्ट्रेशन करने वालों से सावधान

Tricity Today | प्रतीकात्मक फोटो

कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा लोगों पर मंडरा रहा है। जिससे निजात पाने के लिए भारत में वैक्सीन आ चुकी है। यह वैक्सीन जल्दी ही लोगों तक पहुंच जाएगी। इस बीच ठगों ने कोरोनावायरस को ठगी का जरिया बना लिया है। लोगों को फोन करके रजिस्ट्रेशन करने की बात कही जा रही है। यह लोग खुद को राज्य या केंद्र सरकार के हेल्थ डिपार्टमेंट के कर्मचारी बताते हैं। इसके बाद लोगों से उनकी गोपनीय जानकारियां मांगकर बैंक खाते में सेंधमारी कर रहे हैं। गौतमबुद्ध नगर साइबर सेल ने जिले के निवासियों को अलर्ट जारी किया है। जिसमें कहा गया है कि कोरोना वैक्सीन का रजिस्ट्रेशन करने के नाम पर आने वाले कॉल से बचें। ऐसे कोलर से बात करने पर धोखाधड़ी और ठगी हो सकती है।

गौतमबुद्ध नगर साइबर सेल के एडिशनल डीसीपी अंकुर अग्रवाल ने एक वीडियो जारी करके लोगों को सलाह दी है। अंकुर अग्रवाल ने कहा, "कोरोनावायरस की वैक्सीन के लिए रजिस्ट्रेशन करने के नाम पर साइबर फ्रॉड शुरू हो गया है। कुछ लोग फोन कर रहे हैं। वह कोरोनावायरस की वैक्सीन लगाने के लिए रजिस्ट्रेशन करवाने की बात कहते हैं। खुद को हेल्थ डिपार्टमेंट का कर्मचारी बता रहे हैं। आधार कार्ड का नंबर और कई दूसरी जानकारियां मांगते हैं। इसके बाद एसएमएस के जरिए एक ओटीपी या लिंक भेजा जाता है। ओटीपी बताने के लिए या यूआरएल पर क्लिक करके रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पूरी करने की बात कहते हैं। जैसे ही आप ओटीपी बताएंगे या लिंक पर क्लिक करेंगे, उसके साथ ही आपके बैंक खाते में सेंधमारी हो जाएगी। यह लोग बैंक खाते से पैसा निकाल लेते हैं।" एडिशनल डीसीपी ने ऐसे लोगों से सावधान रहने की अपील की है।
  1. कैसे करते हैं ठगी : अनजाने नंबर से फोन कॉल आती हैं। उस तरफ से लड़का या लड़की अंग्रेजी या हिंदी में बात करने की जानकारी मांगता है। इसके बाद आपका नाम लेकर खुद को हेल्थ डिपार्टमेंट का कर्मचारी बताएंगे। आपको कोरोनावायरस संक्रमण के प्रति जागरूक करेंगे। कहेंगे कि जब तक वैक्सीन नहीं आ जाती और आपको नहीं लगा दी जाती, तब तक बचाव ही सबसे बड़ा इलाज है। इसके बाद कहेंगे कि हेल्थ डिपार्टमेंट कोरोना वैक्सीनेशन के लिए रजिस्ट्रेशन कर रहा है। इसके लिए आपको कुछ जानकारियां देनी होंगी। नाम, पता पूछने के बाद डुप्लीकेसी से बचाव और ऑथेंटिकेशन की बात कहते हुए आधार कार्ड का नंबर पूछा जाएगा। इसके बाद मोबाइल पर एक ओटीपी या लिंक भेजेंगे। ओटीपी बताने या लिंक पर क्लिक करने के लिए कहा जाएगा। जैसे ही ओटीपी उनके पास पहुंचेगा या आप लिंक पर क्लिक करेंगे, उसके साथ ही उन्हें बैंक खाते में एक्सेस मिल जाएगा।
  2. भरोसा जीतने के लिए खुद को डॉक्टर बताते हैं : यह साइबर ठग आम आदमी का भरोसा जीतने के लिए खुद को डॉक्टर बताते हैं। यह भी पूछते हैं कि आपके परिवार में किसी को अभी तक कोरोनावायरस का संक्रमण तो नहीं हुआ है। साथ ही कोरोनावायरस से बचाव के लिए जागरूक भी करते हैं। कुछ देर बात करने से लोगों को उन पर भरोसा हो जाता है और इस बातचीत के दौरान ही वह अपने काम की सूचनाएं हासिल कर लेते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसी फ्रॉड कॉल से बचने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि बिना वजह बात ना करें। दरअसल, वैक्सीनेशन के लिए राज्य, केंद्र सरकार या हेल्थ डिपार्टमेंट की ओर से किसी को भी कॉल नहीं की जा रही हैं।
  3. गौतमबुद्ध नगर साइबर सेल को मिल रहीं शिकायत : कोविड-19 का टीका उपलब्ध कराने के नाम पर साइबर ठगी के बाबत गौतमबुद्ध नगर पुलिस आयुक्तालय ने अलर्ट जारी किया है। अपर पुलिस उपायुक्त अंकुर अग्रवाल ने बताया कि साइबर अपराधियों ने लोगों को ठगने के लिए नया तरीका अपनाया है। उन्होंने बताया कि साइबर सेल को कई ऐसी शिकायतें मिली हैं, जिसमें साइबर ठग अपने आप को स्वास्थ्य विभाग का कर्मचारी बताकर लोगों से संपर्क कर रहे हैं और कोविड-19 का टीका लगाने के लिए पंजीकरण कराने के नाम पर ई-मेल, आधार संख्या आदि की जानकारी मांग रहे हैं। 
  4. ऐसा कोई फोन आए तो तत्काल पुलिस को बताएं :अंकुर अग्रवाल ने बताया कि कथित साइबर ठग लोगों से कहते हैं कि पंजीकरण के लिए आपके पास एक ओटीपी आएगा, आप उसे हमें बता दें, ताकि आपके पंजीकरण की प्रक्रिया पूरी हो सके। उन्होंने बताया कि जैसे ही लोगों द्वारा ओटीपी बताया जाता है, साइबर अपराधी लोगो के खाते से पैसे निकाल लेते हैं। उन्होंने नागरिको से अपील की है, कि इस तरह के ठगों के झांसे में ना आए तथा अपनी कोई भी जानकारी उन्हें ना दें, अगर कोई इस तरह का फोन करता है, तो पुलिस को सूचित करें।

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