देश भर के ज्वेलरी कारोबारियों ने स्वर्ण आभूषण विक्रेताओं के यहां सीसीटीवी कैमरे लगा कर उनको जीएसटी विभाग के साथ जोड़ने के निर्णय को दमनकारी और अनुचित बताते हुए इसे तुरंत वापस लेने की मांग की है। गौतमबुद्ध नगर में भी सोने के व्यवसायी इस फैसले पर विरोध जता रहे हैं। दरअसल केरल सरकार ने स्वर्ण आभूषण विक्रेताओं के प्रतिष्ठानों के अंदर सीसीटीवी कैमरा लगाकर उनका कंट्रोल लिंक जीएसटी एवं अन्य विभागों के साथ जोड़ने के आदेश दिए हैं।
इसको लेकर ही देश भर में ज्वैलरी कारोबारी विरोध जता रहे हैं। ऑल इंडिया ज्वेलर्स एंड गोल्ड स्मिथ फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंकज अरोड़ा, राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष एवं नोएडा ज्वेलर्स वेलफेयर एसोसिएशन के महासचिव सुशील कुमार जैन ने कहा कि इस तरह के निर्णय से व्यापार की निजता का हनन होता है। साथ ही इस तरह के कैमरे आदि लगाने से भारत सरकार के आसानी से व्यापार करने के उद्देश्य (इज ऑफ डूइंग बिजनेस) का भी हनन होता है।
आजादी के बाद से कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी की सरकारों ने कभी कोई ऐसा निर्णय किसी व्यापार के प्रति नहीं लिया। पंकज अरोड़ा एवं सुशील कुमार जैन ने संयुक्त रुप से कहा कि इस तरह की निगरानी का उपयोग सरकारों लोगों की निजता का अनुचित रूप से उल्लंघन करने के लिए करती हैं। यह नागरिकों के स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन है। ऑल इंडिया ज्वेलर्स एंड गोल्डस्मिथ फेडरेशन इस दमनकारी नीति की घोर आलोचना करते हैं।
आशा है कि केरल सरकार विषय की गंभीरता को समझते हुए ऐसे अनुचित आदेशों को तुंरत वापस लेंगी। कारोबारियों ने राहुल गांधी और वर्तमान अध्यक्ष सोनिया गांधी से इस आदेश पर अपना पक्ष स्पष्ट करने की मांग की है। ऑल इंडिया ज्वेलर्स एंड गोल्ड स्मिथ फेडरेशन का प्रतिनिधिमंडल शीघ्र ही माननीय राज्यपाल केरल सरकार, राष्ट्रपति, भारत सरकार, निर्मला सीतारमण और पीयूष गोयल समेत लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला आदि को इस बारे में खत लिखा है।