नोएडा शहर में काम कर रहे करीब 4 लाख लोगों की नौकरियों पर एक बार फिर संकट के बादल छा गए हैं। शहर की इंडस्ट्री में हड़कंप मचा हुआ है। दूसरी ओर शासन-प्रशासन भी हैरान परेशान हैं। दरअसल, ब्रिटेन समेत यूरोप के देशों में कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन ने आफत मचा दी है। जिसका सीधा असर नोएडा की गारमेंट इंडस्ट्री पर पड़ रहा है। कपड़ों के निर्यात से जुड़े चार लाख से भी ज्यादा लोगों के रोजगार पर संकट है। इन हालात से इंडस्ट्री में हड़कम्प मचा हुआ है। उद्यमियों कह रहे हैं कि अगर जल्दी हालात नहीं सुधरे तो नोएडा को भारी आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ेगा। चार लाख से ज्यादा लोगों के रोजगार एक बार फिर जा सकते हैं। लॉकडाउन पीरियड के दौरान कई महीनों तक इंडस्ट्री बंद रही। जिसकी वजह से पहले ही उद्योग बड़े नुकसान में चल रहे हैं।
यूरोपियन देशों में कोरोनावायरस का नया स्ट्रेन बना आफत
रेडीमेड गारमेंट इंडस्ट्री से जुड़े उद्यमियों ने बताया, नोएडा शहर में पांच हजार से अधिक रेडीमेड गारमेंट की मैन्युफैक्चर और एक्सपोर्टर कम्पनियां है। इनमें से 1200 गारमेंट एक्सपोर्टर कम्पनियों का 90 प्रतिशत कारोबार यूरोप के देशों से हो रहा है। यूरोप के देशों से नोएडा को विंटर सीजन में सबसे ज्यादा ऑर्डर मिलते हैं। कोरोना वायरस के कारण इस साल करीब 60 प्रतिशत ऑर्डर कम मिले हैं। जो ऑर्डर आए हैं, उन्हें पूरा करने के लिए दिन-रात काम चल रहा है। अब करीब 2 सप्ताह पहले ब्रिटेन और यूरोप के दूसरे देशों में कोरोनावायरस का नया स्ट्रेन सामने आया है। जिसने वहां नए सिरे से तबाही मचानी शुरू कर दी है। मजबूर होकर यूरोप के देशों का संपर्क पूरी दुनिया से काटना पड़ा है। भारत से भी हवाई यातायात बंद कर दिया गया है। इन हालात के मद्देनजर यूरोपियन खरीदारों ने शहर के उद्यमियों को ऑर्डर पर फिलहाल यथास्थिति बनाने को कहा है। मतलब, अब तक जितना प्रोडक्शन हो चुका है उसे यहीं रोक दिया जाए। कुछ सप्ताह बाद बात की परिस्थितियों को ध्यान में रखकर प्रोडक्शन शुरू करने के लिए कहा गया है।
1200 फैक्ट्रियों पर आर्थिक संकट भी आया, फिर बंदी सम्भव
ऐसे में शहर के 1200 से ज्यादा उद्यमी असमंजस में फंस गए हैं। इनकी एसोसिएशन के अध्यक्ष ललित ठुकराल ने कहा, "यूरोप अमेरिका और भारत में वैक्सीन आ गई है। करीब एक आफत झेल रहे उद्यमियों ने बड़ी राहत महसूस की थी। अब यूरोप में स्थिति में नया स्ट्रेन सामने आ गया है। जिससे हालत सुधारने की बजाय और ज्यादा बिगड़ गए हैं। उद्यमियों की तकलीफ बढ़ रही है। आने वाले कुछ सप्ताह या महीने यही स्थिति बनी रही तो नोएडा की 1200 रेडीमेड गारमेंट्स मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्रीज में बंदी करनी पड़ेगी। जिसका सीधा असर इन उद्योगों में काम कर रहे चार लाख से ज्यादा कर्मचारियों के रोजगार पर पड़ना तय हैं।" एक अन्य उद्यमी ने बताया कि अब ऑनलाइन बिक्री के लिए प्रोडक्शन हो रहा है। सारी कंपनियां किसी तरह अपनी रनिंग कॉस्ट निकाल पा रही हैं। दरअसल, ऑनलाइन मार्केट में कंपटीशन बहुत ज्यादा है। लोगों को इतने आर्डर नहीं मिलते हैं, जिनसे पूरी कंपनी का खर्च आसानी से निकल जाए। हालात सुधरने में जितना ज्यादा वक्त लगेगा घाटा उतना ही ज्यादा बढ़ता जाएगा। बैंकों की देनदारी, बिजली का बिल, सुरक्षाकर्मियों की नौकरी और नियमित कर्मचारियों का वेतन जा रहा है। जिससे लगातार उद्यमियों पर आर्थिक दबाव बढ़ रहा है।
2800 करोड़ रुपये की चपत इंडस्ट्री को लगने का खतरा
इस झटके के चलते शहर के उद्यमियों को करीब 2800 करोड रुपए की चपत लग सकती है। ब्रिटेन, इटली, स्पेन, जर्मनी और पुर्तगाल समेत यूरोपियन मुल्कों से नोएडा शहर के उद्योगों को इस साल करीब 2800 करोड़ रुपये के ऑर्डर मिले थे। जिन्हें पूरा करने के लिए शहर की इंडस्ट्री दिन रात चल रही थी। नोएडा एंटरप्रिन्योर्स एसोसिएशन (एनईए) के प्रवक्ता सुधीर श्रीवास्तव ने बताया कि यूरोप के रिटेल स्टोरों से मिलने वाले ऑर्डर बन्द हो गए हैं। अब यूरोप के देशों में दोबारा लॉकडाउन हो गया है। रिटेल स्टोर बंद पड़े हुए हैं। स्टोर खुलने के बाद हालात दोबारा सामान्य हो पाएंगे। ऑनलाइन और ऑफ लाइन कंपनियां बहुत ही कम मुनाफे में ऑर्डर दे रही हैं। दूसरी तरफ कपड़े और दूसरे कच्चे माल की कीमतें 20 प्रतिशत तक बढ़ गई हैं। मजबूर कर रेट टू रेट सप्लाई करनी पड़ रही है।
ब्रिटेन से मिले सबसे ज्यादा 660 करोड़ के ऑर्डर लटके
कोरोनावायरस के नए स्ट्रेन की चपेट में सबसे पहले ब्रिटेन आया है। ब्रिटेन से ही नोएडा की रेडीमेड गारमेंट इंडस्ट्री को सबसे ज्यादा 660 करोड़ों रुपए के ऑर्डर मिले हैं। इसके अलावा जर्मनी से 540 करोड़ रुपये, फ्रांस से 460 करोड़ रुपये, इटली से करीब 340 करोड़ रुपये, स्पेन से 250 करोड़ रुपये और बाकी यूरोप से करीब 550 करोड़ रुपए के ऑर्डर मिले हैं। आईआईए के राजीव बंसल ने बताया कि यूरोप के देशों से दोबारा ऑर्डर आने पर सप्लाई शुरू होगी। तब तक यथास्थिति बनी रहेगी। शहर के उद्यमी अपनी जमा पूंजी फंसाकर बैठे हैं। अगर स्थिति नहीं सुधरी तो शहर के इंडस्ट्री एक-एक करके दिवालिया होनी शुरू हो जाएंगी।
दोबारा हालात बिगड़ने से सरकार भी चिंता में पड़ी
यूरोप में कोरोनावायरस की वजह से एक बार फिर हालात बिगड़े हैं, जिसका असर नोएडा शहर पर दिखाई दे रहा है। इससे उत्तर प्रदेश सरकार और विभागीय अधिकारी भी परेशान हो गए हैं। गौतमबुद्ध नगर जिला उद्योग केंद्र के उपायुक्त अनिल कुमार का कहना है, यूरोप में नए वायरस की वजह से कुछ दिक्कतें आ रही हैं। शासन-प्रशासन उद्यमियों के साथ है। उद्यमियों से दूसरे देशों में बाजार तलाशने की अपील की जा रही है। जिससे संकट से उबरा जा सके। हम भी यूरोप से बाहर मार्केट तलाश करने में उद्यमियों की मदद करेंगे। इस मसले को लेकर शासन स्तर पर भी विचार-विमर्श चल रहा है।