Social Media | विमोचन करते केंद्रीय शिक्षा मंत्री 'निशंक'
केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने एनआईओएस (दी नेशनल इंस्ट्टीट्यूट ऑफ ओपेन स्कूलिंग) की सराहना करते हुए कहा, “यह संस्थान पहले से ही भारत और विदेशों में भारतीय ज्ञान परंपरा के प्रसार के लिए प्रयास कर रहा है।” वैदिक अध्ययन, संस्कृत व्याकरण, भारतीय दर्शन, संस्कृत साहित्य और संस्कृत भाषा पाठ्यक्रमों को भारतीय ज्ञान परंपरा के आधार पर एनआईओएस ने माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक स्तर के लिए शानदार ढंग से तैयार किया है। उनकी अध्ययन सामग्री संस्कृत और हिंदी भाषा में शिक्षार्थियों को उपलब्ध कराई गई है।
पाठ्य सामग्री का कई भाषाओं में अनुवाद होगा
केंद्रीय शिक्षा मंत्री सोमवार को नोएडा में स्थित एनआईओएस में भारतीय ज्ञान परंपरा पाठ्यक्रमों की अध्ययन सामग्री का विमोचन किया। इस मौके पर उन्होंने शैक्षणिक गतिविधियों में उल्लेखनीय योगदान के लिए इस संस्थान के प्रयासों को खूब सराहा। उन्होंने कहा कि सभी पाठ्य सामग्री का अंग्रेजी माध्यम में अनुवाद भी किया जा रहा है। इसके अलावा इन सभी विषयों को विदेशों में भारतीय संस्कृति और ज्ञान परंपरा को बढ़ावा देने के लिए प्रमुख विदेशी भाषाओं में भी तैयार करने की योजना बनाई जा रही है। जल्द ही इस पर काम शुरू हो जाएगा।
नई शिक्षा नीति से बदलेगा देश
इस मौके पर उन्होंने नई शिक्षा नीति के बारे में चर्चा की। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि नयी शिक्षा नीति में शिक्षार्थी के आंतरिक स्वाध्याय के साथ-साथ प्राचीन ज्ञान, कौशल और मूल्यों की स्थापना में भारतीयता के प्रति गौरव की भावना के निमार्ण पर भी जोर दिया गया है। एनआईओएस द्वारा तैयार पाठ्य सामग्री नयी शिक्षा नीति की मूल भावना को दर्शाती है। इससे भारतीय संस्कृति, विरासत, दर्शन और प्राचीन ज्ञान को आधुनिक संदर्भों के साथ नई पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए एनआईओएस ने विशेष प्रयास किया है। यह मील का पत्थर साबित होंगा।
इन पाठ्यक्रमों का संचालन होता है
बताते चलें कि एनआईओएस माध्यमिक, उच्चतर माध्यमिक स्तर और व्यावसायिक प्रशिक्षण के क्षेत्र में खुली और दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से स्कूली शिक्षा प्रदान करता है। एनआईओएस का पाठ्यक्रम राष्ट्रीय व अन्य राज्य स्तरीय स्कूल शिक्षा बोर्ड के अध्ययन के पाठ्यक्रमों के समकक्ष है। इस संस्थान ने ओपन बेसिक एजुकेशन प्रोग्राम के तीनों स्तरों पर संस्कृत, हिंदी और अंग्रेजी माध्यम में वेद, योग, विज्ञान, व्यावसायिक कौशल और संस्कृत भाषा विषयों जैसे भारतीय ज्ञान परंपरा के 15 पाठ्यक्रम तैयार किए हैं। यह पाठ्यक्रम कक्षा 3, 5 और 8 के बराबर हैं। इससे समाज के एक बड़े वर्ग को फायदा होगा। समारोह में शिक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी, एनआईओएस के विभागों के प्रमुख और विभिन्न शिक्षण संस्थानों के प्रमुख मौजूद थे।