शहीद दिवस पर क्रांतिकारी की पुत्रवधू ने भगत सिंह के लिए की ये 2 बड़ी मांग, बोलीं- नोएडा सीईओ के हाथ में सबकुछ

Special Interview : शहीद दिवस पर क्रांतिकारी की पुत्रवधू ने भगत सिंह के लिए की ये 2 बड़ी मांग, बोलीं- नोएडा सीईओ के हाथ में सबकुछ

शहीद दिवस पर क्रांतिकारी की पुत्रवधू ने भगत सिंह के लिए की ये 2 बड़ी मांग, बोलीं- नोएडा सीईओ के हाथ में सबकुछ

Tricity Today | बेबी मंजीत कौर

Noida News : शहीद-ए-आजम भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु ने जो बम ब्रिटिश असेंबली में बम फेंका था, वो बम नोएडा के सेक्टर-145 में स्थित नलगढ़ा गांव में बनाया गया था। उस बम को नलगढ़ा में तैयार किया गया था। आज के दिन ही तीनों क्रांतिकारी देश को आजादी दिलाने के लिए शहीद हुए थे। भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु का गौतमबुद्ध नगर से गहरा संबंध माना जाता है। क्योंकि नोएडा के नलगढ़ा में बनाए गए बम को विस्फोट के बाद ही इन तीनों को गिरफ्तार किया गया था। यह जानकारी क्रांतिकारी की पुत्रवधू ने   ट्राईसिटी टुडे टीम को दी।

करनैल सिंह से सीखा बम बनाने का तरीका
नोएडा के सेक्टर-145 में आजाद हिंद फौज के कर्नल करनैल सिंह की पुत्रवधु बेबी मंजीत कौर अपने परिवार के साथ रहती हैं। बेबी मंजीत कौर का कहना है कि कर्नल करनैल सिंह और भगत सिंह ने देश को आजादी दिलाने की यहीं पर रणनीति तैयार की थी। कई-कई दिन इस शरण स्थली पर साथ गुजारते थे। जब असेंबली में बम फोड़ने के लिए बलिदानी भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव निकले थे। उस दिन नेताजी सुभाष चंद बोस, कर्नल करनैल सिंह साथ थे। तीनों क्रांतिकारी दिल्ली की ओर और करनैल सिंह के साथ नेताजी देश के बाहर जाने के लिए निकले थे। 

3 वर्ष तक छिपकर रहे थे नलगढ़ा
मंजीत कौर ने बताया कि नलगढ़ा गांव नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे के किनारे पर बसा है। दिल्ली के नजदीक होने के कारण स्वतंत्रता सेनानियों ने नलगढ़ा को अपना ठिकाना बनाया था। इस गांव का नाम भी शहीद भगत सिंह ने ही नलगड़ा रखा था। पहले गांव का नाम नारायणपुर था। बता दें कि यह सभी क्रांतिकारी यहां तीन वर्ष तक छिपकर रहे थे। गांव में बिखरी निशानियां आज भी इसकी गवाही देती हैं। भगत सिंह के साथी और सुभाष चन्द्र बोस के फौज में रहे करनैल सिंह का परिवार आज भी इसी गांव मे रहता है। उनके परिवार के पास आज भी कई सामान और फोटो मौजूद है। जिसमें करनैल सिंह, भगत सिंह और सुभाषचंद्र बोस के साथ है।

यह दो मांग रखी
मनजीत कौर की मांग है कि नोएडा सेक्टर145 मेट्रो स्टेशन का नाम बदलकर शहीद-ए-आजम भगत सिंह रखा जाए। इसके अलावा नोएडा में बन रहे शहीद भगत सिंह पार्क जल्द शुरू किया जाए। उन्होंने कहा कि उनको इसके अलावा और कुछ नहीं चाहिए। यह दोनों मांगे वह महान क्रांतिकारी शहीद भगत सिंह के लिए मांग रही है। हालांकि, इसके लिए नोएडा प्राधिकरण कार्य कर रहा है। इस फैसला अब सीईओ ऋतु महेश्वरी के हाथ में है। 

काश्तकार शांति देवी ने ऐसे की थी मदद
बेबी मंजीत कौर ने जानकारी देते हुए बताया कि आजादी के बाद सन 1992 में उनके ससुर कर्नल करनैल सिंह वापस नलगढ़ा लौट गए थे। यहां पर उनको काश्तकार शांति देवी के पिता ने बुलाया था। उन्होंने कहा था कि आप के साथियों ने देश की आजादी के लिए कुर्बानियां दी हैं। इसलिए आप अपने परिवार के साथ यहीं पर रहोगे। उनके पालन पोषण की जिम्मेदारी मैं खुद लूंगा।

नोएडा में मिली कई निशानी
नोएडा के नलगढ़ा से वो सभी सामान मिला है, जो बम बनाने में इस्तेमाल हुआ था। बेबी मंजीत कौर ने कर्नल करनैल सिंह, भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु की तमाम निशानी अपने पास संगवा कर रख रखी है। नलगढ़ा में बारूद के साथ दो डिटोनेटर भी मिले, जिसे जमीन के नीचे भगत सिंह ने छिपाया था। इसके अलावा तमाम चित्र, सीटी और अन्य देशों के डाक टिकट भी मिले। जिन्हें उनके ससुर ने भगत सिंह के साथ जमीन में दबा रखा था।

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