श्मशान घाटों में एक साल की लकड़ियां एक महीने में खत्म, अब  मेरठ और हापुड़ से ली प्राधिकरण ने मदद, पूरी जानकारी

गौतमबुद्ध नगर : श्मशान घाटों में एक साल की लकड़ियां एक महीने में खत्म, अब मेरठ और हापुड़ से ली प्राधिकरण ने मदद, पूरी जानकारी

श्मशान घाटों में एक साल की लकड़ियां एक महीने में खत्म, अब  मेरठ और हापुड़ से ली प्राधिकरण ने मदद, पूरी जानकारी

Google Image | प्रतीकात्मक फोटो

कोरोना वायरस से जिले में मरने वाले लोगों को संख्या बढ़ती जा रही है। जिसके कारण नोएडा के श्मशान घाटों पर शवों की लाइन लगी हुई है। अब शवों को जलाने के लिए लकड़ियों की भी कमी पड़ गई है। नोएडा के सेक्टर-94 में स्थित श्मशान घाट पर लकड़ियों की कमी दिखने लगी है। नोएडा में स्थित सभी श्मशान घाटों पर शवों को जलाने के लिए लकड़ियों खत्म होती दिखाई दे रही है। जिसके कारण अब शवों को जलाने के लिए लकड़ियों को मेरठ और हापुड़ से मगांया जा रहा है।

मिली जानकारी के अनुसार, नोएडा के श्मशान घाटों में एक साल में जितनी लकड़ियों जलती थी। उतनी लकड़ियों को पिछले एक महीने के दौरान जला दिया गया है। एक महीने के दौरान अंतिम संस्कार की प्रक्रिया में 10 हजार क्विंटल लकड़ियों का प्रयोग किया गया है। जिसके बाद अब नोएडा प्राधिकरण ने लकड़ियों को इकट्ठा करना शुरू कर दिया है। जिले में अब दूसरे जिलों से शवों को जलाने के लिए लकड़ियों को मंगाना पड़ रहा है।

दरअसल, एक शव के अंतिम संस्कार में करीब 4 क्विंटल लकड़ी का प्रयोग होता है। इन दिनों सबसे ज्यादा शव का अंतिम संस्कार सेक्टर-94 स्थित श्मशान घाट में किया जा रहा है। यहां पर अप्रैल महीने करीब 60 शवों और मई महीने में अब तक 35 शवों को जलाया जा रहा है। इसके अलावा शहर में सेक्टर-14 स्थित शनि मंदिर के पास, सेक्टर-49 बरौला, सेक्टर-52 होशियारपुर और सेक्टर-135 नंगली वाजितपुर गांव के पास बने श्मशान घाट में लोगों का अंतिम संस्कार किया जा रहा है। इन जगहों पर सिर्फ लकड़ियों के जरिए अंतिम संस्कार की प्रक्रिया होती है। अधिकारियों ने बताया कि इन चार स्थानों पर प्रत्येक पर रोजाना लगभग 12 शव आ रहे हैं। ऐसे में इन चार जगह ही रोजाना 30-40 लोगों के अंतिम संस्कार की प्रक्रिया की जा रही है।
 

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