नोएडा के दिल सिटी सेंटर में जल्दी आएगी प्लॉट्स स्कीम, मिनी मॉल, रेस्टोरेंट, होटल और शॉप बना सकेंगे

मौका : नोएडा के दिल सिटी सेंटर में जल्दी आएगी प्लॉट्स स्कीम, मिनी मॉल, रेस्टोरेंट, होटल और शॉप बना सकेंगे

नोएडा के दिल सिटी सेंटर में जल्दी आएगी प्लॉट्स स्कीम, मिनी मॉल, रेस्टोरेंट, होटल और शॉप बना सकेंगे

Tricity Today | Noida

पहले नोटबंदी और फिर कोरोनावायरस संक्रमण के कारण लागू हुए लॉकडाउन ने रियल एस्टेट को पटरी से उतार रखा है। दूसरी ओर नोएडा विकास प्राधिकरण हर हाल में अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत करना चाहता है। इन दोनों परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए विकास प्राधिकरण लगातार नए अंदाज में योजनाएं लेकर आ रहा है। अब नोएडा में छोटे कमर्शियल प्लॉट्स की स्कीम अथॉरिटी लेकर आने वाली है। दरअसल, प्राधिकरण को मालूम है बड़े प्लॉट्स बिकने वाले नहीं हैं। खास बात यह है कि यह प्लॉट नोएडा शहर के दिल सिटी सेंटर में हैं। यह जमीन हाल ही में प्राधिकरण ने वह बिल्डर से वापस ली है।

नोएडा प्राधिकरण लॉकडाउन के बाद से अपनी आर्थिक हालत मजबूत करने में जुटा हुआ है। इस संबंध में प्राधिकरण 4.5 लाख वर्ग मीटर कमर्शियल लैंड को विकसित करने की योजना पर काम कर है। नोएडा सेक्टर-25ए और सेक्टर-32 में नोएडा प्राधिकरण के पास 4.5 लाख वर्ग मीटर कमर्शियल लैंड है। प्राधिकरण अब इस जमीन के छोटे-छोटे प्लॉट बनाकर बेचने की तैयारी में है। प्राधिकरण इन प्लॉट्स में मॉल, होटल, रेस्तरां और दुकानों के साथ-साथ दूसरी कमर्शियल एक्टिविटी की छूट देगा। 

बताते चलें कि मार्च 2011 में प्राधिकरण ने वेब बिल्डर को 6,14,000 वर्ग मीटर जमीन आवंटित किया था। पहले वेव बिल्डर इस जमीन को कमर्शियल हब के रूप में विकसित करने की तैयारी में था। पर 2016 में वेव बिल्डर ने प्रोजेक्ट सेटेलमेंट पॉलिसी के तहत इस जमीन को प्राधिकरण को वापस सौंपने की अर्जी दी। हालांकि, कुछ अड़चनों की वजह से प्रॉपर्टी वापस लेने संबंधी कार्रवाई पूरी न की जा सकी। बाद में पीएसपी के तहत बिल्डर ने फिर से 4.5 लाख वर्ग मीटर जमीन वापसी के लिए आवेदन दिया। तब प्राधिकरण ने लैंड वापस लेने संबंधी कार्रवाई पूरी करते हुए जमीन को अपने कब्जे में ले लिया। हालांकि, अभी वेव बिल्डर और प्राधिकरण के बीच सरेंडर डीड होना बाकी है।

छोटे प्लॉट्स बनाकर बेचेगा प्राधिकरण
प्राधिकरण की योजना इस जमीन को छोटे-छोटे टुकड़ों में बेचने की है। प्राधिकरण के अधिकारियों का कहना है कि एक साथ 4.5 लाख वर्ग मीटर कमर्शियल लैंड को बेच पाना बहुत जटिल होगा। इसलिए प्राधिकरण इस लैंड को करीब 9 प्लॉट्स में बंटेगा। इससे जमीन की कीमत कम हो जाएगी। निवेशकों को जमीन खरीदने के लिए कम पैसा लगाना पड़ेगा और लैंड बिकने की संभावना ज्यादा रहेगी। अगर प्राधिकरण की योजना सफल होती है, तो प्राधिकरण को 7000 करोड़ से भी ज्यादा का राजस्व मिलेगा। फिलहाल लैंड का साइज बहुत बड़ा है। इस वजह से इसे बेचने में मुश्किल आ रही है। 

निवेशकों को आकर्षित करने की योजना
नोएडा प्राधिकरण हर स्तर से इस जमीन को बेचने की कोशिश में है। लैंड का आकार छोटा होने के बाद निवेशक इस जमीन की खरीदारी के लिए आगे आ सकते हैं। प्राधिकरण का नियोजन विभाग इसके लिए तैयारियां शुरू कर चुका है। जमीन के कितने हिस्से किए जाएंगे और उसका नक्शा कैसे बनाया जाएगा, विभाग इससे संबंधित प्रक्रियाएं पूरी कर रहा है। प्राधिकरण जमीन के टुकड़े करने से पहले वहां बुनियादी सुविधाएं विकसित करने के पक्ष में हैं। प्राधिकरण के अधिकारियों का मानना है कि वहां सड़क, बिजली, पानी सहित अन्य बुनियादी सुविधाओं का विकास करना होगा। तभी प्राधिकरण निवेशकों को आकर्षित कर पाएगा। 

बकाया राशि जमा करने के लिए नोटिस जारी
इस बीच नोएडा प्राधिकरण ने वेव मेगा सिटी सेंटर प्राइवेट लिमिटेड को एक नोटिस भेजा है। इसमें प्राधिकरण ने 2500 करोड़ रुपये से ज्यादा की बकाए की राशि जल्दी जमा करने के लिए कहा है। वेव बिल्डर के कब्जे में एक लाख वर्ग मीटर से ज्यादा की जमीन है, जिसका प्रीमियम और ब्याज मिलकर 2500 करोड़ रुपये से ज्यादा हो गया है। प्राधिकरण ने बिल्डर को यथाशीघ्र बकाया राशि जमा करने के लिए कहा है। अगर बिल्डर बकाया राशि जमा करने में विफल रहता है, तो प्राधिकरण प्लॉट के रजिस्ट्रेशन को निरस्त कर जमा धनराशि जब्त कर लेगा। प्राधिकरण ने एक चिट्ठी के जरिए वेव बिल्डर को सूचित कर दिया है कि 4.5 लाख वर्ग मीटर जमीन अब प्राधिकरण के कब्जे में है। प्राधिकरण इस जमीन को अपनी सुविधानुसार बेचने के लिए स्वतंत्र है। वेव बिल्डर इस पर अब कोई दावा नहीं कर सकता।

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