250 कंपनियों की डिटेल, भारी संख्या में लैपटॉप, मोबाइल और पेन ड्राइव समेत अन्य सामान बरामद
आरोपियों के खाते में जमा ठगी के 3 करोड़ रुपए फ्रीज
Noida News : नोएडा साइबर, आईटी सेल और सेक्टर-20 थाना पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए फर्जी जीएसटी फर्म तैयार करके हजारों करोड़ रुपए की जीएसटी चोरी करने वाले गिरोह के चार शातिर अपराधियों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपियों के पास से पुलिस टीम ने 250 फर्जी फर्म की डिटेल, 41 फर्जी स्टाम्प, 54 फर्जी सिम कार्ड, 18 फर्जी आधार कार्ड, 16 फर्जी पैन कार्ड, तीन लैपटॉप सहित अन्य सामान बरामद किया है। इसके अलावा पुलिस टीम ने आरोपियों के खाते में ठगी की 3 करोड़ की रकम को भी फ्रीज कराया है। पुलिस टीम पकड़े गए आरोपियों से जानकारी करने में जुटी है।
250 फर्जी कंपनी की डिटेल बरामद
नोएडा जोन के डीसीपी हरीश चंदर ने बताया कि नोएडा साईबर, आईटी सेल और थाना सेक्टर-20 पुलिस की संयुक्त टीम ने फर्जी जीएसटी फर्म तैयार करके सरकारी राजस्व की चोरी करने वाले गिरोह के बारे में सूचना मिली थी। जिस पर पुलिस टीम ने तुरंत कार्रवाई करते हुए दिल्ली के त्रिनगर क्षेत्र में छापेमारी की। इस दौरान पुलिस टीम ने मौके से वेस्ट गोरख पार्क शहादरा दिल्ली निवासी राहुल निगम, बन्द गली मानसरोवर पार्क शहादरा दिल्ली निवासी पीयूष कुमार, चाईना चपप्ल मार्केट इन्द्रलोक निवासी दिलीप शर्मा और पुन्ड्रीक विहार पीतमपुरा दिल्ली निवासी राकेश कुमार को गिरफ्तार किया है। पुलिस टीम ने मौके से 250 फर्जी जीएसटी फॉर्म की डिटेल, फर्जी स्टांप, फर्जी सिम कार्ड, फर्जी आधार कार्ड, फर्जी पैन कार्ड और अन्य सामान बरामद किया है। पता चला कि पकड़े गए आरोपी अपने साथियों के साथ मिलकर हजारों करोड़ रुपए की जीएसटी चोरी की घटना को अंजाम दे चुके हैं। फर्जी कंपनी के आधार पर जीएसटी चोरी के मामले में पुलिस पहले भी 25 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। हजारों करोड़ के राजस्व का नुकसान
एडिशनल डीसीपी शक्ति अवस्थी ने बताया कि पहले गिरफ्तार किए गए और फरार चल रहे आरोपियों द्वारा अपने जीएसटी चोरी से सम्बन्धित डेटा निशान्त अग्रवाल नामक युवक को दिया गया था। अब निशांत अग्रवाल और इसके साथियों के साथ मिलकर जीएसटी चोरी की घटना को अंजाम दे रहे हैं। इस गिरोह द्वारा फर्जी फर्म जीएसटी नम्बर द्वारा फर्जी बिल का उपयोग कर जीएसटी रिफन्ड (ITC input टैक्स क्रेडिट) प्राप्त करके सरकार को हजारों करोड़ के राजस्व का नुकसान पहुंचाया गया है। इस गैंग के सदस्यों द्वारा पहले गिरफ्तार किए गए गैंग डेटा का भी इस्तेमाल किया जा रहा था। साथ ही कुछ नए फर्जी फर्मों का डेटा का इस्तेमाल किया जा रहा था। अभी तक की पूछताछ में लगभग 200 से अधिक नए फर्जी फर्मों के बारे में जानकारी प्राप्त हुई है।
फर्जी आयात निर्यात दिखाकर लेते थे आर्थिक लाभ
नोएडा जोन के एसीपी रजनीश वर्मा ने बताया कि पकड़े गए गिरोह का सरगना दिल्ली के पीतमपुरा का रहने वाला निशान्त है। वह अपने साथियों के साथ मिलकर फर्जी जीएसटी फर्म तैयार कर उनकी फर्जी ओनरशिप अन्य लोगों के नाम रजिस्टर्ड करते हैं। निशान्त अग्रवाल पकड़े जाने के डर से बॉम्बे शिफ्ट हो गया है। निशान्त ने ही पकड़े गए आरोपियों को इस कार्य को करने के लिए काम पर रखा था। पकड़ा गया आरोपी पीयूष गुप्ता दिल्ली विश्वविद्यालय से एमबीए कर चुका है। वह बैंकिंग का सारा कार्य देखता था। पकड़े गए आरोपियों द्वारा फर्जी कम्पनियों को तैयार कर थाईलैंड, सिंगापुर, ताईवान, फिलिपींस, वियतनाम आदि में स्थित कम्पनियों से फर्जी तरीके से आयात निर्यात दिखाकर आर्थिक लाभ प्राप्त करते हैं। अभी तक पूछताछ में पता चला है कि यह गिरोह प्रतिदिन करीब 70 से 80 लाख रुपए के फर्जी बिल तैयार करते हैं। पुलिस टीम ने जांच के बाद 8 खातों में लगभग 3 करोड़ से अधिक की धनराशि फ्रीज की है।