Google Image | विद्युत कनेक्शन के नाम पर 54 लाख रुपये की रिश्वत ली गई
नोएडा में विद्युत कनेक्शन के नाम पर 54 लाख रुपये की रिश्वत का मामला सामने आया है
पावर कारपोरेशन ने अधिशासी अभियंता संजय शर्मा और हेड कैशियर महेश कुमार को बर्खास्त कर दिया है
लेखा अधिकारी को दोषमुक्त कर दिया गया है
बर्खास्तगी की कार्रवाई के बाद अब नोएडा पुलिस कमिश्नरेट ने जांच तेजी से आगे बढ़ा दी है
साक्ष्य के आधार पर आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी का आपराधिक मुकदमा चलेगा
Noida News : नोएडा में विद्युत कनेक्शन के नाम पर 54 लाख रुपये की रिश्वत के मामले में पावर कारपोरेशन ने अधिशासी अभियंता संजय शर्मा और हेड कैशियर महेश कुमार को बर्खास्त कर दिया है। इस कार्रवाई के बाद नोएडा पुलिस भी सक्रिय हो गई है। सेक्टर-20 कोतवाली में एफआईआर दर्ज है। पुलिस ने पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम के प्रबंध निदेशक कार्यालय से सबूत मांगे हैं। दूसरी ओर इस रिश्वत कांड के तीसरे आरोपी सहायक लेखाधिकारी रामरतन सुमन को क्लीन चिट दे दी गई है।
उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष एम देवराज की ओर से जारी की गई टिप्पणी के बाद लेखाधिकारी रामरतन सुमन को सभी आरोपों से दोषमुक्त कर दिया गया है। अधिकारियों ने बताया कि जांच के दौरान लेखाधिकारी का दोष सिद्ध नहीं हो पाया है। आंशिक तौर पर जो शिथिलता उनके कार्य में पाई गई थी, उसके लिए पहले ही कार्रवाई की जा चुकी है। जांच के दौरान अधिशासी अभियंता संजय शर्मा और हेड कैशियर महेश कुमार ने लेखाधिकारी रामरतन पर आरोप लगाए थे, वह सत्यापित नहीं पाए। इसलिए लेखा अधिकारी को दोषमुक्त कर दिया गया है।
नोएडा पुलिस ने पावर कारपोरेशन से सबूत मांगे
विद्युत निगम के अधिकारियों पर बर्खास्तगी की कार्रवाई के बाद अब नोएडा पुलिस कमिश्नरेट ने जांच तेजी से आगे बढ़ा दी है। प्रबंध निदेशक से आरोपित अफसरों के खिलाफ साक्ष्य मांगे हैं। जिससे आरोपी अफसर और कर्मचारी की गिरफ्तारी हो सके। आपको बता दें कि सेक्टर-18 में स्थित विद्युत निगम के खंड-2 में तैनात रहे अधिशासी अभियंता संजय शर्मा और हेड कैशियर महेश कुमार को पावर कारपोरेशन ने 54 लाख रुपए के घोटाले के आरोप में बर्खास्त कर दिया है। इस प्रकरण में विद्युत निगम के अधीक्षण अभियंता बीएल मौर्य ने सेक्टर-20 कोतवाली में ईई और कर्मचारियों के खिलाफ धोखाधड़ी समेत अन्य कई धाराओं में मामला दर्ज कराया था। जैसे ही अब पुलिस अधिकारियों को अधिशासी अभियंता और हेड कैशियर के बर्खास्त होने की सूचना मिली तो उन्होंने प्रबंध निदेशक मेरठ को पत्र लिखकर साक्ष्य मांगे हैं।
बर्खास्तगी का आधार मुकदमा चलाने के लिए पर्याप्त
नोएडा पुलिस की ओर से और कारपोरेशन के एमडी को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि जिन आधार पर आरोपी अधिकारी और कर्मचारी के खिलाफ बर्खास्तगी की कार्रवाई की है, उन्हीं साक्ष्य के आधार पर आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी का आपराधिक मुकदमा चलेगा। इन्हीं सबूतों के आधार पर पुलिस अदालत में चार्जशीट दाखिल करेगी और आरोपियों को गिरफ्तार करेगी। नोएडा के अपर पुलिस उपायुक्त कुमार रणविजय सिंह ने कहा, "सेक्टर-20 कोतवाली में विद्युत निगम के अधिकारी ने अपने ही अधिकारी और कर्मचारी के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया था। विद्युत निगम ने ही एक अफसर और कर्मचारी को दोषी मानते हुए बर्खास्त कर दिया गया है। इसे आधार मानते हुए धोखाधड़ी के मामले में साक्ष्य मांगे हैं और उसके बाद आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए कार्रवाई की जाएगी।