पढ़ने के लिए कहा तो घर छोड़ दिया, तीन लड़कियों को जौनपुर पुलिस ने 10 घंटे में नोएडा से बरामद किया

Noida: पढ़ने के लिए कहा तो घर छोड़ दिया, तीन लड़कियों को जौनपुर पुलिस ने 10 घंटे में नोएडा से बरामद किया

पढ़ने के लिए कहा तो घर छोड़ दिया, तीन लड़कियों को जौनपुर पुलिस ने 10 घंटे में नोएडा से बरामद किया

Google Image | प्रतीकात्मक फोटो

जौनपुर पुलिस ने एक नाटकीय घटनाक्रम में क्षेत्र से लापता तीन नाबालिग लड़कियों को गौतमबुद्ध नगर पुलिस की मदद से नोएडा से बरामद कर लिया। तीनों लड़कियां घर से स्कूल के लिए निकली थीं और परिजनों को बिना बताए मुंबई के लिए चल पड़ीं। परिजनों की सूचना पर पुलिस ने मामला दर्ज कर बच्चियों की खोजबीन शुरू कर दी। मामला उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले के खुटहन क्षेत्र का है। पुलिस ने लापता तीनों नाबालिग छात्राओं को घटना के 10 घण्टे के अंदर ही नोएडा से सकुशल बरामद कर लिया। पुलिस की पूछताछ में पता चला कि तीनों लड़कियां मुंबई जाने के लिए घर से निकली थीं। हालांकि उन्होंने परिजनों को इसकी भनक भी नहीं लगने दी।

पुलिस अधीक्षक राजकरन नय्यर ने गुरुवार को घटना के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि खुटहन थाने पर बुधवार रात 10 बजे इस संबंध में सूचना मिली। परिजनों ने पुलिस को बताया कि घर से स्कूल के लिए निकली तीन लड़कियां न तो विद्यालय पहुंची और न ही घर आई हैं। पुलिस ने मामले की गंभीरता को समझते मुकदमा दर्ज कर तत्परता से छात्राओं की खोजबीन शुरू कर दी। बातचीत में पता चला कि तीनों में से एक के पास मोबाइल है। पुलिस ने फौरन उसका नम्बर सर्विलांस सेल को भेजा दिया।
      
अधिकारी ने बताया कि रात करीब 10.30 बजे लड़की के मोबाइल की लोकेशन कानपुर प्राप्त हुई। हालांकि उसके बाद मोबाइल बन्द हो गया। पुलिस की एक टीम तत्काल कानपुर और दिल्ली के लिए रवाना कर दी गई। पुलिस को अंदेशा हुआ कि बच्चियां दिल्ली की तरफ जा रही हैं। सर्विलांस सेल को गुरुवार की सुबह करीब साढ़े सात बजे मोबाइल फोन की लोकेशन आगरा के पास मिली। इसके बाद फौरन आगरा व नोएड़ा पुलिस से सम्पर्क कर यमुना एक्सप्रेस-वे पर कानपुर से जाने वाली सभी बसों की गहनता से तलाशी के लिए कहा गया। 

तलाशी के दौरान तीनों छात्राओं को नोएडा के पास एक्सप्रेस-वे बरामद कर लिया गया। जौनपुर और गौतमबुद्ध नगर पुलिस ने मिलकर महज 10 घंटे में ही तीनों लड़कियो को सकुशल बरामद कर लिया। पूछताछ में पता चला कि लड़कियां स्वेच्छा से घर निकली थीं और  मुम्बई जा रही थीं। लड़कियों के पास सिर्फ ढ़ाई हजार रुपये थे। छात्राओं का कहना था कि उनके घर वाले बार-बार उन्हें पढ़ाई के लिए कहते थे। लड़कियां इससे तंग आ गई थीं। और मुंबई जा रही थीं।
       
पुलिस अधीक्षक राजकरन नय्यर ने अभिभावकों और बच्चों के लिए एक संदेश दिया। अधिकारी ने कहा कि अपने बच्चों को तकनीकी उपकरण दे रहे हैं, तो इस बात का जरूर ध्यान दें कि बच्चा उनका कैसा प्रयोग कर रहा है, अभिभावक के लिए बहुत जरूरी है कि बच्चों से संपर्क बनाकर रखें। उन्होंने बच्चों से कहा कि सोशल मीडिया का प्रयोग करते समय सतर्क रहें। सोशल मीडिया के माध्यम से यदि कोई व्यक्ति आपसे सम्पर्क कर आपको कहीं बुलाता है, तो इसकी सूचना अपने अभिभावक को अवश्य दें।

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