- मतदाताओं और उम्मीदवारों को प्रभावित करने वाले लोगों पर पुलिस की नजर
गौतमबुद्ध नगर में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को शांतिपूर्ण संपन्न करवाने के लिए पुलिस ने कमर कस ली है। ग्रेटर नोएडा पुलिस ने एक हजार से ज्यादा लोगों को मुचलका पाबंद किया है। इनके अलावा सैकड़ों और लोगों के खिलाफ मुचलके भरने की तैयारी चल रही। पुलिस चुनाव में अशांति फैलाने वाले लोगों की लिस्ट तैयार कर रही है। जिससे कि इनपर नजर रखी जा सके।
ग्रेटर नोएडा डीसीपी राजेश कुमार सिंह ने बताया कि शांतिपूर्ण तरीके से चुनाव संपन्न कराने के लिए तैयारी की जा रही है। इसी प्रक्रिया में अपराधिक प्रवृत्ति के 1000 से अधिक लोगों को मुचलके में पाबंद किया जा चुका है। सैकड़ों अन्य लोगों को मुचलके से पाबंद करने की प्रक्रिया चल रही है। पुलिस की टीम गांव-गांव से ऐसे लोगों की लिस्ट तैयार कर रही है, जो चुनाव में अशांति फैला सकते हैं। पुलिस ऐसे लोगों को मुचलके में पाबंद कर रही है। जिससे कि इन लोगों पर नजर रखी जा सके। इसके अलावा अपराधियों के खिलाफ गुंडा एक्ट और जिला बदर करने की कार्रवाई भी शुरू कर दी है। यदि कोई व्यक्ति चुनाव को लेकर अशांति फैलाने का प्रयास करता है तो पुलिस उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी।
कम से कम 2 लोग जिले से बाहर किए जाएंगे
ग्रेटर नोएडा पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक चुनाव प्रक्रिया के दौरान करीब 100 लोगों को जिला बदर किया जाएगा। इन लोगों के जिले में रहते शांति भंग होने की आशंका है। लिस्ट तैयार कर ली गई है। जल्दी इन सारे बदमाश किस्म के लोगों को नोटिस भेजकर जिला छोड़ने की चेतावनी दी जाएगी। अगर इसके बावजूद इनमें से कोई व्यक्ति जिले में मिला तो उसे गिरफ्तार करके जेल भेज दिया जाएगा। करीब 250 लोगों के खिलाफ गुंडा एक्ट के तहत कार्यवाही करने की तैयारी की जा रही है। ऐसे लोगों का इतिहास खंगाला जा रहा है, जिन्होंने पिछले चुनावों में किसी भी तरह का व्यवधान पैदा किया था। मतदाताओं और उम्मीदवारों को प्रभावित करने की कोशिश करने वाले लोगों पर भी पुलिस की नजर है।
क्या होता है मुचलका पाबंद
क्रिमिनल प्रोसीजर कोड (CRPC) के तहत पुलिस ऐसे लोगों की पहचान करती है, जो कानून-व्यवस्था को गलत ढंग से प्रभावित कर सकते हैं। ऐसे लोगों के खिलाफ सीआरपीसी की धारा 107/116 के तहत कार्यवाही की जाती है। ऐसे लोगों पर भारी भरकम धनराशि का बंद पत्र जारी कर दिया जाता है। इन लोगों को पुलिस मजिस्ट्रेट या सक्षम मजिस्ट्रेट के समक्ष हाजिर होकर बंध पत्र पेश करना होता है। वचन देना होता है कि किसी भी असामाजिक कृत्य में शामिल नहीं होंगे। अगर ऐसा हुआ तो बंध पत्र की कीमत के बराबर संपत्ति जब्त कर ली जाती है। पुलिस और प्रशासन कानूनी कार्रवाई करते हैं। इसे मुचलका पाबंद कहा जाता है। यह प्राथमिक स्तर की निषेधाज्ञा प्रक्रिया है।