जिस उम्र में बुनने थे सपने, हाथ में कटोरा लेकर भीख मांगने को थे मजबूर

583 बच्चों को नोएडा पुलिस ने दिया नया जीवन : जिस उम्र में बुनने थे सपने, हाथ में कटोरा लेकर भीख मांगने को थे मजबूर

जिस उम्र में बुनने थे सपने, हाथ में कटोरा लेकर भीख मांगने को थे मजबूर

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Noida News : नोएडा पुलिस (Noida Police) ने एक सराहनीय काम किया है। दरअसल, जिले में भीख मांगने को मजबूर 300 बच्चों को नोएडा पुलिस ने रेस्क्यू कर भिक्षावृत्ति से छुड़वाया है। नोएडा कमिश्नरेट पुलिस की एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट (Anti Human Trafficking Unit) ने बीते करीब 14 महीने में 283 बाल श्रमिकों को मुक्त कराया है। बड़ी बात यह है कि इन बच्चों से काम कराने वाले व्यक्तियों को नोटिस देकर कार्रवाई की चेतावनी दी है। पुलिस ने जगह-जगह जाकर बच्चों को ढूंढा और रेस्क्यू करके उन्हें नया जीवन दिया है। 

नोएडा पुलिस का एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट का अभियान 
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, वर्ष 2023 में जिन 283 बाल श्रमिकों को मुक्त कराया गया है। इनमें 184 बच्चे मैकेनिक, हेल्पर या मजदूरी का काम करते मिले थे। इसके अलावा 30 बाल श्रमिक होटल, ढाबे और स्वीट कॉर्नर पर काम करते मिले। जबकि सात बाल श्रमिक घरों में काम कर रहे थे। इन सभी बच्चों की काउंसलिंग की गई। उनके परिजनों से बात की गई और बाल श्रम की खामियों के बारे में उन्हें बताया गया। सरकार द्वारा बाल श्रम रोकने के लिए चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी भी बाल श्रमिकों और उनके परिजनों को दी गई, ताकि बच्चे उनका लाभ लेकर समाज की मुख्य धारा में लौट सकें। अच्छी बात रही कि इन 14 महीनों में अनैतिक देह व्यापार में लिप्त कोई बालक और बालिका नहीं मिली। 

काउंसलिंग करके घर पहुंचाया 
एसीपी महिला सुरक्षा से मिली जानकारी के अनुसार, अलग-अलग चौक और लापता लोगों को परिजनों से मिलवाया गया है। वर्ष 2023 में कुल 26 लापता लोगों को परिजनों से मिलाया गया है। ये लोग रास्ता भटकने के बाद अलग-अलग जगहों पर मिले। इनमें 20 महिलाएं और छह लड़के भी शामिल रहे। वहीं, वर्ष 2024 के शुरुआती दो माह में चार महिलाएं और एक बालिका को उनके परिजनों से मिलाया गया। काउंसलिंग के दौरान लापता लोगों के घरों की जानकारी मिली। इसके बाद वहां के जिलाधिकारी, थाना प्रभारी और प्रधान समेत अन्य लोगों से संपर्क किया गया, ताकि जानकारी की पुष्टि की जा सके। इसके बाद परिजनों के सुपुर्द किया गया। चौराहों पर भिक्षा मांगने वाले बच्चों की बेहतरी के लिए भी कमिश्नरेट पुलिस की ओर से अभियान चलाया गया। 

14 महीने में 283 लोगों को बाल श्रम से मुक्ति दिलाई 
2023 में 147 बच्चियों और 133 बच्चों को भिक्षावृत्ति से मुक्ति दिलाई गई। चौक चौराहों पर भिक्षावृत्ति करने वालों में बालिकाओं की संख्या बालकों से अधिक रही। वहीं 2024 में 29 बाल श्रम 3 और भिक्षावृति पर अंकुश लगाने के लिए एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट की ओर से अभियान चलाकर बीते 14 महीने में 283 लोगों को बाल श्रम से मुक्ति दिलाई गई। 300 बच्चों से भिक्षावृत्ति छुड़वाकर उन्हें परिजनों के सुपुर्द किया गया। वहीं, 31 लापता लोगों को भी उनके परिजनों से मिलाया गया।

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