आपके शासनकाल में 119 रेप केस दर्ज हुए थे, उन पर गौर फरमाएंगे, ट्वीटर पर छिड़ी बहस

नोएडा पुलिस का समाजवादी पार्टी को जवाब : आपके शासनकाल में 119 रेप केस दर्ज हुए थे, उन पर गौर फरमाएंगे, ट्वीटर पर छिड़ी बहस

आपके शासनकाल में 119 रेप केस दर्ज हुए थे, उन पर गौर फरमाएंगे, ट्वीटर पर छिड़ी बहस

Tricity Today | नोएडा पुलिस का समाजवादी पार्टी को जवाब

Noida News : गौतमबुद्ध नगर जिले में रेप केसेज को लेकर एक हिंदी अखबार की खबर और उस पर समाजवादी पार्टी व गौतमबुद्ध नगर पुलिस के बीच ट्विटर पर हुए सवाल-जवाब अब बहस का मुद्दा बन गए हैं। दरअसल, बुधवार की सुबह हिंदी समाचार पत्र ने गौतमबुद्ध नगर में पिछले पांच महीनों के दौरान रेप केसेज पर एक खबर प्रकाशित की। इस खबर को आधार बनाकर समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) ने ट्वीट किया। राज्य की कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़ा कर दिया। समाजवादी पार्टी के ट्वीट पर गौतमबुद्ध नगर पुलिस (Noida Police) ने हैरतंगेज जवाब दिया। अब गौतमबुद्ध नगर पुलिस का यह जवाब सोशल मीडिया पर बहस का मुद्दा बन गया है। मामले ने तूल पकड़ा तो गौतमबुद्ध नगर पुलिस ने अपना ट्वीट डिलीट कर दिया है।

हिंदी अखबार ने क्या छापा
हिंदी अखबार ने बुधवार की सुबह पिछले पांच महीनों में हुए रेप के मामलों का ब्यौरा प्रकाशित किया है। जिसमें बताया गया है कि पांच महीनों के दौरान गौतमबुद्ध नगर जिले में 88 रेप केस दर्ज किए गए हैं। मतलब, हर दूसरे दिन रेप की घटना हुई है। खबर में कहा गया है कि पुलिस गंभीरता से इन मामलों को सुलझाने के लिए कार्रवाई नहीं कर रही है। इस खबर में एडिशनल डीसीपी (महिला सुरक्षा) प्रीति यादव का बयान भी लिखा गया है। जिसमें प्रीति यादव ने जागरूकता अभियान के बारे में जानकारी दी है और उन्होने दावा किया है कि 20 हजार से ज्यादा महिलाओं को जागरूकता अभियान से जोड़ चुकी हैं। हिन्दी अखबार ने इस खबर में पिछले साल दर्ज हुए 229 रेप केस का ब्यौरा भी दिया है। जिसमें गौतमबुद्ध नगर के सभी थानों में दर्ज किए गए मुकदमों की संख्या बतायी गई है।

समाजवादी पार्टी ने क्या लिखा
इस खबर का स्क्रीनशॉट लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के ट्विटर हैंडल से बुधवार की सुबह एक ट्वीट किया गया है। जिसमें लिखा गया है, "समाजवादी पार्टी के ट्वीट और हिंदी अखबार की खबर पर गौतमबुद्ध नगर पुलिस की ओर से ट्वीटर पर प्रतिक्रिया दी गई। जिसमें गौतमबुद्ध नगर पुलिस के आधिकारिक ट्वीटर हैंडल से लिखा गया, "यूपी के नोएडा में योगीराज में 5 महीनों में 88 रेप केस रजिस्टर्ड हुए हैं। ये वो केस हैं जो पुलिस के संज्ञान में हैं ,तमाम ऐसे केसेज हैं, जहां पीड़ितों की एफआईआर तक नहीं लिखी गई। ये आंकड़े तो सिर्फ नोएडा के हैं, योगीराज में पूरे यूपी के आंकड़े भयावह हैं। शर्मनाक है योगीराज।"

गौतमबुद्ध नगर पुलिस का जवाब
समाजवादी पार्टी के इस ट्वीट और हिंदी अखबार की खबर पर गौतमबुद्ध नगर पुलिस के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से प्रतिक्रिया जाहिर की गई। जिसमें लिखा गया, "अखबार द्वारा बिना फैक्ट चेक की ये समाचार पत्र पर यह खबर प्रकाशित की गई। समाजवादी पार्टी के शासनकाल में 1 जनवरी 2016 और 31 मई 2016 तक नोएडा में सेक्शुअल असॉल्ट 119 मामले दर्ज हुए थे। क्या इन पर गौर फरमाएंगे।"

ट्वीटर पर छिड़ी बहस
गौतमबुद्ध नगर पुलिस के इस जवाब के बाद ट्विटर पर बहस छिड़ गई है। पूर्व पुलिस अफसर, कई बड़े पत्रकार और विपक्षी दलों के नेता तीखी प्रतिक्रिया जाहिर कर रहे हैं।  इन तमाम लोगों ने गौतमबुद्ध नगर पुलिस के जवाब को आचार संहिता का खुला उल्लंघन करार दिया है। सीनियर जर्नलिस्ट ममता त्रिपाठी ने लिखा है, "सोशल मीडिया पर घनघोर बेइज्जती कराने के बाद नोएडा पुलिस के ट्वीटर हैंडिल से ये ट्वीट डिलीट कर दिया गया है।" उन्होंने नोएडा की पुलिस आयुक्त को टैग करके लिखा, "कानून-व्यवस्था में इमेज का रोल बहुत महत्वपूर्ण हैं। ऐसे लोगों को हटाएं वहां से जो भद्द पिटवा रहे हैं। कौन चला रहा है ये हैंडल? ऐसे पॉलिटिकल बयान पुलिस के हैंडिल से। भाजपा में नेता कम पड़ गए हैं, जो पुलिस को उनका काम करना पड़ रहा है। नोएडा भाजपा यूनिट को भंग करके नई भर्ती करनी चाहिए… उस वक्त भी तो नोएडा में कोई कप्तान रहा ही होगा। अपने अफसरों पर इस तरह अपरोक्ष टिप्पणी अशोभनीय है।" डिजिटल जर्नलिस्ट सचिन गुप्ता ने ट्वीट किया, "अखबार ने आज नोएडा में पिछले 5 महीने में महिला रेप केस की रिपोर्ट छापी। समाजवादी पार्टी की मीडिया सेल ने इस रिपोर्ट को शेयर किया। रिपोर्ट में पिछली और वर्तमान सरकार का तुलनात्मक आंकड़ा नहीं था। फिर भी नोएडा पुलिस ने सपा शासनकाल में दर्ज हुए मुकदमे गिना डाले। शायद बाद में कुछ अहसास हुआ होगा, इसलिए नोएडा पुलिस को अपना विवादित ट्वीट डिलीट करना पड़ा।"

यूपी कांग्रेस सोशल मीडिया सेल की हेड पंखुड़ी पाठक ने लिखा है, "यह सम्भव ही नहीं है कि यह ट्वीट यूपी पुलिस और नोएडा पुलिस द्वारा किया गया हो, क्योंकि सत्ता में कोई भी पार्टी हो, पुलिस फोर्स और अफसर तो वही हैं। क्या पुलिस यह कह रही है कि वह अन्य पार्टी की सरकार में अपराध होने दे रही थी? यह भाषा साफ-साफ भाजपा आईटी सेल की है। उत्तर प्रदेश पुलिस पर कब्जा पूरा हो चुका है। आने वाली सरकारों को पुलिस को मुक्त करवाने के लिए बड़ी कार्रवाई करनी होगी।" पंखुड़ी ने आगे लिखा, "ऐसा प्रतीत हो रहा है कि नोएडा पुलिस का ट्विटर हैंडल भाजपा की आईटी सेल द्वारा संचालित किया जा रहा है। क्या नोएडा की पुलिस आयुक्त और यूपी के पुलिस महानिदेशक को इसकी जानकारी है? लग तो रहा है यूपी पुलिस का पूरी तरह भाजपाई-करण हो चुका है। जो देश की अफसरशाही और लोकतंत्र पर सीधे सवाल उठाता है।"

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