गौतमबुद्ध नगर पुलिस कमिश्नरेट की तरफ से चलाया जा रहा ‘ऑपरेशन मुस्कान’ बिछड़े मासूमों को परिजनों तक पहुंचा रहा है। यह मिशन अपने उद्देश्यों में पूरी तरह सफल है। लापता बच्चों को खोजकर उनके परिवारों से मिलवाने के लिए चलाए गए इस अभियान के तहत 10 दिन के अंदर 15 बच्चों की तलाश कर उनके परिजनों को सौंप दिया गया है। इनमें से कई च्चे डेढ़ साल से ज्यादा समय से लापता थे। नोएडा के पुलिस कमिश्नर आलोक सिंह स्वंय इस मिशन की समीक्षा कर रहे हैं।
अपर पुलिस आयुक्त (मुख्यालय) पुष्पांजलि ने बताया कि परिवार से बिछड़े बच्चों को ढूंढ़कर उनके परिजनों से मिलाने के लिए गौतमबुद्ध नगर पुलिस कमिश्नरेट ने ‘मिशन मुस्कान’ शुरू किया है। इसके लिए 15 स्पेशल टीमें बनाई गई हैं। इनमें निरीक्षक, उपनिरीक्षक के साथ हेड कांस्टेबल और कांस्टेबल स्तर के कर्मियों को लगाया गया है।
उन्होंने बताया कि ‘ऑपरेशन मुस्कान’ पुलिस उपायुक्त (महिला सुरक्षा) वृंदा शुक्ला की देखरेख में चलाया जा रहा है। इस अभियान में लगी टीमों में उन पुलिस कर्मियों को रखा गया है, जो पहले बच्चों के अपहरण तथा मानव तस्करी के मामलों के खुलासे कर चुके हैं। उन्हें इस तरह के मामलों का विशेष अनुभव है। इस अभियान के तहत पुलिस कमिश्नरेट ने 10 दिन में ऐसे 15 बच्चों को उनके परिजनों को सौंप दिया है। ये कई दिन से लापता थे। इनमें 7 लड़के तथा 8 लड़कियां हैं।
पुष्पांजलि ने बताया कि गौतमबुद्ध नगर पुलिस अभियान के तहत यहां के आश्रय गृहों में रहने वाले बच्चों की काउंसलिंग कर रही है। उनके बारे में अधिक से अधिक जानकारी हासिल कर रही है। ताकि उनके परिवार के बारे में पता लगाकर उन्हें परिजनों से मिलाया जा सके। उन्होंने बताया कि यहां के विभिन्न अनाथालयों, आश्रय गृहों में ऐसे 58 बच्चे रह रहे हैं, जिनके परिजनों के बारे में पुलिस पता लगाने का प्रयास कर रही है।